कोलकाता में सीएम ममता बनर्जी 21 जुलाई को आगामी विधानसभा एजेंडा को लेकर शहीद दिवस पर पार्टी कार्यकर्ताओं में हुंकार भरने वाली थी। उसके तीन दिन पहले ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी का नाम लिए बिना ही 2026 का एजेंडा सेट कर दिया है। उन्होंने बंगाल की ममता सरकार के एक एक बड़े घटना क्रम को जनता के सामने लाया। पीएम मोदी ने दुर्गापुर में पश्चिम बंगाल को बड़े मैसेज दिए. सरकारी कार्यक्रम में उन्होंने अपने विकास के काम गिनाए तो दूसरी रैली में उन्होंने ममता सरकार की पोल खोली।साथ ही भाषा को लेकर उठने वाले सवालों का असम, त्रिपुरा और ओडिशा के जरिए जवाब भी दिया। बंगाल के इतिहास की याद भी दिलाई और वर्तमान की दुर्दशा भी दिखाई। फिर साफ-साफ बोले, "बंगाल के सपने पूरे करने का माद्दा बीजेपी के पास है।समृद्ध, विकसित बंगाल बीजेपी ही पूरा कर सकती है। बताया विकास कैसे होता है: प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में 5,400 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें तेल एवं गैस, बिजली, रेल और सड़क से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं, जिनका उद्देश्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे, संपर्क और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना है। पश्चिम बंगाल के औद्योगिक शहर दुर्गापुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि आज विश्व भारत के 'विकसित राष्ट्र' बनने के संकल्प पर चर्चा कर रहा है और देश के बुनियादी ढांचे में हो रहा परिवर्तन इस दृष्टिकोण का एक प्रमुख आधार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' मंत्र वाली परियोजनाएं बंगाल की अर्थव्यवस्था को और विकसित करने में मदद करेंगी। उन्होंने कहा, ''इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सहित देश के सभी राज्य गरीबों के लिए चार करोड़ से अधिक पक्के मकान, करोड़ों शौचालय, हजारों किलोमीटर नई सड़कें और राजमार्ग, नई रेलवे लाइन, छोटे शहरों में हवाई अड्डे और गांवों में इंटरनेट संपर्क जैसी बुनियादी सुविधाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। बंगाल में रेल संपर्क के लिए काफी काम किया गया है और यह उन राज्यों में से एक है, जहां बड़ी संख्या में वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं और कोलकाता मेट्रो का तेजी से विस्तार हो रहा है. नई रेलवे लाइन बिछाई जा रही हैं, कई रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण किया जा रहा है और रेलवे ऊपरगामी पुल बनाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल के हवाई अड्डों को उड़ान योजना से जोड़ा गया है, जिसमें पिछले एक साल में पांच लाख से अधिक यात्री यात्रा कर चुके हैं। गैस उपलब्धता के क्षेत्र में पिछले 10 से 12 वर्षों में जो काम हुआ है, वह पहले कभी नहीं हुआ. पिछले दशक में एलपीजी कनेक्शन लाखों घरों तक पहुंचा है। पूर्वी भारत के छह राज्यों में गैस पाइपलाइन बिछाई जा रही है। मुझे खुशी है कि औद्योगिक शहर दुर्गापुर राष्ट्रीय गैस ग्रिड का हिस्सा बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस गैस आपूर्ति परियोजना से बंगाल में 25 से 30 लाख घरों को सस्ती गैस मिलेगी और इससे दुर्गापुर और रघुनाथपुर के उद्योगों को सहूलियत होगी। ये कारखाने अब विश्व के साथ प्रतिस्पर्धा करने में अधिक कुशल हो गए हैं। प्रधानमंत्री ने बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की 1,950 करोड़ रुपये की शहरी गैस वितरण परियोजना की आधारशिला रखी. इस परियोजना का उद्देश्य घरों और उद्योगों को पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी), खुदरा दुकानों पर संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) की आपूर्ति करना और क्षेत्र में रोजगार सृजन करना है। उन्होंने