- पहले किशनगंज फिर सिलीगुड़ी अब कोलकोता इलाज के लिए हुए रवाना
- व्यापारियों में अब भय के साथ बढ़ने लगा है आक्रोश, सुरक्षा दायरा और बढ़ाया जाएगा
"हमें तो अपनों ने लुटा गैरो में कहा दम था हमारी कस्ती वहां डूबी यारों जहां पानी कम था।" यह कहावत पिछले पांच दिनों से बंगाल से बिहार के किशनगंज में चल रही दफ्तरी ग्रुप के यहां छापेमारी चरितार्थ हो रहा है। क्योंकि सूत्रों की माने तो यह सब खेल उनके अपने करीबी के ही इशारे पर ही खेला जा रहा है। आज यानि मंगलवार को पांचवे दिन भी छापेमारी की रफ्तार में कोई कमी नहीं आई है। हां एक दुःखद खबर सामने आ रही है कि सोमवार की रात दफ्तरी ग्रुप के राज करण दफ्तरी से छापेमारी दल ने गहन पूछताछ शुरू किया। जवाब देने के क्रम में उसने सीने में दर्ज हुआ और वह वहीं बेहोश हो गए। आनन फानन में उन्हें पहले पश्चिमपाली के एक निजी नर्सिंग होम और फिर सिलीगुड़ी के आस्था नर्सिंग होम के ICU में भर्ती कराया गया। उनकी स्थिति गंभीर होता देख उन्हें उचित इलाज के लिए कोलकोता ले जाया गया है। इसकी जानकारी मिलने के बाद बिहार बंगाल के व्यापारियों में धीरे धीरे आक्रोश फैल रहा है। कुछ तो 80 के दशक में ठाकुरगंज में इसी प्रकार की छापामारी के दौरान आक्रोशित महिला ने डीएम सहित अन्य दल के अधिकारियों के गाड़ी में आग लगा दी थी। जो मामला कई सहज तक चला। पिछले पांच दिनों से लगातार दफ्तरी ग्रुप के 25 से अधिक ठिकानों पर सेंट्रल एजेंसी की छापेमारी जारी है। यह सिलसिला शुक्रवार की सुबह से शुरू हुआ था। केंद्रीय एजेंसियों की टीम ने दफ्तरी ग्रुप के नेमचंद रोड, भगतटोली, धर्मशाला रोड, पश्चिमपाली और सुभाषपाली स्थित परिसरों की जांच की। कार्रवाई गुजरात, कोलकाता, सिलीगुड़ी, दालकोला और राजस्थान तक चल रहा है। लेकिन एजेंसी द्वारा अबतक इस छापे में क्या मिला इसका आधिकारिक कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। आम लोगों का कहना है कि कम से कम प्रशासन व्यापारियों के सामने जानकारी तो दे की अबतक क्या मिला और आगे कारवाई चलेगी। यहां अधिकारियों को इस ग्रुप से क्या और कितना मिला यह भी स्पष्ट नहीं है। जबतक आधिकारिक बयान नहीं आ जाता है तबतक तो अंधेरे में तीर चलाने जैसा होगा। सूत्रों के अनुसार, छापेमारी आर्थिक अनियमितताओं और काले धन की जांच के लिए की जा रही है। पटना, भागलपुर, रांची और कोलकाता के 200 से अधिक आयकर अधिकारी 108 वाहनों के साथ कार्रवाई में शामिल हैं। अर्धसैनिक बली की सुरक्षा में यह जांच चल रही है। दफ्तरी ग्रुप का व्यवसाय चाय बागान, मॉल, कपड़ा, फर्नीचर, निर्माण, होटल और वाहन बिक्री क्षेत्रों में फैला है। विभाग ने कथित अवैध वित्तीय लेनदेन से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और नगदी पाए गए है। सूत्रों की।माने तो यह छापेमारी दो दिनों तक और चल सकती है। छापेमारी के बाद ही यह खुलासा हो पायेगा कि छापेमारी दल ने क्या पाया क्या नहीं? हां इतना जरूर कहा जा रहा है कि अगर कुछ नहीं होता तो इतना समय क्यों और प्रश्नों के जबाव में राजकरण दफ्तरी बीमार क्यों पड़ते? यह मामला जितना आसान दिख रहा है उतना आसान नहीं है। जिसने भी शिकायत की है वह अभी बिहार बंगाल में तो नहीं है। ( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
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