- भाजपा विधायक सांसद हमला मामले में अब तक पुलिस की दो को गिरफ्तार
- फिर मचेगा हंगामा सीएम ममता ने अमित शाह को कहा मीर जाफर
महान स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले ने कहा था, "जो बंगाल आज सोचता है, वो भारत कल सोचेगा।" पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होने वाले हैं, लेकिन यहां राजनीतिक गतिविधियां हमेशा सक्रिय रहती हैं।
वहीं राजनीतिक हिंसा से भी बंगाल अक्सर दो चार होता रहता है। लेकिन तमाम घटनाक्रमों के बीच उत्तर बंगाल में पिछले दिनों भारी बारिश और भूस्खलन ने न केवल उत्तर बंगाल में तबाही लाई है बल्कि इसने राजनीतिक तापमान भी बढ़ा दिया है। अब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में मुलाकात की एक तस्वीर साझा की। इसमें कहा गया पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी वी आनंद बोस ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। उत्तर बंगाल से सीधे दिल्ली आए राज्यपाल के दौरे को राजनीतिक और प्रशासनिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब राज्य सरकार और केंद्र के बीच बाढ़ प्रबंधन, राहत उपायों और क्षेत्र में राजनीतिक हिंसा को लेकर मतभेद चल रहे हैं। बोस ने इससे पहले बीते दिनों अपना क्षेत्रीय दौरा शुरू किया और दक्षिण भारत से सीधे उत्तर बंगाल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने सबसे पहले दूधिया ब्रिज इलाके का दौरा किया, जो सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में से एक है और जहाँ तेज़ पानी के कारण पुल पूरी तरह से नष्ट हो गया है। अपने दौरे के दौरान, बोस ने आस-पास के इलाकों में फंसे स्थानीय लोगों से बातचीत की और सड़कों, घरों और कृषि भूमि को हुए नुकसान का व्यक्तिगत रूप से मुआयना किया। इसके बाद उन्होंने एक राहत शिविर का दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों से उनकी जीवन स्थितियों और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बारे में बात की। राज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया कि उन्हें पर्याप्त सरकारी सहायता, चिकित्सा देखभाल और उचित पुनर्वास मिलेगा। उनके इस दौरे को राजभवन की ओर से एकजुटता के एक मज़बूत संदेश के रूप में देखा गया, जिसमें इस बात पर ज़ोर दिया गया कि राज्य के संवैधानिक प्रमुख इस मानवीय संकट पर कड़ी नज़र रख रहे हैं। राज्यपाल की गतिविधियों ने राजनीतिक हलकों का ध्यान खींचा है। मंगलवार सुबह बोस ने भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और भाजपा विधायक शंकर घोष से मुलाकात की, जो दोनों उत्तर बंगाल में हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं में घायल हुए थे। बताया जा रहा है कि वह हमलों की प्रकृति से व्यथित थे और उन्होंने अस्पताल अधिकारियों से उनकी स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी।
राजभवन के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल ने बाद में हमले की निंदा करते हुए एक तीखे शब्दों में बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि माननीय राज्यपाल भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश पर हमले के कायरतापूर्ण कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। ऐसा कृत्य राष्ट्र की न्याय व्यवस्था और न्यायालय की गरिमा को ठेस पहुँचाने का एक प्रयास है। सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा को खतरे में डालने और उसे विफल करने का कोई भी प्रयास सभ्य समाज पर हमला है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। बयान में आगे इस "घृणित कृत्य" में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की गई। बोस को पहले उत्तर बंगाल के निरीक्षण के बाद कोलकाता लौटना था। हालाँकि, अचानक अपनी योजना में बदलाव करते हुए, वे मंगलवार देर रात सीधे दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
भाजपा विधायक सांसद हमले में दो गिरफ्तार: एक व्यक्ति को नागराकाटा से और दूसरे को जयगांव से गिरफ्तार किया गया। ये गिरफ़्तारियाँ सोमवार को जलपाईगुड़ी के नागराकाटा इलाके में भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी विधायक शंकर घोष पर हुए पथराव के बाद हुई हैं। दोनों नेता बाढ़ प्रभावित समुदायों की मदद कर रहे थे, तभी उन्हें निशाना बनाया गया। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि यह हमला तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों द्वारा कराया गया था।
सीएम ममता ने बताया अमित शाह को मीर जाफर : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने ने चेतावनी दी कि प्रधानमंत्री को अमित शाह पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि एक दिन वही मीर जाफर की तरह आपके खिलाफ खड़े हो जाएंगे।दरअसल, मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान चुनाव आयोग, केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेता बंगाल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नष्ट करने की साजिश में जुटे हैं। ममता बनर्जी ने आरोप लगाते हुए दावा किया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का व्यवहार 'कार्यवाहक प्रधानमंत्री' जैसा है। ममता ने यह बयान दार्जलिंग के बागडोगरा और मिरिक में बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के बाद कोलकाता लौटने पर दिया। उन्होंने शाह की तुलना मीर जाफर से की।
ममता ने केंद्र पर बाढ़ राहत के लिए फंड न देने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा चुनावों के लिए तो पैसा जुटा लेती है, लेकिन आपदा राहत के लिए नहीं। उत्तरी बंगाल में पिछले एक सप्ताह से लगातार बारिश और भूस्खलन से अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग लापता हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण करवाने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना कर रही थीं। ममता ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, 'ये सरकार देश को खत्म कर देगी। मैंने कई सरकारें देखी हैं लेकिन ऐसी अहंकारी और तानाशाह सरकार कभी नहीं देखी। उन्हें याद रखना चाहिए कि आज ये सत्ता में हैं, कल नहीं भी रह सकते हैं। उनके पार्टी के नेता ने कहा है कि बंगाल में 8 लाख वोटर का नाम काट देंगे। आप खुद बताइए बंगाल में अभी बारिश, बाढ़, त्योहार सब कुछ हैं। ऐसे में वे 15 दिन के अंदर SIR करवाने की बात कर रहे हैं।' इसमें बीजेपी का भी कमीशन होगा।' ममता बनर्जी ने आगे अमित शाह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'ये सब अमित शाह का खेल है। कौन था मीर जाफर: मीर जाफर मुगल जनरल था, जिसे भारतीय इतिहास में विश्वासघात का प्रतीक माना जाता है। 1757 की प्लासी की लड़ाई में उसने अंग्रेजों से मिलकर बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला से गद्दारी की थी। मीर जाफर ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ गुप्त समझौता किया, जिससे सिराजुद्दौला की हार हुई और अंग्रेजों की भारत में सत्ता की नींव पड़ी। बाद में अंग्रेजों ने मीर जाफर को बंगाल का नवाब बना दिया था। सीएम ममता की 3 बड़ी बाते:
PM मोदी के मिरिक पुल हादसे पर दिए बयानों पर पलटवार करते हुए कहा, 'बंगाल गुजरात नहीं है। 2022 में गुजरात के मोरबी में पुल गिरने से 130 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।'
राज्य सरकार ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं। अब तक 500 राहत किट वितरित किए जा चुके हैं, जिसमें कंबल, चावल, दाल, सूखा राशन और दूध शामिल हैं। करीब 1,000 फंसे पर्यटकों को 45 बसों से सुरक्षित निकाला गया है। मिरिक में अस्थायी पुल 15 दिनों में बन जाएगा और नया पुल अगले मानसून से पहले तैयार हो जाएगा। वे अगले हफ्ते फिर से बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगी ताकि राहत कार्यों की खुद निगरानी कर सकें। ( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
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