प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा (पीएमयूजी) पहल के तहत बिछाई गई दुर्गापुर-हल्दिया प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के 1,190 करोड़ रुपये की लागत वाले दुर्गापुर-कोलकाता खंड (132 किलोमीटर) को भी राष्ट्र को समर्पित किया. पूर्व बर्धमान, हुगली और नदिया जिलों से होकर गुजरने वाली इस पाइपलाइन से लाखों लोगों को प्राकृतिक गैस की निरंतर आपूर्ति होने की उम्मीद है पीएम मोदी ने स्वच्छ ऊर्जा के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए दामोदर घाटी निगम के अंतर्गत दुर्गापुर इस्पात ताप विद्युत केंद्र और रघुनाथपुर ताप विद्युत केंद्र में स्थापित फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) प्रणालियों को राष्ट्र को समर्पित किया। कुल 1,457 करोड़ रुपये की लागत वाली प्रदूषण नियंत्रण 'रेट्रोफिटिंग' परियोजना से वायु की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होने तथा क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन सुनिश्चित होने की उम्मीद है।प्रधानमंत्री ने 36 किलोमीटर लंबी पुरुलिया-कोटशिला रेल लाइन के दोहरीकरण का उद्घाटन किया, जिसे 390 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पूरा किया गया है।फिर ममता सरकार की पोल खोली: पश्चिम बंगाल का नौजवान पलायन के लिए मजबूर है। छोटे-छोटे काम के लिए भी उसे दूसरे राज्यों की तरफ जाना पड़ रहा है. दुर्गापुर, वर्धमान और आसनसोल, यह पूरा क्षेत्र भारत के औद्योगिक विकास को किसी समय में गति दे रहे थे, लेकिन आज यहां नए उद्योग लगने के बजाय जो हैं, उसे भी ताले लग रहे हैं। हम बंगाल को इस बुरे दौर से बाहर निकालना है. आज जो परियोजनाएं यहां शुरू, वह उसकी का प्रतीक है. बांग्ला पोरिबॉर्तन चाहे. बांग्ला उन्नयन चाहे। प्राइमरी एजुकेशन हो या हायर एजुकेशन, हर स्तर पर शिक्षा को बर्बाद किया जा रहा है. टीएमसी की सरकार ने बंगाल की एजुकेशन व्यवस्था को अपराध और भ्रष्टाचार के हवाले कर दिया है। हजारों योग्य शिक्षक आज बेरोजगार है, इसकी सबसे बड़ी वजह है, टीएमसी का भ्रष्टाचार. इससे हजारों परिवारों पर संकट आया है और लाखों बच्चों का भविष्य टीचर की कमी के कारण अंधेरे में है. टीएमसी ने बंगाल के वर्तमान और भविष्य दोनों को संकट में डाल दिया है। मां, माटी, मानुष" की बात करने वाली पार्टी की सरकार में बेटियों के साथ जो अन्याय हो रहा है, वो पीड़ा भी देता है और आक्रोश से भर भी देता है। आज पश्चिम बंगाल में अस्पताल भी बेटियों के लिए सुरक्षित नहीं हैं. जब यहां एक डॉक्टर बेटी के साथ अत्याचार हुआ, तो टीएमसी सरकार आरोपियों को बचाने में जुट गई। इस घटना से देश अभी उबरा भी नहीं था कि एक और कॉलेज में एक और बेटी के साथ भयंकर अत्याचार किया गया। इस घटना के आरोपियों का कनेक्शन भी टीएमसी से निकला है। हमें मिलकर बंगाल को इस निमर्मता से मुक्ति दिलानी है। मुर्शिदाबाद दंगों का जिक्र किया. छोटी छोटी बातों पर हिंसा होती है, और पुलिस एकतरफा कार्रवाई करती है। जहां न्याय की कोई उम्मीद न हो, वहां कोई कैसे निवेश कर सकता है। यहां की राज्य सरकार लोगों की जान और दुकान की सुरक्षा नहीं कर सकती, तो निवेशकों को भी चिंता हो सकती है। सिंडिकेट राज से कारोबारी बंगाल नहीं आ रहे हैं। टीएमसी के लोग धमकाते हैं, तो वे भी डरकर भाग जाते हैं। यह जो टीएमसी का गुंडा टैक्स है, यह बंगाल में निवेश को रोकता है।यहां संसाधनों पर माफिया पर कब्जा है. यहां की सरकार नीतिया ही अपने नेताओं को करप्शन की खुली छूट के लिए बनाती है। कब कौन सी नीति पलट दी जाए, कोई गारंटी नहीं। टीएमसी और लेफ्ट ने सालों तक दिल्ली में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चलाई. इस दौरान इनको बांग्ला भाषा की याद तक नहीं आई। ये भाजपा सरकार है, जिसने बांग्ला को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया.
