बिहार के पटना के बहुचर्चित पारस अस्पताल हत्याकांड में एक बड़ा खुलासा सामने आया है। इस सनसनीखेज वारदात के मास्टरमाइंड तौसीफ खान उर्फ बादशाह को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। आधुनिक तकनीक ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर) सिस्टम की सहायता से पटना पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, तौसीफ ने बताया कि हत्या की साजिश पहले ही रची जा चुकी थी और इसके लिए बाकायदा एक टीम तैयार की गई थी। अब तक इस केस में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें 5 शूटर और 2 महिलाएं भी शामिल हैं। इन सभी को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपियों की पहचान सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और स्थानीय सुरागों के आधार पर की गई। पटना पुलिस लगातार तौसीफ बादशाह से पूछताछ कर रही है। दूसरे दिन भी पुलिस ने उससे करीब 5 घंटे तक पूछताछ की। पूछताछ के दौरान तौसीफ भावुक हो गया और उसने बताया कि पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हत्या के लिए 10 हथियार बक्सर से ही लाए गए थे, जबकि पटना में बाइक की व्यवस्था की गई थी। पुलिस ने मंगलवार को घटना में इस्तेमाल की गई एक अपाचे बाइक बरामद की है, जिस पर फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई थी। पुलिस का कहना है कि दोनों बाइक चोरी की थीं, और एक बाइक अभी तक बरामद नहीं हो पाई है।
गया से बरामद हुआ मोबाइल और सीम: पुलिस टीम ने तौसीफ की निशानदेही पर घटना के दौरान इस्तेमाल किए गए तीन मोबाइल फोन और उनके सिम कार्ड गयाजी स्थित उसकी बहन के घर से बरामद किए हैं।बताया जा रहा है कि तौसीफ ने हत्या के बाद ये मोबाइल फोन अपनी बहन के घर छोड़ दिए थे। उसने बताया कि जुए में 20 लाख रुपये गंवा दिए थे इससे उसके ऊपर कर्ज हो गया था। ऐसे में उसने इस वारदात को अंजाम दिया।
नशे में थे पांचों शूटर: 17 जुलाई की सुबह जब पांचों शूटर हॉस्पिटल पहुंचे थे वे सभी लोग नशे में थे। इसके बाद तौसीफ बादशाह, बलवंत, रविरंजन, मोनू और नीलेश ने चंदन को 28 गोलियां मारी थीं। पुलिस ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के लिए चोरी की दो गाड़ियां काम में लाई गई। इनमें से एक बाइक बरामद हो चुकी है जबकि दूसरी की तलाश की जा रही है।
हॉस्पिटल के कर्मचारी से क्या बोला तौसीफ?: तौसीफ बादशाह ने आगे कहा कि उससे हॉस्पिटल में एक कर्मचारी से कहा कि उसके चाचा भर्ती हैं। इसके बाद कर्मचारी ने उसे बिना किसी जांच के अंदर जाने दिया। वारदात के बाद आरोपी हॉस्पिटल के सीसीटीवी में भागते हुए नजर भी आते हैं। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी तौसीफ पहले अपने घर गया और बहन से बोला कि वह उसे गया छोड़ देगा। इसके बाद सभी आरोपी गया पहुंचे और वहां से कोलकाता भाग गए। हरेक शूटर को मिलने थे 5 लाख रुपये: पूछताछ में तौसीफ ने एक और बड़ा खुलासा किया। उसने कहा कि वह शेरू से परिचित नहीं था लेकिन उसके मौसेरे भाई नीशू खान से शेरू की पुरुलिया जेल में मुलाकात हुई थी और वहीं से साजिश की शुरुआत भी हुई। शेरू ने नीशू को चंदन को मारने की सुपारी दी थी। इसमें प्रत्येक शूटर को 5-5 लाख रुपये मिलने थे। इसके बाद अब तक किसी को कोई भुगतान नहीं किया गया है।जेल में रची साजिश, चंदन मिश्रा को मारी गईं 28 गोलियां: मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस सूत्रों के हवाला से बताया गया है कि चंदन मिश्रा की हत्या की साजिश पश्चिम बंगाल की पुरुलिया जेल से रची गई थी। वहां बंद अपराधी शेरू सिंह ने इस हत्याकांड की सुपारी दी थी। सूत्रों की मानें तो निशु खान ने शेरू सिंह से डील की और शूटर्स को सक्रिय किया। तौसीफ की मानें तो मिश्रा को कुल 28 गोलियां मारी गईं, जो बताता है कि यह महज हत्या नहीं बल्कि एक गैंगवार की खुली चुनौती थी।
जुए में हारा 20 लाख और...
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि शूटर तौसीफ भारी आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। वह जुए में करीब 20 लाख रुपये हार चुका था, और इस कर्ज से उबरने के लिए उसने चंदन मिश्रा की हत्या की सुपारी ली। यही नहीं, निशु खान की आर्थिक स्थिति भी बेहद खराब थी, और दोनों ने मिलकर पैसे के बदले यह खूनी सौदा किया। उन्हें हत्या के बाद प्रत्येक को 5-5 लाख रुपये मिलने थे।
बक्सर से लाए गए हथियार, बाइक-मोबाइल भी बरामद
हत्या में इस्तेमाल किए गए 10 हथियार बक्सर से लाए गए थे। शूटर्स ने मौके पर दो चोरी की बाइक का इस्तेमाल किया, जिनमें से एक अपाचे बाइक पुलिस ने बरामद कर ली है। इसके साथ ही पुलिस ने घटना में प्रयुक्त तीन मोबाइल फोन और सिम कार्ड्स भी जब्त किए हैं।
रूप बदलकर छिपा तौसीफ: हत्या के बाद वीडियो वायरल होने पर तौसीफ ने अपना लुक बदल लिया था। उसने बाल और दाढ़ी कटवा ली थी ताकि पहचान से बच सके। उसकी पुलिस रिमांड आज खत्म हो रही है, जिसके बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस बीच हत्याकांड में शामिल अन्य आरोपियों बलवंत, रविरंजन और अभिषेक के खिलाफ बिहिया थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। मुठभेड़ में घायल बलवंत और रविरंजन फिलहाल पटना के पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती हैं और पुलिस निगरानी में इलाजरत हैं। ( बिहार से अशोक झा )
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