बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी के चयन की जिम्मेदारी 'गादेन फोडरंग ट्रस्ट' को सौंपी है। दलाई लामा की कुल संपत्ति को लेकर कई तरह की अटकलें हैं। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उनकी नेटवर्थ केवल $1 (लगभग ₹83) है, जो उनकी सन्यासी जीवनशैली और सांसारिक वस्तुओं से दूरी को दर्शाता है।वहीं कुछ स्रोतों का मानना है कि उनकी नेटवर्थ $150 मिलियन (लगभग ₹1250 करोड़) तक हो सकती है, जिसमें किताबों से आय, पुरस्कार, डोनेशन और मीडिया लाइसेंस शामिल हैं। इन सभी बातों से परे इसके साथ ही दलाई लामा ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी संस्था यानी 'दलाई लामा का संस्थान' भविष्य में भी जारी रहेगा। चीन की विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने नए दलाई लामा को चुनने के लिए 18वीं शताब्दी में किंग राजवंश के सम्राट द्वारा शुरू की गई एक पद्धति का जिक्र करते हुए कहा कि दलाई लामा, पंचेन लामा और अन्य महान बौद्ध हस्तियों के पुनर्जन्म को स्वर्ण कलश से पर्ची निकालकर चुना जाना चाहिए और केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। 14 वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो 23 वर्ष के थे, जब 1959 में वे अपनी जान को खतरा होने के कारण ल्हासा से भाग गए थे, क्योंकि चीनी सैनिकों ने तिब्बत पर नियंत्रण कर लिया था। दरअसल इतिहास में दलाई लामा चुने जाने के कई तरीके अपनाए गए हैं। एक तरीका है जिसमें नाम एक स्वर्ण कलश से निकाला जाता है। लेकिन वह कलश आज चीन के पास है। तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने अपने 90वें जन्मदिन से चार दिन पहले कहा कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने इस अनिश्चितता को समाप्त कर दिया कि उनके बाद उनका कोई उत्तराधिकारी होगा या नहीं। गत 21 मई, 2025 को तिब्बती में दिए गए और बुधवार को धर्मशाला में उनके कार्यालय द्वारा जारी किए गए बयान में दलाई लामा ने कहा कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट के पास भावी दलाई लामा को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार है। चौदहवें दलाई लामा - तेनजिन ग्यात्सो, जिन्हें ल्हामा थोंडुप भी कहा जाता है, के 90वें जन्मदिन का जश्न 30 जून को धर्मशाला के पास मैकलॉडगंज के मुख्य मंदिर सुगलागखांग में शुरू हुआ। बयान में कहा गया कि मैं पुष्टि करता हूं कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी और मैं दोहराता हूं कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट के पास भावी पुनर्जन्म को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार है। इस मामले में किसी और को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। दलाई लामा के बयान में कहा गया कि मुझे दुनिया के अन्य हिस्सों में रहने वाले तिब्बतियों और तिब्बती बौद्धों से विभिन्न चैनलों के माध्यम से संदेश मिले हैं, जिसमें अनुरोध किया गया है कि दलाई लामा की संस्था को जारी रखा जाना चाहिए। मैं पुष्टि करता हूं कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि भावी पुनर्जन्म को मान्यता देने की जिम्मेदारी गादेन फोडरंग ट्रस्ट, दलाई लामा कार्यालय के सदस्यों पर है, जिन्हें तिब्बती बौद्ध परंपराओं के विभिन्न प्रमुखों और दलाई लामाओं की वंशावली से अभिन्न रूप से जुड़े और शपथ लेने वाले विश्वसनीय धर्म रक्षकों से परामर्श करना चाहिए। दलाई लामा ने बताया कि 24 सितंबर 2011 को तिब्बती बौद्ध परंपराओं के प्रमुखों की बैठक में उन्होंने यह मुद्दा उठाया था कि आने वाले समय में यह विचार किया जाए कि क्या दलाई लामा की परंपरा को आगे भी जारी रखा जाना चाहिए। उस वक्त उन्होंने कहा था कि "जब मैं लगभग 90 वर्ष का हो जाऊंगा, तब मैं तिब्बती बौद्ध परंपराओं के उच्च लामा, तिब्बती जनता, और अन्य संबंधित लोगों से विचार-विमर्श करूंगा कि यह संस्था जारी रहनी चाहिए या नहीं।"
तिब्बती जनता की अपील पर लिया निर्णय: हालांकि इस विषय पर कोई सार्वजनिक चर्चा नहीं हुई, परंतु पिछले 14 वर्षों में तिब्बती धर्म परंपराओं के नेताओं, तिब्बती संसद के सदस्यों, केंद्रीय तिब्बती प्रशासन, एनजीओ, हिमालयी क्षेत्र, मंगोलिया, रूस के बौद्ध गणराज्य और चीन सहित एशिया के कई देशों के बौद्ध अनुयायियों ने दलाई लामा को पत्र लिखकर आग्रह किया कि दलाई लामा की संस्था को जारी रखा जाए। दलाई लामा ने कहा, "मुझे तिब्बत के भीतर से भी कई चैनलों के माध्यम से यही अपील प्राप्त हुई है। इन सभी अनुरोधों को ध्यान में रखते हुए, मैं घोषणा करता हूं कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी।"
