- कहा, अब असम में हिंदुओं की जमीन दूसरे समुदाय के लोग नहीं खरीद सकते
- कहा, लोगों का नंबर मुहैया कराने के आरोप में एक व्यक्ति को किया गया गिरफ्तार
- बांग्लादेश की सीमा से लगे धुबरी और दक्षिण सलमारा जिलों में विशेष निगरानी
- रात को देखते ही गोली मारने के आदेश दुर्गापूजा तक रहेंगे जारी
असम के धुबरी जिले के कई लोगों लोगों के फोन नंबर कट्टरपंथी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) को उपलब्ध कराने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। जिसका नाम अली हुसैन बेपारी है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि जेएमबी राज्य में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने बताया कि नंबर मिलने के बाद जेएमबी के सदस्य उन लोगों को कट्टरपंथी बनाने के इरादे से फोन किया करते थे। संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस शख्स को गिरफ्तार किया गया है वो भारतीय नागरिक है, जो जेएमबी को धुबरी जिले के कई लोगों के फोन नंबर मुहैया करा रहा था वो नंबर देने वाला मुख्य जरिया था। सीएम ने सरमा ने बताया कि जेएमबी के सदस्य उन लोगों को कट्टरपंथी बनाना चाहते थे और इसी मकसद से उन्हें फोन किया करते थे।सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस तरह से धार्मिक समूहों के बीच जमीन ट्रांसफर का मामला सरकार अपनी विशेष शाखा के माध्यम से देखेगी और हर प्रस्ताव की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम यह देखेंगे कि धन का स्रोत क्या है, क्या यह कर रिटर्न में दर्शाया गया है या नहीं और क्या इस तरह की बिक्री से उस विशेष इलाके के सामाजिक ताने-बाने पर असर पड़ेगा? क्या किसी स्थानीय व्यक्ति को कोई आपत्ति है, क्या उसका उचित समाधान किया गया है या नहीं और अंत में, क्या कुछ मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा का कोई पहलू शामिल है।
हिमंता ने कहा कि ऐसे सभी केस की जांच की जाएगी और उसके बाद हम उपायुक्त को सूचित करेंगे कि उन्हें भूमि हस्तांतरण की अनुमति देनी चाहिए या नहीं। तब ही उपायुक्त अंतिम निर्णय लेंगे। असम से बाहर के गैर-सरकारी संगठन असम में भूमि खरीदना चाहते हैं और मुख्य रूप से शैक्षणिक और स्वास्थ्य संस्थान आदि स्थापित करना चाहते हैं तो ऐसे सभी प्रस्तावों की राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से जांच की जाएगी। उसके बाद ही भूमि बिक्री की अनुमति दी जाएगी। हालांकि स्थानीय लोगों के लिए गैर सरकारी संगठन को ऐसी किसी प्रक्रिया का पालन करने की आवश्यकता नहीं है।
धुबरी और दक्षिण सलमारा जिलों में कड़ी निगरानी:
उन्होंने आगे बताया कि गिरफ्तार शख्स अली हुसैन बेपारी को इससे पहले भी गिरफ्तार किया गया था, हालांकि उसे जमानत मिल गई थी और वह बाह आ गया था. सीएम सरमा ने बताया कि बांग्लादेश की सीमा से लगे धुबरी और दक्षिण सलमारा जिलों में कड़ी निगरानी रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों से दक्षिण सलमारा शांतिपूर्ण रहा है, लेकिन हाल के दिनों में धुबरी में कई गतिविधियां हुई हैं। इसलिए कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए उन्होंने दुर्गा पूजा के दौरान रात में देखते ही गोली मारने के आदेश जारी रखने का फैसला किया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि धुबरी जिले में सांप्रदायिक हिंसा के बाद 13 जून से लागू रात में ''देखते ही गोली मारने'' के आदेश दुर्गा पूजा के दौरान भी जारी रहेंगे।उन्होंने कहा कि धुबरी में सनातन धर्म के लोग अल्पसंख्यक हैं और कट्टरपंथियों से उनकी सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। कोकराझार में एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीएम शर्मा ने कहा, 'देखते ही गोली मारने के आदेश वापस नहीं लिए गए हैं और ये दुर्गा पूजा तक जारी रहेंगे। धुबरी में कोई अशांति या हिंसा की घटना नहीं है, लेकिन फिर भी ये आदेश जारी रहेंगे।
धुबरी का दौरा करते हुए सीएम ने दिया था आदेश
उन्होंने कहा कि धुबरी में अशांति फैलाने वाले किसी भी शख्स को छोड़ा नहीं जाएगा और उसे इसका गंभीर परिणाम भुगतना होगा. सरमा ने जोर देते हुए कहा कि राज्य सरकार असम में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और सभी सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए पूरी तरह तैयार है। बता दें कि असम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 13 जून को धुबरी का दौरा किया था और घोषणा की थी कि बांग्लादेश की सीमा से लगे धुबरी में रात में देखते ही गोली मारने के आदेश लागू रहेंगे, क्योंकि एक सांप्रदायिक समूह अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है, जिसे सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। इस आदेश के 10 दिन बाद सीएम ने फिर से क्षेत्र का दौरा किया और बताया कि 13 जून से अब तक 150 से अधिक असामाजिक तत्व गिरफ्तार हो चुके हैं, जिसमें 11 अपराधी राज्य से बाहर के थे और उनके खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है।
जानें क्या थी धुबरी की घटना?: दरअसल बकरीद के अगले दिन असम जिला मुख्यालय स्थित हनुमान मंदिर के सामने एक गाय की खोपड़ी मिली, जिसके बाद हिंदू और मुस्लिम समुदायों में बहस छिड़ गई. अगले दिन फिर मंदिर के सामने एक गाय का सिर रखा गया और फिर पत्थरबाजी की वारदात हुई।
इसे लेकर असम सीएम ने कहा कि बकरीद के दिन कई जगहों पर कथित तौर पर अवैध रूप से मवेशियों का वध किया गया और मांस के कुछ हिस्से असम के कुछ इलाकों में फेंके गए. उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों को असम सरकार दंड जरूर देगी। ‘सईदा हामिद के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया जाएगा’ : वहीं योजना आयोग की पूर्व सदस्य सईदा हामिद के मुद्दे पर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सईदा हामिद के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि ‘अगर मैं प्राथमिकी दर्ज करा दूं, तो वह केस लड़ने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से चंदा इकट्ठा करेंगी।इससे उन्हें सिर्फ फायदा ही होगा। दरअसल सईदा हामिद ने कहा था कि बांग्लादेशी भी यहां रह सकते हैं मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर वह असम वापस आती हैं तो राज्य सरकार कानून के अनुसार जो भी करना होगा वो करेगी।इसके साथ ही राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के संबंध में सीएम ने आरोप लगाया कि असम के लोगों के साथ धोखा हुआ है, क्योंकि लिस्ट में कई विसंगतियां हैं और कई संदिग्ध प्रविष्टियां हैं। ( अशोक झा की रिपोर्ट )
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