बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के गृह नगर गोपालगंज में शनिवार सुबह तक 160 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। कर्फ्यू की अवधि भी बढ़ा दी गई। इस बीच शहर में बुधवार को हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है।बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस के खिलाफ अब अमेरिका में प्रदर्शन शुरू हो गया है।अमेरिका में रह रहे बांग्लादेशियों ने यूनुस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यूनुस पर बांग्लादेश में आतंकवादियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।वान नदियों और नहरों में लगा रहे गश्त: नौसेना और तटरक्षक बल के जवान भी ढाका से लगभग 160 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित गोपालगंज में हुई हिंसा में शामिल संदिग्धों को पकड़ने के लिए नदियों और नहरों में गश्त कर रहे हैं। नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) की रैली के दौरान हुई झड़प में चार लोग मारे गए थे। समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प: रैली एक तरह से युद्धक्षेत्र में बदल गई, क्योंकि छात्रों के नेतृत्व वाली पार्टी के मार्च से पहले शेख मुजीबुर रहमान की बेटी और अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के सैकड़ों समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प हो गई। एक स्थानीय अखबार के संपादक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, 'स्थानीय अस्पताल ने गोली लगने से गंभीर रूप से घायल रमजान मुंसी को ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया था, जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।'आत्मरक्षा में किया गया बल प्रयोग:
पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों और कई अज्ञात व्यक्तियों पर बुधवार को एक पुलिस वाहन में आग लगाने और कई अधिकारियों पर हमला करने का आरोप है। बांग्लादेशी सेना ने एक बयान में कहा कि गोपालगंज में बुधवार को हुई झड़पों के दौरान 'अनियंत्रित लोगों के एक समूह' के हमला करने के बाद उसने आत्मरक्षा में बल प्रयोग किया।
तोड़फोड़ और आगजनी की घटना: इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के बयान में कहा गया है कि लोगों के एक समूह ने गोपालगंज सदर में एक राजनीतिक दल के महीने भर के कार्यक्रम के तहत आयोजित सार्वजनिक रैली को लेकर हिंसा को अंजाम दिया। बयान के अनुसार, 'हिंसा के शुरुआती चरण में कई पुलिसकर्मी और पत्रकार घायल हो गए, जबकि सरकारी वाहनों और सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई।' लोगों में डर का माहौल: इसमें कहा गया है, 'जैसे ही स्थिति बिगड़ी, सेना और स्थानीय पुलिस दोनों ने हस्तक्षेप किया और स्थिति को नियंत्रण में लाने में कामयाब रहे।' इस बीच, पुलिस ने बताया कि बुधवार शाम को 22 घंटे के लिए लगाए गए कर्फ्यू की अवधि शनिवार सुबह छह बजे तक के लिए बढ़ा दी गई है। फोन पर संपर्क करने पर लोगों ने बताया कि पूरे जिले पर नजर रखने के लिए सेना और दंगा पुलिस के साथ अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) और तटरक्षक बल के अतिरिक्त जवानों को तैनात किए जाने से लोगों में डर का माहौल है।अमेरिका में प्रदर्शन करने वाले इन बांग्लादेशियों का कहना है कि यूनुस के दौर में अराजकता बढ़ी है। प्रदर्शनकारियों ने यूनुस से इस्तीफा देने की मांग की है. अमेरिका में प्रदर्शन की यह घटना ऐसे वक्त में सामने आई है, जब बांग्लादेश के कई इलाके दंगे की चपेट में है।
