- पीएम मोदी ने जताया गहरा दुख, हेमंत सोरेन से की फोन पर बात
- बंगाल से भी सोरेन का रहा था काफी लगाव, आदिवासी विकास परिषद उनके सोच की देन
झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का आज सुबह नई दिल्ली में निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पिता के निधन पर उनके पुत्र झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज मैं शून्य हो गया हूं…। उनके निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर है। शिबू सोरेन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया उनके पुत्र व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात कर संवेदना प्रकट की।प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी।पीएम मोदी ने पोस्ट में लिखा, शिबू सोरेन एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में ऊंचाइयों को छुआ। वे आदिवासी समुदायों, गरीबों वंचितों के सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से समर्पित थे। उनके निधन से दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार प्रशंसकों के साथ हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की संवेदना व्यक्त की।
शिबू सोरेन के निधन की खबर मिलते ही झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई। बंगाल से भी सोरेन का लगाव था। आदिवासी नेता के रूप में खुद को स्थापित करने वाले जॉन बारला आदिवासी विकास परिषद को लेकर कई बार उनसे झारखंड में मुलाकात कर आए है। उत्तर बंगाल में 200 वर्षों से रहने वाले 12 लाख आदिवासी अपने को मूल निवासी झारखंडी ही बताते है। सोरेन के निधन पर अलीपुरद्वार के सांसद मनोज तिग्गा ने भी शोक व्यक्त किया है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। शिबू सोरेन का संपूर्ण राजनीतिक जीवन आदिवासी अधिकारों, सामाजिक न्याय क्षेत्रीय पहचान की लड़ाई को समर्पित रहा। उन्होंने झारखंड राज्य के निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाई आदिवासी समाज की आवाज को संसद तक पहुंचाया।
शिबू सोरेन का जन्म बिहार के हजारीबाग में 11 जनवरी 1944 को हुआ था। उन्हें दिशोम गुरु गुरुजी के नाम से जाना जाता है। उन्होंने आदिवासियों के शोषण के खिलाफ लंबी संघर्ष की थी। 1977 में उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, 1980 से वह लगातार कई बार सांसद चुने गए। बिहार से अलग राज्य झारखंड बनाने के आंदोलन में भी उनकी निर्णायक भूमिका रही है। वे तीन बार (2005, 2008, 2009) झारखंड के मुख्यमंत्री बने, लेकिन एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक संरक्षक शिबू सोरेन ने लंबी बीमारी के बाद सोमवार 81 वर्ष की आयु में दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में अंतिम सांसें लीं। हाल के वर्षों में सक्रिय राजनीति से दूर रहे झामुमो प्रमुख को किडनी संबंधी बीमारी के कारण जून के अंतिम सप्ताह में दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बीते एक महीने से सीएम हेमंत सोरेन समेत पूरा सोरेन परिवार दिल्ली में ही रुका हुआ था।
सर गंगा राम अस्पताल के अनुसार, शिबू सोरेन को आज सुबह 8:56 बजे मृत घोषित कर दिया गया। लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। वे किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और डेढ़ महीने पहले उन्हें स्ट्रोक भी हुआ था। पिछले एक महीने से वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे।
हालांकि, सीएम हेमंत इस दौरान कई बार रांची आये। बताया जा रहा है कि बीते एक महीने से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में शिबू सोरेन डॉक्टरों की निगरानी में इलाजरत थे, उनकी स्थिति में सुधार के लिए विदेश के विशेषज्ञ डॉक्टर्स से भी परामर्श लिया जा रहा है। इससे पहले सीएम ने उनके स्वास्थ लेकर कहा था कि अभी तक डॉक्टरों ने इस पर बहुत स्पष्ट रूप से अपनी बात नहीं रखी है कि वह कब तक पूरी तरह स्वस्थ हो जायेंगे।
बता दें कि एक कद्दावर आदिवासी नेता और झामुमो के संस्थापक सदस्यों में से एक, शिबू सोरेन ने लगभग चार दशकों तक पार्टी का नेतृत्व किया। उन्होंने 1987 में इसकी बागडोर संभाली और अप्रैल 2025 तक इसके निर्विवाद अध्यक्ष रहे। । (झारखंड से अशोक झा की रिपोर्ट)
झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का 81 वर्ष में निधन
अगस्त 04, 2025
0
Tags
दुनियाभर के घुमक्कड़ पत्रकारों का एक मंच है,आप विश्व की तमाम घटनाओं को कवरेज करने वाले खबरनवीसों के अनुभव को पढ़ सकेंगे
https://www.roamingjournalist.com/