देशभर में अवैध धर्मांतरण की साजिश रचने वाले विदेशी पैसे पर पलने वाले सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के खिलाफ जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि छांगुर ने एक संगठित और सुनियोजित तरीके से धर्मांतरण का नेटवर्क खड़ा किया था, जो न केवल एक राज्य या जिले तक सीमित था, बल्कि देश के 579 जिलों में इसकी गहरी जड़ें फैली थीं।उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद हो रही जांच में रोज नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। छांगुर बाबा का जाल सिर्फ यूपी ही नहीं, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ था। यूपी एटीएस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसने लव जिहाद के लिए मुस्लिम युवकों की पूरी फौज तैयार की थी। बीते तीन साल में छांगुर गैंग के द्वारा 1000 से ज्यादा मुस्लिमों को इस काम के लिए कैश पेमेंट दी गई थी और वह नेपाल सीमा से सटे सात जिलों को टारगेट कर रहा था। प्रोजेक्ट… मिट्टी पलटना… काजल… और दर्शन। ये कोई आम शब्द नहीं हैं और इन शब्दों का मतलब भी वो नहीं है जो आप जानते और समझते हैं। ये चार शब्द छांगुर के छल का चक्रव्यूह हैं। ये शब्द छागुंर के कन्वर्जन रैकेट का कोडवर्ड है। जिनके इस्तेमाल से छांगुर यूपी में धर्मातंरण का गंदा धंधा चल रहा था। उनके नेपाल के साथ बिहार बंगाल कनेक्शन ढूंढा जा रहा है। छांगुर बाबा सिर्फ धर्म बदलवाने का खेल नहीं खेल रहा था, बल्कि हिंदुस्तान में सांप्रदायिकता का जहर खोलकर तोड़ने की साजिश भी रच रहा था। जानकारी के मुताबिक, छांगुर बाबा ने धर्मांतरण के नाम पर जो नेटवर्क खड़ा किया था, उसी का इस्तेमाल कर वो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से सीधा संपर्क साधने की कोशिश कर रहा था। सूत्रों से पता चला है कि नेपाल की राजधानी काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास में आईएसआई एजेंटों की एक गोपनीय बैठक हुई थी। इसमें छांगुर के नेपाल कनेक्शन के जरिए संपर्क की कोशिश की गई।छांगुर के एक करीबी सहयोगी के मुताबिक, इस साजिश में लगभग 3000 से अधिक युवकों को बतौर 'अनुयायी' मैदान में उतारा गया था। इन युवकों को हिंदू नाम, पहनावा और आचार-विचार अपनाने की ट्रेनिंग दी गई थी, ताकि वे समाज में आसानी से घुल मिल सकें और धर्मांतरण की इस प्रक्रिया को अंजाम दे सकें।
जांच एजेंसियों को संदेह है कि इस नेटवर्क को विदेशों से भी आर्थिक सहायता मिल रही थी। यही कारण है कि मामले की जांच में अब केंद्रीय एजेंसियों की भी भागीदारी हो चुकी है। एनआईए, आईबी और एटीएस जैसी एजेंसियां इस केस में गहराई से छानबीन कर रही हैं। विभिन्न राज्यों में छापेमारी भी की जा रही है और छांगुर के संपर्क में रहने वाले कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।इस पूरे मामले ने न केवल प्रशासनिक हलकों में, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में भी हलचल मचा दी है। कई हिंदू संगठनों ने इसे 'लव जिहाद' की सुनियोजित साजिश करार देते हुए सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, स्थानीय स्तर पर कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं। हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण के बाद ISI एजेंटों से निकाह की साजिश: छांगुर बाबा की योजना थी कि आर्थिक रूप से कमजोर हिंदू परिवारों की महिलाओं को फंसाकर उनका धर्मांतरण कराया जाए। फिर इनका निकाह नेपाल में आईएसआई के एजेंटों और स्लीपर सेल से करवा दिया जाए।ये महिलाएं बाद में जासूसी के नेटवर्क का हिस्सा बन सकें, इसके लिए बाकायदा कोडवर्ड सिस्टम भी विकसित किया गया था। छांगुर बाबा का नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था।
लव जिहाद के लिए तैयार किया था 1000 मुस्लिम युवकों की फौज: इस पूरे नेटवर्क को वो विदेशी फंडिंग के जरिए मजबूत करता रहा। एटीएस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसने लव जिहाद के लिए मुस्लिम युवकों की फौज तैयार की थी। बीते तीन वर्षों में 1000 से ज्यादा मुस्लिमों को इस काम के लिए कैश पेमेंट दी गई। नेपाल सीमा से सटे बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश से सटे जिलों को टारगेट किया गया।
लड़कियों को फंसाता, ब्रेनवॉश करता और धर्मांतरण करवा देता: बाबा का नेटवर्क लड़कियों को फंसाता, ब्रेनवॉश करता और फिर उनका धर्मांतरण कर निकाह करवा देता था। इसके लिए विदेशों से भारी मात्रा में फंड आता था। एटीएस की जांच में छांगुर बाबा द्वारा इस्तेमाल किए गए कोडवर्ड भी सामने आए हैं। जैसे कि लड़कियों को 'प्रोजेक्ट' कहा जाता था। ब्रेनवॉश की प्रक्रिया को 'काजल करना' कहा जाता था। किसी लड़की को बाबा से मिलाने को 'दीदार कराना' कहा जाता था।