खालिदा की BNP भी यूनुस के खिलाफ मुखर: अमेरिका में जहां मोहम्मद यूनुस के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं बांग्लादेश में खालिदा जिया की पार्टी भी यूनुस के खिलाफ मुखर है. खालिदा जिया की पार्टी ने गुरुवार (17 जुलाई) को आरोप लगाया कि यूनुस अपनी कुर्सी सेफ रखने के लिए दंगा होने दे रहे हैं। खालिदा की पार्टी के महासचिव फखरूल के मुताबिक यूनुस नहीं चाहते हैं कि फरवरी 2026 तक आम चुनाव हो, इसलिए बांग्लादेश को दंगे की आग में झोंका जा रहा है. यूनुस की अंतरिम सरकार लॉ एंड ऑर्डर को मैंटेन करने में अक्षम है। बांग्लादेश में 2 दिन पहले गोपालगंज इलाके में शेख हसीना और नाहिद इस्लाम के समर्थक भिड़ गए. इस हिंसक घटना में 5 नागरिकों की जान चली गई. पूरे गोपालगंज इलाके में अभी भी कर्फ्यू लागू है। बांग्लादेश में क्राइम अनकंट्रोल हो गया है: बांग्लादेश में क्राइम अनकंट्रोल हो गया है. यह खुलासा खुद यूनुस की पुलिस की एक रिपोर्ट में हुई है. प्रथम आलो ने पुलिस मुख्यालय के हवाले से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. इसमें कहा गया है कि जनवरी 2025 में हत्या के 294 केस आए थे, जो जून 2025 में बढ़कर 344 हो गए। साल के हिसाब से देखा जाए तो जून 2025 तक यानी पहली छमाही में बांग्लादेश में करीब 2000 केस सामने आए हैं. कहा जा रहा है कि जिस तरीके से अपराध बढ़ रहे हैं, उससे इस बार हत्या के मामले 5000 के आंकड़े को छू सकती है। बांग्लादेश पुलिस मुख्यालय के मुताबिक हत्या के साथ-साथ बलात्कार के मामले में भी बढ़ोतरी देखी गई है। जनवरी 2025 में बलात्कार के 392 मामले दर्ज किए गए, जो जून में बढ़कर 492 हो गए।उन्होंने ये भी चेतावनी दी कि अवामी लीग को अब जड़ें जमाने नहीं दी जाएंगी। बैतूल मुकर्रम राष्ट्रीय मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद पार्टी की ढाका दक्षिण इकाई द्वारा आयोजित विरोध रैली में बोलते हुए उन्होंने कहा, "हसीना सरकार की क्रूरता ने बच्चों तक को नहीं बख्शा. अब जनता उनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई चाहती है." उन्होंने दावा किया कि पिछले 16 सालों से उनकी पार्टी हर लोकतांत्रिक आंदोलन का हिस्सा रही है. उन्होंने कहा, 'आज बीएनपी, जमात-ए-इस्लामी समेत सभी विपक्षी ताकतें हसीना सरकार के तानाशाही शासन को उखाड़ फेंकने के लिए एक मंच पर आ चुकी हैं।जलालुद्दीन ने दी ये चेतावनी: प्रदर्शन के दौरान जलालुद्दीन ने चेतावनी दी कि गोपलगंज सहित किसी भी इलाके में अवामी लीग को अब जड़ें जमाने नहीं दी जाएंगी. उन्होंने साफ कहा कि यदि सरकार या प्रशासन का कोई भी व्यक्ति इस अभियान में बाधा डालने की कोशिश करता है तो उसे भी बख्शा नहीं जाएगा।संयुक्त राष्ट्र के ऑफिस के खिलाफ भी विरोध: जलालुद्दीन ने ढाका में प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के खिलाफ भी तीखा विरोध जताया. उन्होंने कहा, 'बांग्लादेश की संप्रभुता के खिलाफ कोई भी कदम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ज़रूरत पड़ी तो हम यूएन ऑफिस का विरोध सड़क पर उतरकर करेंगे। जलालुद्दीन ने विपक्षी गुटों को भी चेताया: उन्होंने विपक्षी गुटों को भी चेताया कि आपसी कलह और व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप से आंदोलन कमजोर होगा और इससे केवल 'फासीवादी ताकतों' को दोबारा संगठित होने का मौका मिलेगा। ( बांग्लादेश बॉर्डर से अशोक झा )
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