पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में मौजूद विद्यासागर यूनिवर्सिटी में उस समय विवाद खड़ा हो गया जब यूनिवर्सिटी के हिस्ट्री के पेपर में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को आतंकवादी कहा गया।।कुलपति ने अब बिल्कुल साफ किया कि यह प्रिटिंग मिस्टेक थी। उन्होंने कहा कि हमें पता चला कि मॉडरेशन के दौरान यह गलती हुई, जो अनजाने में हुई और बाद में प्रूफरीडिंग के दौरान भी पकड़ में नहीं आई। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है।
बंगाल बीजेपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, 'पश्चिम बंगाल में स्वतंत्रता सेनानी अब आतंकवादी हैं। विद्यासागर यूनिवर्सिटी के हिस्ट्री ऑनर्स के पेपर की परीक्षा में एक शर्मनाक प्रश्न शामिल था। इसमें महान भारतीय क्रांतिकारियों को आतंकवादी करार दिया गया था। प्रश्न पूछा गया था: 'मेदिनीपुर के तीन जिला मजिस्ट्रेटों के नाम बताइए जिनकी आतंकवादियों ने हत्या की और जिन तथाकथित 'आतंकवादियों' की लिस्ट बनाई गई है, वे कोई और नहीं बल्कि हमारे महान स्वतंत्रता सेनानी हैं।' भारतीय जनता पार्टी ने कहा, 'बंगाल कभी बौद्धिकता और राष्ट्रवाद का गढ़ था। लेकिन आज, ममता बनर्जी की सरकार में, भारतीय राष्ट्रवाद के विचार को ही बदनाम किया जा रहा है और स्वतंत्रता सेनानियों की तुलना अपराधियों से की जा रही है।
'विद्यासागर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने क्या बताया?
विद्यासागर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर दीपक कुमार कर ने स्वतंत्रता सेनानियों को 'आतंकवादी' कहे जाने पर उठे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे प्रिटिंग मिस्टेक बताया है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, 'कल हिस्ट्री के पेपर में प्रिटिंग संबंधी एक मिस्टेक हुई। हमें पता चला कि मॉडरेशन के दौरान यह गलती हुई, जो अनजाने में हुई और बाद में प्रूफरीडिंग के दौरान भी पकड़ में नहीं आई। मॉडरेशन प्रोसेस में शामिल टीचर की जगह एक नया सदस्य नियुक्त किया जाएगा। चेयरमैन ऑफ बॉर्ड ऑफ स्टडीज को भी पद से मुक्त कर दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी के हिस्ट्री डिपार्टमेंट के सबसे वरिष्ठ टीचर को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी कि भविष्य में न केवल इतिहास में, बल्कि ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन दोनों लेवल पर किसी भी विषय में ऐसी घटना ना हो।' विद्यासागर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार जे.के. नंदी ने इस गलती को माना किया और इसे टाइपिंग की गलती बताया। उन्होंने कहा कि यह जांच करने के लिए एक इमरजेंसी बैठक बुलाई गई है कि यह सवाल आखिरी पेपर में कैसे आ गया। नंदी ने भरोसा दिया, 'हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी गलतियां न दोहराई जाएं।
( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
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