वात्सल्य मिलन उत्सव एवं नागरिक अभिनंदन समारोह में
मानो हो रहा था भक्त और भगवान का मिलन
- असाधारण कार्य करने वाली देवी स्वरूपा दीदी मां साध्वी ऋतंभरा दिख रही थी साधारण
- कार्यक्रम में शामिल होकर भक्तों ने लिया दीदी मां साध्वी ऋतंभरा का आशीष
- साध्वी ऋतंभरा है एक प्रसिद्ध हिंदू धर्मगुरु, वक्ता और समाजसेवी
- युवाओं में हिंदुत्व का अलख, गौ सेवा का प्रण दिलाने ओर सेवा भाव जगाने का निरंतर कर रही हैं कार्य
- साध्वी ऋतंभरा को पद्म भूषण पुरस्कार मुख्य रूप से उनके सामाजिक कार्यों के लिए है समर्पित
- जिनके प्रत्येक वाक्य में शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, और सांस्कृतिक जागरूकता पर बल
देश में परम शक्तिपीठ एवं वात्सल्य ग्राम की संस्थापिका, सम्पूर्ण विश्व में सनातन की दिव्य चेतना की प्रवाहिका दीदी मां साध्वी ऋतंभरा जैसे ही सिलीगुड़ी अग्रसेन भवन पहुंची। जयकारों से पूरा परिसर गुंजीमान हो गया। उन्हें एक झलक पाने वाली उनके भक्त आंखों में अश्रुधार में बहते नीर से उनके चरण पखार रहे थे। मौका था वात्सल्य मिलन उत्सव एवं नागरिक अभिनंदन समारोह का। कार्यक्रम का संचालन की जिम्मेदारी धार्मिक और सामाजिक संगठन से जुड़े सुशील रामपुरिया द्वारा किया जा रहा था। परम पूज्या दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा के दिव्य सान्निध्य से ओतप्रोत कार्यक्रम को श्री बजरंग भजन मण्डल और व्यवस्थापक के रूप में माँ सेवा मंच, सिलीगुड़ी द्वारा मूर्त रूप दिया गया। पिछले दिनों महामहिम राष्ट्रपति ने साध्वी ऋतंभरा को पद्मभूषण से सम्मानित किया था, जिसके उपलक्ष मे उत्तर बंगाल की सामाजिक, सांस्कृतिक, व्यवसायिक एवं धार्मिक संस्थाओं द्वारा उनका नागरिक अभिनन्दन किया गया। इसमें प्रमुख नेमीचन्द्र जैन, शंकर गोयल, सुनीता अग्रवाल, ज्ञानवती तिवारी, सुशीला सिंहल, श्रीहरि एकल के प्रतिनिधि, नक्सलबाड़ी के नारायण अग्रवाल, विनोद अग्रवाल उर्फ बिनु, ठाकुरगंज से आए तारा चन्द धानुका, जगदीश धानुका और पूर्व विधायक गोपाल धानुका परिवार के साथ दीदी मां का आशीर्वाद लिया। अभिनंदन कर आशीर्वाद प्राप्त करने वालो की लंबी फेरहिस्त था। वृंदावन में वात्सल्य ग्राम की संस्थापक साध्वी ऋतंभरा ने पद्मभूषण मिलने पर भी कहा कि इस सम्मान से परमशक्ति पीठ और वात्सल्य ग्राम के वह सभी सहयोगी सम्मानित हुए हैं, जिन्होंने मानव सेवा के कार्यों में अपना सर्वस्व समर्पित किया। वात्सल्य ग्राम में अनाथ बच्चों की परवरिश की जाती है। ऐसे बच्चों को साध्वी ऋतंभरा ने न केवल परिवार दिया बल्कि उनकी पढ़ाई से लेकर शादी की जिम्मेदारी भी उठाई। उनके सेवा कार्यों का ही परिणाम है कि आज वात्सल्य ग्राम में रह रहे बच्चे अच्छे कालेजों में पढ़ाई कर रहे हैं।साध्वी ऋतंभरा एक प्रसिद्ध हिंदू धर्मगुरु, वक्ता और समाजसेवी हैं। वे युवाओं में हिंदुत्व और सांस्कृतिक जागरूकता फैलाने के लिए जानी जाती हैं। साध्वी ने राम मंदिर आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई और भारतीय समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को मजबूत करने का कार्य किया। पद्म भूषण पुरस्कार, सामाजिक कार्यों में योगदान : साध्वी ऋतंभरा को पद्म भूषण पुरस्कार मुख्य रूप से उनके सामाजिक कार्यों के लिए दिया गया है। उन्होंने शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, और सांस्कृतिक जागरूकता के क्षेत्र में कई पहल की हैं। उनके प्रवचन युवाओं को प्रेरित करते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करती आ रही हैं।उनके सामाजिक कार्यों के प्रमुख क्षेत्र
शिक्षा और जागरूकता: साध्वी ऋतंभरा ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं।महिला सशक्तिकरण: वे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में सक्रिय भूमिका निभाती हैं।धार्मिक और सांस्कृतिक संरक्षण: हिंदू धर्म और संस्कृति के संरक्षण के लिए उन्होंने कई मंचों पर आवाज उठाई है। पद्म भूषण पुरस्कार का महत्व इसी बात से समझे कि यह भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इसे उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने अपने क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया हो। साध्वी ऋतंभरा को यह पुरस्कार उनके समर्पित सामाजिक कार्यों और देशभक्ति के लिए मिला है। साध्वी ऋतंभरा का पद्म भूषण पुरस्कार पाना न केवल उनके लिए बल्कि उनके द्वारा प्रेरित लाखों लोगों के लिए भी गर्व की बात है। यह सम्मान हमें यह याद दिलाता है कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए समर्पण और कड़ी मेहनत आवश्यक है। साध्वी ऋतंभरा की कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि वे अपने देश और समाज के लिए कुछ बड़ा कर सकते हैं। गर्व से कहो, हम हिंदू हैं, और हिंदुस्तान हमारा है! यह संदेश साध्वी ऋतंभरा के जीवन और कार्यों का सार है, जो उन्होंने समाज के सामने गर्व से रखा है। परमशक्तिपीठ परिवार के आयोजन तथा उत्तर बंगाल की अग्रणी धार्मिक संस्था श्री बजरंग भजन मण्डल एवं मां सेवा मंच के संयुक्त तत्वावधान में होने वाले इस कार्यक्रम से समस्त भक्त समुदाय में खुशी की लहर है। भक्त दीदीमां को सुनने के लिये व्याकुल थे। श्री बजरंग भजन मण्डल के महासचिव शंकर गोयल ने कहा कि हम सभी उत्तर बंगाल विशेषकर सिलीगुड़ी वासी बहुत सौभाग्यशाली हैं कि पद्मभूषण से सम्मानित होने के बाद परम श्रद्धेय दीदीमाँ का अभिनन्दन करने के साथ-साथ उनके श्रीमुख से प्रभु के दिव्य संदेश को श्रवण करने का सौभाग्य भी हमें प्राप्त हुआ। मां सेवा मंच की तरफ से सुनिता अग्रवाल ने बताया कि दीदी मां को अपने बीच पाकर ही जीवन को सफलीभूत होता देख रही हूं। ( अशोक झा की कलम से )
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