- सिंगापुर में एक स्कूबा डाइविंग हादसे ने ले ली जान, पीएम ने जताया शोक
असम की सांस्कृतिक धड़कन, गैंगस्टर फिल्म का 'या अली मदद' फेम गायक जुबीन गर्ग अब हमारे बीच नहीं रहे। 52 साल की उम्र में सिंगापुर में एक स्कूबा डाइविंग हादसे ने उनके फैंस और पूरे असम को सदमे में डुबो दिया।अपने लोकप्रिय गीत 'या अली' के लिए मशहूर गर्ग का 52 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके परिवार में उनकी पत्नी हैं।
प्रधानमंत्री ने 'X' पर लिखा, "लोकप्रिय गायक ज़ुबीन गर्ग के आकस्मिक निधन से स्तब्ध हूँ। उन्हें संगीत में उनके समृद्ध योगदान के लिए याद किया जाएगा।" उन्होंने आगे कहा, "उनके गायन सभी क्षेत्रों के लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय थे। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति। जुबिन की पहचान सिर्फ एक गायक के तौर पर नहीं, बल्कि एक बहुआयामी कलाकार के रूप में थी जिन्होंने असमिया, हिंदी और कई अन्य भाषाओं में बेहतरीन गीत गाए।प्रसिद्ध असमिया गायक ज़ुबीन गर्ग का सिंगापुर में एक दुखद दुर्घटना में निधन हो गया है। वह 52 वर्ष के थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2024 तक ज़ुबीन गर्ग की कुल संपत्ति लगभग 8 मिलियन डॉलर यानी करीब 70 करोड़ रुपये थी. उनकी आय के प्रमुख स्रोतों में संगीत की बिक्री, लाइव कॉन्सर्ट, फिल्मों के प्रोजेक्ट और ब्रांड एंडोर्समेंट शामिल थे. हालांकि, उनकी मासिक आय का सही आंकड़ा सार्वजनिक नहीं था, लेकिन स्थानीय मीडिया के मुताबिक फिल्मों और संगीत में लगातार काम करने से उनकी कमाई स्थिर रहती थी।असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ज़ुबीन गर्ग के निधन पर शोक व्यक्त किया। जुबिन सिंगापुर में नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में हिस्सा लेने पहुंचे थे, जहां उनका 20 सितंबर को परफॉर्मेंस भी तय था. उनकी आकस्मिक मृत्यु ने न केवल उनके परिवार को बल्कि असम सहित देश-विदेश में फैले उनके प्रशंसकों को गहरा सदमा दिया है।बताया गया कि पानी के अंदर डाइविंग करते समय उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।जुबिन गर्ग का असम और नॉर्थ ईस्ट इंडिया में एक बहुत ही बड़ा नाम था. उन्होंने न सिर्फ हिंदी फिल्मों में बल्कि असमिया, बंगाली, नेपाली और अन्य 40 से ज्यादा भाषाओं में गाने गाए. उनकी मौत के बाद से लोगों के बीच कई तरह की चर्चाएं जारी हैं. कई लोग दुख जाता रहे हैं तो कई लोग जुबिन के बारे में सर्च कर रहे हैं. इसी के साथ स्कूबा डाइविंग को लेकर भी कई सारी चर्चाएं हो रही हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि भारत में कहां-कहां स्कूबा डाइविंग होती है.भारत में कहां-कहां स्कूबा डाइविंग होती है। भारत में कई ऐसी जगहें हैं जो स्कूबा डाइविंग के लिए मशहूर हैं। यहां आप समुद्र के नीचे की दुनिया, रंग-बिरंगी मछलियों और कोरल रीफ्स को पास से देख सकते हैं।
जुबिन गर्ग मूल रूप से असम के जोरहाट से थे और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1995 में मुंबई आकर की थी। उन्होंने 'चांदनी रात' नामक इंडीपॉप एल्बम से म्यूजिक इंडस्ट्री में कदम रखा और बाद में कई पॉपुलर एल्बम्स और फिल्मों में अपनी आवाज़ दी. 'गद्दार', 'दिल से', 'फिजा', और 'कांटे' जैसी फिल्मों में उनके गाए गानों ने उन्हें पहचान दिलाई.स्कूबा डाइविंग के दौरान हुआ हादसामीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जुबिन गर्ग सिंगापुर में थे और वहां स्कूबा डाइविंग कर रहे थे। इसी दौरान एक दुर्घटना हो गई। उन्हें तुरंत पानी से बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया और आईसीयू में रखा गया। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। उस दिन वह नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में परफॉर्म करने वाले थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। असम और देश ने खोया अपना सांस्कृतिक सितारा: असम के स्वास्थ्य मंत्री अशोक सिंघल ने जुबिन गर्ग के निधन पर गहरा दुख जताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक भावुक संदेश शेयर किया। उन्होंने लिखा: "जुबिन गर्ग के संगीत ने पीढ़ियों को खुशी, सुकून और पहचान दी। उनका जाना एक ऐसी कमी छोड़ गया है जिसे कभी भरा नहीं जा सकता। असम ने अपना सबसे प्यारा बेटा और भारत ने अपना एक सांस्कृतिक प्रतीक खो दिया है। उनकी आत्मा को शांति मिले।" (पूर्वोत्तर से अशोक झा )
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