देश के प्रमुख फिल्म निर्माता और निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' को लेकर चर्चा में हैं। यह फिल्म रिलीज से पहले ही विवादों में घिर चुकी है। इसको लेकर विवेक अग्निहोत्री के खिलाफ़ एफआईआर भी की गई है। इस बीच निर्देशक ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा प्रहार किया और कहा कि बंगाल अब 'गुंडा स्टेट' बन चुका है। इसी बीच फिल्म निर्माताने अपनी अपकमिंग फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' के ट्रेलर लॉन्च पर हुए हंगामे को लेकर ममता सरकार पर कटाक्ष किया। साथ ही आरोप लगाया कि इसकी प्लानिंग पहले से ही थी और 150-200 लोगों और मीडिया की उपस्थिति वाले इस पैमाने के किसी भी कार्यक्रम को "आधिकारिक भागीदारी" के बिना नहीं रोका जा सकता। विवेक अग्निहोत्रीका ममता सरकार पर हमला
अग्निहोत्री ने बताया कि ट्रेलर लॉन्च कार्यक्रम ठीक से चल रहा था, लेकिन एक बड़ी एलईडी स्क्रीन को अचानक रोक दिए गए। उन्होंने कहा कि भारत के सबसे फाइव स्टार होटलों में से एक जहां 150-200 लोग और मीडिया मौजूद थे, वहां बिना किसी आधिकारिक हस्तक्षेप के कार्यक्रम को रोकना असंभव था। निर्देशक ने यह भी कहा कि उन्हें बताया गया था कि टॉप ऑफिसियल ने ट्रेलर के कुछ हिस्सों पर आपत्ति जताई है. इसलिए इसे नहीं चलाया जा सका।
अग्निहोत्री कहते हैं, 'देखिए भारत में सरकारों के पास बहुत सारी खामियां हैं और सरकार के पास बहुत सारी शक्तियां भी हैं. वे जब चाहें कुछ भी निकाल सकते हैं... हुआ यूं कि एक आदमी आया और तार काट दिया... यह पहले से ही प्लान में था। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने गलती की। कई लोग लिख रहे थे कि वे मुझे यहां नहीं रहने देंगे. जिस मल्टीप्लेक्स में हम कार्यक्रम आयोजित करने वाले थे, वह रद्द हो गया। जैसे ही मैं एयरपोर्ट पर पहुंचा, मुझे पता चलाकि कार्यक्रम रद्द हो गया है। हमने दूसरे मल्टीप्लेक्स से संपर्क किया, तो वह भी रद्द हो गया. उन्होंने कहा कि अगर वे यहां ट्रेलर दिखाएंगे तो वे राजनीतिक रूप से टिक नहीं पाएंगे। तो होटल के साथ भी यही हुआ. मैंने उनसे पूछा, 'किसने मना किया है?' उन्होंने कहा, 'उच्च अधिकारियों ने.' उसी विश्वसनीय सूत्र ने मुझे बताया कि उन्हें ट्रेलर में कुछ चीज़ों से समस्या थी, और इसीलिए इसे रोक दिया गया।दिए एक दिए गए इंटरव्यू में विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि यह फिल्म देश के विभाजन के दौरान हुए हिंदू नरसंहार पर आधारित है, जिसके लिए उन्होंने गहन रिसर्च की थी और कई लोगों से मिलकर सटीक तथ्य जुटाए थे, जिसके बाद इस शानदार फिल्म को बनाया गया। बावजूद इसके, इसे लेकर कई विरोध सामने आ रहे हैं, जो अत्यंत दुखद हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे विरोधियों से डरने वाले नहीं हैं और यह फिल्म पूरे देश में रिलीज की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर बंगाल में यह फिल्म रिलीज नहीं होती है, तो यह उनके लिए बहुत बड़ी बात होगी क्योंकि बंगाल भी भारत का हिस्सा है. उन्होंने बताया कि जब वे कोलकाता में फिल्म का ट्रेलर लॉन्च करने गए थे, तो उन्हें इस लॉन्च की अनुमति नहीं दी गई। बात करते हुए अग्निहोत्री ने फिल्म के कलाकारों की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के अभिनय की प्रशंसा की विवेक ने कहा कि 'द कश्मीर फाइल्स' के बाद 'द बंगाल फाइल्स' भी 'हिंदू' विषय पर बनी एक महत्वपूर्ण फिल्म है और उन्हें उम्मीद है कि दर्शक इस फिल्म को भी उतना ही प्यार देंगे
उन्होंने कहा कि वहां (पश्चिम बंगाल) लगातार लोगों की हत्याएं हो रही है और वहां लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो चुका है. उन्होंने स्पष्ट कहा, "बंगाल में लोकतंत्र खत्म हो रहा है, वह तो गुंडा स्टेट बन चुका है। अग्निहोत्री ने युवाओं और बुजुर्गों से फिल्म देखने की अपील की और दावा किया कि यह फिल्म तीन घंटे से अधिक लंबी है, लेकिन दर्शकों को ऐसा महसूस भी नहीं होगा क्योंकि फिल्म बेहद आकर्षक और रोचक है।
बता दें कि पहले इस फिल्म का नाम 'द दिल्ली फाइल्स: द बंगाल चैप्टर' था. बाद में इस फिल्म का नाम बदलकर मेकर्स ने 'द बंगाल फाइल्स: राइट टू लाइफ' कर दिया। यह फिल्म 1946 के नोआखली नरसंहार और 'डायरेक्ट एक्शन डे' की हिंसा पर आधारित है, जिसकी अग्निहोत्री 'हिंदू नरसंहार' के रूप में व्याख्या करते हैं. यह अग्निहोत्री की 'फाइल्स ट्रिलॉजी' का तीसरा और अंतिम हिस्सा है, जिसमें 'द ताशकंद फाइल्स' (2019) और 'द कश्मीर फाइल्स' (2022) शामिल हैं.
फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार समेत अन्य कलाकार अहम भूमिकाओं में हैं. फिल्म को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन से 'ए' सर्टिफिकेट मिल चुका है। ( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
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