धर्मांतरण के लिए कोडवर्ड में बातें किया करता लव जिहाद गैंग: इसी तरह धर्मांतरण को 'मिट्टी पलटना' कहा जाता था. इन कोड्स के जरिए बाबा और उसका गैंग आपस में बात करता था ताकि किसी को भनक न लगे ईडी और एटीएस की पड़ताल में यह बात भी सामने आई है कि बाबा के पास विदेशों से करोड़ों की फंडिंग आई। जांच में अब तक 18 बैंक खातों की जानकारी मिली है। इनमें कुल 68 करोड़ रुपए जमा हुए। केवल तीन महीनों में ही 3 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए।
छांगुर बाबा की सबसे बड़ी राजदार है नीतू वोहरा उर्फ नसरीन: छांगुर बाबा की सबसे बड़ी राजदार नीतू वोहरा उर्फ नसरीन थी, जो खुद भी धर्म परिवर्तन कर इस साजिश का हिस्सा बनी. उसके खाते में अकेले चार महीनों में 14 करोड़ रुपए आए। उन्हें तुरंत निकाल भी लिया गया. वहीं, उसके पति नवीन वोहरा के खातों में भी 18 करोड़ रुपए की एंट्री मिली है. बाबा ने अपने नेटवर्क को कानूनी रूप देने के लिए चार अलग-अलग संस्था बना रखी थीं। छांगुर आईएसआई से नजदीकी बढ़ाने काठमांडू गया था। सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े राष्ट्रविरोधी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसमें तीन नाम प्रमुख रूप से सामने आए हैं - छांगुर, नीतू उर्फ नसरीन और नवीन उर्फ जलालुद्दीन। यह मामला केवल अवैध धर्मांतरण का नहीं, बल्कि देश की एकता, सामाजिक समरसता और सुरक्षा को गहरी चोट पहुंचाने की सोची-समझी साजिश है, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से संपर्क साधने तक जा पहुंची थी। सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, छांगुर, नीतू और नवीन 'मिशन आबाद' के तहत आर्थिक रूप से कमजोर हिंदू परिवारों को निशाना बनाकर उन्हें इस्लाम में धर्मांतरित कर रहे थे। लेकिन इनकी साजिश सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं थी। ये तीनों ISI के नेटवर्क से जुड़कर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। छांगुर हाल ही में नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुंचा था, जहां उसने पाकिस्तानी दूतावास से संपर्क की कोशिश की। उसी दौरान वहां एक कार्यक्रम में पाकिस्तान की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी और ISI के अधिकारी मौजूद थे। छांगुर, नेपाल के दांग ज़िले के एक कट्टरपंथी धर्मगुरु के जरिये पाकिस्तानी एजेंसियों से नजदीकियां बढ़ाना चाहता था, लेकिन सुरक्षा कारणों से वह दूतावास में प्रवेश नहीं कर पाया। छांगुर की योजना थी कि भारत में धर्मांतरण कर मुस्लिम बनीं युवतियों का निकाह नेपाल में मौजूद ISI एजेंटों या स्लीपर सेल से कराए जाएं। इससे न सिर्फ सीमावर्ती इलाकों में उनकी पैठ मजबूत होती, बल्कि भारत में जासूसी और अस्थिरता फैलाने का रास्ता भी आसान हो जाता। इसके लिए छांगुर सिद्धार्थनगर के बढ़नी कस्बे में ठिकाना तलाश रहा था। जब सुरक्षा एजेंसियों ने जांच का दायरा बढ़ाया तो इस साजिश के तार महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार, पश्चिम बंगाल और यूपी के कई जिलों (आजमगढ़, अयोध्या, गोरखपुर, श्रावस्ती आदि) से जुड़ते चले गए। नवीन इस पूरी योजना में लॉजिस्टिक सपोर्ट और निकाह की व्यवस्थाओं को अंजाम दे रहा था। नीतू उर्फ नसरीन छांगुर की राजदार और धर्मांतरण कराने वाली मुख्य महिला एजेंट थी। सुरक्षा एजेंसियों ने यह भी खुलासा किया कि ये लोग रोहिंग्या शरणार्थियों को हिंदू बताकर अवैध रूप से धर्मांतरण कराना चाहते थे। इसका उद्देश्य था उन्हें भारत की आबादी में मिलाकर उनका उपयोग राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में करना।पूर्व आईबी अधिकारी संतोष सिंह के अनुसार, उतरौला नेपाल सीमा से सिर्फ 65 किमी दूर है और श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर, सिद्धार्थनगर जैसे संवेदनशील ट्रांजिट रूट्स के केंद्र में स्थित है। यहां से न सिर्फ नेपाल, बल्कि बंगाल तक की सीधी पहुंच है, जिससे यह स्थान विदेशी खुफिया एजेंसियों की रणनीति के अनुरूप एक 'स्लीपर बेस' बन सकता था। समय रहते सुरक्षा एजेंसियों ने छांगुर, नीतू और नवीन को दबोच लिया, जिससे देश एक बड़ी साजिश का शिकार होने से बच गया। अब इनसे गहन पूछताछ हो रही है और पूरे नेटवर्क की जड़ें तलाशने का काम जारी है। यह मामला केवल धर्मांतरण का नहीं, एक बहुस्तरीय राष्ट्रविरोधी षड्यंत्र का है जिसमें विदेशी एजेंसियों से गठजोड़ कर देश की आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने की कोशिश की जा रही थी। सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से यह साजिश विफल हुई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इस तरह के नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने के लिए व्यापक रणनीति और कड़ी निगरानी की जरूरत है। ( बंगाल बॉर्डर से अशोक झा की रिपोर्ट )
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