- भारत का राष्ट्रगान सबसे पहले बंगाली भाषा में लिखा गया था सन 1905 में
- जन-गण-मन को भारतीय राष्ट्रगान के रूप में संविधान सभा ने अपनाया था 24 जनवरी 1950 को
हम सभी लोग बचपन से राष्ट्रगान को गाते आए हैं। राष्ट्रगान को लेकर कुछ बातें हमें बचपन से बताई जाती हैं जैसे राष्ट्रगान को खड़े होकर सावधान की मुद्रा में गाना चाहिए। इसके अलावा यह भी बताया जाता है कि हमारे देश का राष्ट्रगान विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार और दार्शनिक रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहली बार हमारे राष्ट्रगान को किसने, कब और कहां गाया गया था? पहली बार कब गाया गया था भारत का राष्ट्र गान? अगर आप यह नहीं जानते हैं तो इस आर्टिकल में हम आपको पूरी जानकारी देंगे। भारत का राष्ट्रगान सन 1905 में सबसे पहले बंगाली भाषा में लिखा गया था। इसे रविंद्र नाथ टैगोर ने लिखा था। जन-गण-मन को भारतीय राष्ट्रगान के रूप में संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को अपनाया था, लेकिन इसे पहली बार इससे काफी पहले गाया गया था। भारतीय राष्ट्रगान पहली बार 27 दिसंबर 1911 को कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया था।पहली बार किसने गाया था भारतीय राष्ट्रगान?
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में राष्ट्रगान पहली बार गाया गया था। उस वक्त इसे एक महिला ने गया था और उस महिला का नाम सरला देवी था। सरला देवी चौधरानी के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे, लेकिन आपको बता दें कि इनका कनेक्शन रवींद्रनाथ टैगोर से था। सरला देवी उनकी भांजी (बहन की बेटी) थी।राष्ट्र गान से जुड़ा इतिहास: विश्वविख्यात कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने राष्ट्रगान को लिखा था। दरअसल, उन्होंने भरतो भाग्यो बिधाता शीर्षक से बंगाली भाषा में एक भजन लिखा था। उसी भजन के पहले छंद को हमारे देश के राष्ट्रगान के रूप में स्वीकृति मिली। खुद रविंद्रनाथ टैगोर ने राष्ट्रगान को 1919 में आंध्र प्रदेश के बेसेंट थियोसोफिकल कॉलेज में गाया था। राष्ट्रगान का उर्दू में रूपांतरण आबिद अली ने किया था और सुभाष चंद्र बोस ने ऐसा करने के लिए उन्हें कहा था। इसके बाद इसे अंग्रेजी में और फिर बाद में यह हिंद सेना का भी नेशनल एंथम बना। राष्ट्रगान का हिंदी रूपांतरण होने के बाद 24 जनवरी 1950 को भारत की संविधान सभा में इसे देश के राष्ट्रगान के रूप में घोषित किया गया। जब देश 15 अगस्त 1947 को आजाद घोषित किया गया तब उस रात संविधान सभा का समापन जन-गण-मन से ही हुआ था। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में इसकी रिकॉर्डिंग सुनाई गई थी। राष्ट्रगान से जुड़े कुछ जरूरी नियम जान लीजिए राष्ट्रगान के शब्दों का उच्चारण हमेशा सही होना चाहिए। राष्ट्रगान को 52 सेकेंड में पूरा कर लेना चाहिए।
राष्ट्रगान जिस समय बज रहा हो उस दौरान आसपास शांत माहौल होना चाहिए। इस दौरान किसी दूसरे गानों की आवाज या किसी भी तरह का शोर नहीं होना चाहिए। राष्ट्रगान जिस समय गाया जाए उस दौरान सभी को सावधान मुद्रा में खड़े रहना चाहिए। अधिकतर मौकों पर राष्ट्रगान खुले आसमान के नीचे गाया जाना चाहिए।
यह है भारत का राष्ट्रगानजन-गण-मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।पंजाब-सिन्धु-गुजरात-मराठा
द्राविड़-उत्कल-बंगविंध्य हिमाचल यमुना गंगाउच्छल जलधि तरंग, तब शुभ नामे जागे, तब शुभ आशिष मांगे
गाहे तब जय-गाथा। जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
( अशोक झा की रिपोर्ट )
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