उत्तर बंगाल की जल आपदा में फंसे लोगों के हाथी बने प्राण बचाने वाले साथी
उत्तर बंगाल में प्राकृतिक आपदा में लोगों के साथ कई जंगली जीव जंतुओं की भी जान ले ली है। जबकि आपदा में फंसे हुए यात्रियों को हाथियों की मदद से बाहर निकाला गया। जलदापारा में वाइल्डलाइफ वॉर्डन रविकांत झा ने कहा कि प्रशिक्षित कुमकी हाथियों की मदद से यात्रियों की जान बचाई जा सके। उन्होंने कहा, भारी बारिश की वजह से लॉज के पास बना पुल टूट गया था। ऐसे में हाथी नदी के बीच पहुंचे और लोगों को निकालकर बाहर लाए। जो अन्य यात्री फंसे हुए थे उन्हें भी हाथियों की मदद से ही निकाला गया। बता दें कि पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ भी ऐक्टिव है और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रही है। एनडीआरएफ ने सैकड़ों लोगों को निकालकर ऊंची जगहों पर पहुंचाया है। रेस्क्यू टीम के मुताबिक जलपाइगुड़ी में 105 लोगों को नाव से और 55 लोगों को जिप लाइन से निकाला गया है। बता दें कि एक दिन पहले ही दार्जिलिंग में भारी बारिश की वजह से एक लोहे का पुल गिर गया था। वहीं भूस्खलन में कम से कम 11 की मौत हो गई थी। यह आंकड़ा बढ़कर अब 24 पर पहुंच गया है। कर्सियांग के एएसपी के मुताबिक, मलबे से शवों को ढूंढने का काम जारी है। गौरीशंकर में भूस्खलन की वजह से रोहिणी रोड भी बंद हो गई है। इसके अलावा दार्जिलिंग के कई गांवों से संपर्क एकदम से टूट गया है। भूस्खलन की वजह से सड़कों पर कीचड़ जम गया है और यातायात ठप हो गया है। पंखाबाड़ी, तीनधारिया मार्गों की भी स्थिति चलने लायक नहीं रह गई है। राष्ट्रपति द्राौपदी मुर्मू ने भी पश्चिम बंगाल की इस आपदा पर दुख जताया है और कहा है कि मरने वाले लोगों के परिवारों के साथ उनकी संवेदनाएं हैं। राष्ट्रपति ने घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की है। अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के कारण कई घर बह गए, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, दूरदराज के कई गांवों का संपर्क टूट गया तथा सैकड़ों पर्यटक फंस गए।
एनडीआरएफ और बंगाल सरकार के दार्जिलिंग व जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन द्वारा संकलित रिपोर्ट के अनुसार, कई स्थानों - सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची), नागराकाटा और मिरिक झील क्षेत्र से लोगों के मारे जाने की खबर है। निकटवर्ती जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा में एक अलग बचाव अभियान में भूस्खलन के मलबे से पांच शव बरामद किए गए।
दुर्गा पूजा और पूजा के बाद के उत्सवों का आनंद लेने के लिए दार्जिलिंग की पहाड़ियों में आए सैकड़ों पर्यटक भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन के कारण फंस गए हैं। उनमें से कई, जिनमें कोलकाता और बंगाल के अन्य हिस्सों से आए परिवार और समूह शामिल थे, मिरिक, घूम और लेपचाजगत जैसे लोकप्रिय स्थानों पर जा रहे थे। पहाड़ियों पर शनिवार से ही बारिश हो रही थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की, लेकिन राशि का उल्लेख नहीं किया और कहा कि वह छह अक्टूबर को उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी और क्षेत्र की स्थिति का आकलन करेंगी, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक भी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने मरने वालों का कोई आंकड़ा नहीं दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मौतों पर शोक व्यक्त किया और कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग सहित उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में छह अक्टूबर तक अत्यधिक भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। साथ ही, मिट्टी की नाजुक स्थिति के कारण और अधिक भूस्खलन और सड़कों पर अवरोध पैदा होने की चेतावनी दी है।एनडीआरएफ के अनुसार, दार्जिलिंग जिले और उत्तरी सिक्किम में सड़क संपर्क गंभीर रूप से बाधित है और सिलीगुड़ी को मिरिक-दार्जिलिंग मार्ग से जोड़ने वाला एक लोहे का पुल क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे इस क्षेत्र तक पहुंच बाधित हो गई है। (अशोक झा की रिपोर्ट )
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