- सीबीआई की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा ने उन्हें हाल ही में इंफाल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया,विपक्ष के निशाने पर केंद्र की सरकार
मणिपुर में एक बार फिर से हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। मैतेई कट्टरपंथी संगठन अरम्बाई टेंगोल के नेता कानन सिंह गिरफ्तारी के बाद इंफाल क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे, जिसके मद्देनजर राज्य सरकार ने घाटी के पांच जिलों-इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर-में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल और काकचिंग जिलों में 4 या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बिष्णुपुर में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है। दरअसल, सीबीआई ने अरंबाई तेंगोल के सदस्य कानन सिंह को इंफाल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया।गिरफ्तारी की खबर के बाद राजधानी इंफाल में प्रदर्शनकारियों ने टायर और लकड़ी जलाकर सड़कों को जाम कर दिया. उन्होंने एयरपोर्ट के मुख्य द्वार के बाहर जमा होकर नेता को राज्य से बाहर ले जाने का विरोध किया. कई लोगों ने वहीं रात गुजारी और कुछ ने आत्मदाह करने की भी कोशिश की।सुरक्षा बलों से झड़प:उग्र भीड़ को काबू में करने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा. झड़पों में एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।कई जिलों में धारा 144 और कर्फ्यू: स्थिति को देखते हुए बिष्णुपुर जिले में पूर्ण कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. वहीं इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, थौबल और काकचिंग जिलों में धारा 144 के तहत पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। यह गिरफ्तारी 2023 की मणिपुर हिंसा से जुड़े मामलों में की गई है, जिसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई कर रही है। मामलों की सुनवाई मणिपुर से हटाकर गुवाहाटी ट्रांसफर की गई है, जिससे कानून-व्यवस्था बनी रहे. गिरफ्तारी की सूचना परिवार को दी गई। गिरफ्तार आरोपी को इंफाल से गुवाहाटी लाया गया, जहां उसे कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी।कहा जाता है कि जिस हिंसा ने मणिपुर-इंफाल को दहला दिया, उसकी जड़ में कानन सिंह ही था। कानन सिंह की गिरफ्तारी को बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। इसी को लेकर मणिपुर में एक बार फिर हिंसक प्रदर्शन तेज हो गया है। कौन हैं मैतेई नेता कानन सिंह?: कानन सिंह मणिपुर के एक मैतेई नेता और अरंबाई तेंगोल संगठन के सदस्य हैं। सीबीआई की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा ने उन्हें हाल ही में इंफाल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया। उनकी गिरफ्तारी की खबर मणिपुर में आग की तरह फैल गई. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने इंफाल में जमकर विरोध प्रदर्शन किया और सड़कों पर टायर जलाए. कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए अपने सिर पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश भी की. इस घटना के बाद मणिपुर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.
अरमबाई तेंगोल संगठन पर क्या आरोप?
अरमबाई तेंगोल मणिपुर में मैतेई समुदाय से जुड़ा एक संगठन है, जिसकी स्थापना 2020 में सांस्कृतिक पुनर्जागरण के उद्देश्य से हुई थी. इस संगठन का उद्देश्य मैतेई समुदाय की पहचान, संस्कृति और सनामही धर्म को बढ़ावा देना था. इसे कट्टरपंथी मैतेई युवाओं और परंपरावादी बुद्धिजीवियों ने शुरू किया था. हालांकि, समय के साथ इस संगठन ने अपना स्वरूप बदल लिया.
कानन की गिरफ्तारी के बाद हिंसक प्रदर्शन
मैतेई समुदाय की पहचान, संस्कृति को बढ़ावा देने वाला यह संगठन एक कट्टरपंथी संगठन बन गया. 2023 में हुई जातीय हिंसा में इस संगठन पर कुकी समुदाय के खिलाफ हमले करने और गांव जलाने के आरोप लगे. इस संगठन पर कुकी समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और धमकी देने के आरोप लगते रहे हैं. सीबीआई ने 2023 की हिंसा से जुड़े मामले में जब कानन सिंह को गिरफ्तार किया तो इंफाल और अन्य क्षेत्रों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए.
प्रतिनिधिमंडल ने की राज्यपाल से मुलाकात
हिंसा के बाद मणिपुर के विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल (25 विधायक और एक सांसद) ने राज्यपाल अजय भल्ला से मुलाकात की. राज्यपाल से मिलने के बाद बीजेपी विधायक के. इबोम्चा ने कहा कि हमने राज्यपाल से कल की घटना के बारे में बात की है और उनसे अरंबाई तेंगोल नेताओं को रिहा करने का आग्रह किया है. राज्यपाल ने कहा कि सरकार अरंबाई टेंगोल के खिलाफ नहीं है. कानन को मणिपुर पुलिस ने नहीं बल्कि सीबीआई ने एक मामले में गिरफ्तार किया है. वहीं, चार अन्य को इसलिए उठाया गया क्योंकि वे उस समय उनके साथ थे। पुलिस इन सभी के खिलाफ जांच कर रही है।।जांच क्लियर होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। (बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा )
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