बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह भाजपा शासित राज्यों में बंगाली भाषी लोगों के कथित उत्पीड़न की झूठी कहानी गढ़ रही हैं। इस पर भाजपा नेता और प्रसिद्ध अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने ममता के दावों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी बंगाल में आतंक का माहौल बना रही हैं और यह भी स्पष्ट किया कि बंगाली भाषा पर उनका एकाधिकार नहीं है। चक्रवर्ती ने कहा कि बंगाली भाषा वैसी ही रहेगी जैसी है। उन्होंने ममता के बयान को राजनीतिक लाभ के लिए निराधार बताया। ममता ने कहा था कि भाजपा शासित राज्यों में बंगाली श्रमिकों को परेशान किया जा रहा है और वह इस मुद्दे को केंद्र के समक्ष उठाने का इरादा रखती हैं।
मिथुन चक्रवर्ती का बयान: मिथुन चक्रवर्ती ने किया बड़ा दावापत्रकारों से बातचीत करते हुए, मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि ममता बनर्जी का बयान केवल 'विवाद उत्पन्न करने' और पश्चिम बंगाल के लोगों में 'अनावश्यक डर' फैलाने के लिए था। उन्होंने टीएमसी प्रमुख पर आरोप लगाया कि वह इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही हैं और बंगाली भाषा और संस्कृति पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं। चक्रवर्ती ने कहा, "वह हर चीज़ में विवाद पैदा करना चाहती हैं। कुछ नहीं होने वाला। बंगाली भाषा जैसी है वैसी ही रहेगी। ममता बनर्जी का इस पर एकाधिकार नहीं है। हम इसका जवाब देंगे।"
ममता बनर्जी का आक्रामक रुख,ममता बनर्जी SIR के मुद्दे पर आक्रामक:
मुख्यमंत्री ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को पश्चिम बंगाल और बिहार में मतदाता सूची से अल्पसंख्यक और प्रवासी मतदाताओं के नाम हटाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का निर्देश दिया। ममता ने चुनाव आयोग कार्यालयों का घेराव करने का भी आह्वान किया। चक्रवर्ती ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए। फ़र्ज़ी मतदाताओं को हटाना होगा, तभी चुनाव निष्पक्ष होंगे। आयोग का घेराव करने से क्या हासिल होगा?' अगले साल विधानसभा चुनावों के कारण राजनीतिक माहौल और भी गर्म हो गया है। पीएम मोदी ने हाल ही में दुर्गापुर में टीएमसी सरकार पर निशाना साधा था।अभिनेता कोलकाता में पार्टी कार्यक्रमों में शामिल हुए, जहां पर उन्होंने कहा, "देश में कहीं भी बंगाली भाषी लोगों का अनावश्यक उत्पीड़न नहीं हुआ। तृणमूल कांग्रेस के पास चुनाव से पहले मुद्दों की कमी है, इसलिए मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर झूठी कहानी बनाकर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही हैं।
मिथुन चक्रवर्ती ने ममता सरकार पर साधा निशाना:
मिथुन ने तृणमूल कांग्रेस के उस दावे को भी खारिज करते हुए कहा कि भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई), भाजपा और केंद्र सरकार के इशारे पर बंगाल के मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से चुनिंदा तरीके से हटा रहा है। उन्होंने आगे कहा, "किसी भी बंगाली मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटाया जा रहा। केवल उन लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं जो अवैध रूप से घुसपैठ करके वोटर लिस्ट में शामिल हुए हैं।" उन्होंने दावा करते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल में ही सबसे ज्यादा अवैध घुसपैठिए वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने में सफल हो रहे हैं।
अवैध घुसपैठियों के खिलाफ चुनाव आयोग सख्त: प⁰
मिथुन ने कहा, "तृणमूल कांग्रेस को पता है कि इन घुसपैठियों के नाम हटने के बाद वे साल 2026 के विधानसभा चुनाव में 294 में से 70 सीटें भी नहीं जीत पाएंगे। इसलिए वे घबराए हुए हैं और ईसीआई की विशेष मतदाता सूची संशोधन का विरोध कर रहे हैं।"मिथुन ने भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे चुनाव आयोग की मदद करें और उन अवैध घुसपैठियों की पहचान करें जिनके नाम वोटर लिस्ट में शामिल हैं। तृणमूल कांग्रेस शुरू से ही इस विशेष संशोधन का विरोध कर रही है। ( बंगाल से अशोक झा )
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