फिर दिलाया बीजेपी का भरोसा: पीएम मोदी ने कहा मैं यकीन दिलाता हूं कि बंगाल की बदहाल स्थिति को बदला जा सकता है। बीजेपी सरकार आने के बाद पश्चिम बंगाल कुछ ही सालों में देश टॉप इंडस्ट्रिल राज्यों में एक बन सकता है। यह मेरा दृढ विश्वास है. और इसका कारण बंगाल के प्रतिभाशाली भाई बहन हैं. यहां नदिया भी हैं, यहां समंदर भी हैं। पश्चिम बंगाल सदियों से इंपोर्ट एक्सपोर्ट का केंद्र रहा है। यहां पोर्ट का बहुत बड़ा नेटवर्क है. यहां प्राकृतिक संसाधन हैं। मेक इन इंडिया को गति देने के लिए पश्चिम बंगाल के पास हर शक्ति है मौजूद है, बस यहां की टीएमसी सरकार बंगाल के विकास के आगे दीवार बनकर खड़ी है. जिस दिन टीएमसी सरकार की दीवार बंगाल में गिरी, उसी दिन से बंगाल विकास की नई तेजी पकड़ लेगा.
असम, त्रिपुरा और ओडिशा का जिक्र किया और बताया कि पड़ोसी में बीजेपी आई है, तो विकास हो रहा है। भाजपा बांग्ला भाषा को प्रेरणा, परंपरा और पहचान का माध्यम मानती है. भारत के लिए बांग्ला अस्मित सर्वोपरि है. देश में जहां भाजपा है, वहां बांग्ला का सम्मान है. पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने बंगाल की पहचान को दांव पर लगा दिया, उसके लिए यहां घुसपैठ को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका पूरा इको सिस्टम डेवलप गया है. यह बांग्ला संस्कृति के साथ देश की सुरक्षा के लिए खतरा है. मैं दुर्गापुर की धरती से साफ कर दूं कि जो भारत का नागरिक नहीं है, जो घुसपैठ करके आया है, उसके साथ भारत के संविधान के तहत न्याय सम्मत कार्रवाई होती रहेगी। बंगाल की अस्मिता के खिलाफ होने वाली किसी भी साजिश को बीजेपी कामयाब नहीं होने देगी। यह आपको मोदी की गारंटी है
श्यामा प्रसाद मुखर्जी, बीसी रॉय, द्वारका नाथ टैगोर, सर वीरेंद्र मुखर्जी के जरिए बंगाली अस्मिता को पीएम मोदी ने बीजेपी से जोड़ा. पीएम ने कहा कि ऐसे महान लोगों ने ही पश्चिम बंगाल की महान विरासत को आगे बढ़ाया है। पश्चिम बंगाल एक समय में भारत के विकास का केंद्र हुआ करता था। मैं आज आपको ये यकीन दिलाने आया हूं कि बंगाल की बदहाल स्थिति को बदला जा सकता है। भाजपा की सरकार आने के बाद, सिर्फ कुछ ही वर्षों में बंगाल देश के शीर्ष औद्योगिक राज्यों में से एक बन सकता है। यह मेरा दृढ़ विश्वास है। ( बंगाल से अशोक झा )
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