अगले दलाई लामा की मान्यता का अधिकार केवल गादेन फोडरंग ट्रस्ट को: दलाई लामा ने दोहराया कि अगले दलाई लामा की पहचान और मान्यता की पूरी प्रक्रिया का अधिकार केवल 'गादेन फोडरंग ट्रस्ट' को है, जो उनके आधिकारिक कार्यालय का हिस्सा है। कोई अन्य व्यक्ति, संगठन या सरकार इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। इसके साथ ही उन्होंने बिना नाम लिए चीन की किसी भी भूमिका को खारिज कर दिया। दलाई लामा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि है कि कोई और अगले दलाई लामा की नियुक्ति नहीं कर सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि चीन मौजूदा दलाई लामा की मौत के बाद, खुद से अगले यानी 15वें दलाई लाम को नियुक्त कर सकता है। हालांकि दलाई लामा ने खुद बताया कि यह प्रक्रिया तिब्बती परंपरा के अनुसार पूरी की जाएगी, जिसमें विभिन्न तिब्बती बौद्ध परंपराओं के प्रमुखों और "धर्म रक्षकों" की भी भूमिका होगी, जो इस आध्यात्मिक परंपरा से गहराई से जुड़े हैं।
दलाई लामा का बयान और चीन की प्रतिक्रिया
6 जुलाई को अपना 90वां जन्मदिन मनाने जा रहे दलाई लामा ने अपनी हालिया पुस्तक वॉयस फॉर द वॉयसलेस (मार्च 2025) में लिखा है कि उनका अगला अवतार (पुनर्जन्म) चीन के बाहर, "स्वतंत्र दुनिया" में होगा, संभवतः भारत या किसी अन्य देश में, जहां तिब्बती बौद्ध धर्म की स्वतंत्रता बनी रहे। उन्होंने कहा, "पुनर्जन्म का उद्देश्य मेरे कार्य को आगे बढ़ाना है। इसलिए, नया दलाई लामा एक स्वतंत्र विश्व में जन्म लेगा, ताकि वह तिब्बती बौद्ध धर्म का नेतृत्व और तिब्बती लोगों की आकांक्षाओं का प्रतीक बन सके।"
चीन ने इस बयान को तुरंत खारिज कर दिया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, "दलाई लामा एक राजनीतिक निर्वासित हैं और उन्हें तिब्बती लोगों का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है। जीवित बुद्ध की वंशावली चीन के तिब्बत में विकसित हुई, और उत्तराधिकारी का चयन चीनी कानूनों और परंपराओं के अनुसार होगा।" चीन का दावा है कि 1793 में किंग राजवंश द्वारा शुरू की गई 'गोल्डन अर्न' प्रक्रिया के तहत उसे दलाई लामा के उत्तराधिकारी को मंजूरी देने का अधिकार है।हालांकि एक बार फिर दलाई लामा ने साफ किया कि उनके उत्तराधिकारी की खोज और पहचान की जिम्मेदारी फोडरंग फाउंडेशन के पास होगी। यह फाउंडेशन उनके विश्वस्त सहयोगियों द्वारा संचालित है और तिब्बती बौद्ध परंपराओं के अनुसार पुनर्जन्म की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा। दलाई लामा ने अपने अनुयायियों से आग्रह किया कि वे किसी भी ऐसे उम्मीदवार को स्वीकार न करें, जिसे चीन द्वारा नियुक्त किया जाए, क्योंकि यह तिब्बती धार्मिक स्वायत्तता के खिलाफ होगा।
दलाई लामा की पहचान की प्रक्रिया: अगले दलाई लामा की पहचान पुनर्जन्म की प्रक्रिया पर आधारित होती है, जिसे तिब्बती बौद्ध धर्म में 'तुल्कु प्रणाली' कहते हैं। यह एक विशेष परंपरा है जिसमें पिछले दलाई लामा की मृत्यु के बाद उनके पुनर्जन्म (नए दलाई लामा) की खोज की जाती है।
इस प्रक्रिया के मुख्य चरण होते हैं:
पूर्व संकेतों का अध्ययन- वर्तमान दलाई लामा द्वारा मृत्यु से पहले दिए गए कोई संकेत, सपने या आध्यात्मिक अनुभव।
धार्मिक चिन्हों और भविष्यवाणियों का अवलोकन- कुछ वस्तुएं या स्थान जो विशेष रूप से नए अवतार की ओर संकेत करते हैं। उम्मीदवार बच्चों की पहचान: एक खास उम्र के बच्चों को चयनित कर उनसे विशेष धार्मिक वस्तुओं की पहचान कराई जाती है। यदि बच्चा पूर्व दलाई लामा की वस्तुओं को सही ढंग से पहचान लेता है, तो उसे संभावित अवतार माना जाता है।
गोपनीय जांच- यह कार्य गादेन फोडरंग ट्रस्ट, उच्च लामाओं और कुछ विश्वासपात्र धर्म रक्षकों द्वारा किया जाता है।
मान्यता और शिक्षा- जब सही अवतार की पुष्टि हो जाती है, तब उसे दलाई लामा के रूप में सार्वजनिक रूप से मान्यता दी जाती है और विशेष बौद्ध शिक्षा दी जाती है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पूरी प्रक्रिया केवल और केवल धार्मिक और आध्यात्मिक आधार पर होती है, न कि किसी राजनीतिक हस्तक्षेप से। इस तरह, दलाई लामा का यह ताजा बयान न केवल भविष्य को लेकर स्पष्टता देता है, बल्कि इस पवित्र परंपरा की गरिमा को भी बनाए रखने की एक दृढ़ घोषणा है। ( तिब्बत सीमा से अशोक झा )
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