बंगाल में दार्जिलिंग के बीजेपी सांसद राजू विष्ट ने कहा कि मेरे संज्ञान में आया है कि पश्चिम बंगाल सरकार दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर से प्रसाद वितरित करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का दुरुपयोग कर रही है। कथित तौर पर राशन डीलरों को लाभार्थियों को उनके आवंटित खाद्यान्न के साथ प्रसाद सौंपने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
हम प्रसाद की पवित्रता के प्रति गहरा सम्मान रखते हैं, लेकिन हम टीएमसी सरकार द्वारा भगवान जगन्नाथ के पवित्र प्रसाद के घोर राजनीतिकरण का कड़ा विरोध करते हैं। माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी द्वारा हाल ही में उद्घाटन किए गए मंदिर के प्रसाद को वितरित करने के लिए पीडीएस का उपयोग करना यह उजागर करता है कि यह भक्ति का कार्य नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक लाभ के लिए लोगों की आस्था का शोषण करने का एक सुनियोजित प्रयास है।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार ने लगातार हिंदू विरोधी रुख का प्रदर्शन किया है। चाहे संदेशखली हो, मुर्शिदाबाद हो, मालदा हो या चोपड़ा, टीएमसी पार्टी से जुड़े संगठनों द्वारा बार-बार हिंदुओं को निशाना बनाया गया है। हाल ही में मुर्शिदाबाद हिंसा की अदालत की निगरानी में की गई जांच से पता चला है कि टीएमसी नेता हिंदुओं के खिलाफ हमलों में सिर्फ मूकदर्शक ही नहीं थे, बल्कि सक्रिय भागीदार भी थे। अब सीएम ममता बनर्जी भगवान जगन्नाथ प्रसाद का इस्तेमाल भक्ति भाव से नहीं, बल्कि सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए करने की कोशिश कर रही हैं। यह धर्म और शासन दोनों की पवित्रता का सीधा अपमान है। धर्म व्यक्तिगत आस्था और भक्ति का विषय होना चाहिए, राजनीति का साधन नहीं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) जैसी कल्याणकारी योजना के माध्यम से प्रसाद का वितरण न केवल ऐसी प्रणाली के उद्देश्य को विकृत करता है, बल्कि प्रसाद के आध्यात्मिक महत्व को भी कम करता है। वही सरकार जिसने वैध हिंदू सरोकारों, मंदिर की जमीनों और धार्मिक जुलूसों के प्रति पूरी उदासीनता और यहां तक कि शत्रुता दिखाई है, आज अपने व्यवस्थित द्वेष को छिपाने के लिए राज्य मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है। बंगाल के हिंदू इसे समझ सकते हैं। संदेशखली में हिंसा, चोपड़ा में अपवित्रता या मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक हमलों की सच्चाई को कोई भी प्रतीकात्मकता नहीं छिपा सकती। हम बंगाल के सभी जागरूक नागरिकों से हमारी आस्था के इस खतरनाक राजनीतिकरण के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान करते हैं। मेरे संज्ञान में आया है कि पश्चिम बंगाल सरकार दीघा में हाल ही में उद्घाटित जगन्नाथ मंदिर से प्रसाद वितरण के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का दुरुपयोग कर रही है। राशन वितरकों को कथित तौर पर लाभार्थियों को खाद्यान्न के साथ प्रसाद वितरित करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।हालांकि हम प्रसाद की पवित्रता के प्रति गहरा सम्मान रखते हैं, लेकिन हम प्रसाद के बहाने टीएमसी सरकार द्वारा भगवान जगन्नाथ के खुले राजनीतिकरण का कड़ा विरोध करते हैं। हाल ही में उद्घाटित मंदिर में प्रसाद वितरण के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली का इस तरह का दुरुपयोग सुश्री ममता बनर्जी द्वारा भगवान जगन्नाथ के प्रति उनकी कोई भक्ति नहीं बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए जनता की आस्था का दोहन करने का एक गुमराह करने वाला प्रयास है।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी सरकार लगातार हिंदू विरोधी रुख अपना रही है। संदेशखली हो, मुर्शिदाबाद हो, मालदा हो या चोपड़ा, टीएमसी पार्टी और उसके समर्थक घर-घर जाकर हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। अभी हाल ही में मुर्शिदाबाद हिंसा की अदालती निगरानी में हुई जांच में पता चला कि टीएमसी नेता हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के मूक दर्शक मात्र नहीं थे, बल्कि सक्रिय रूप से इसमें शामिल थे। अब मुख्यमंत्री भगवान जगन्नाथ का प्रसाद हिंदुओं को वितरित कर हिंदुओं को लुभाने का असफल प्रयास कर रही हैं, वह भी भक्ति भाव से नहीं बल्कि केवल राजनीतिक लाभ के लिए। ऐसा कृत्य धर्म और प्रशासन दोनों की पवित्रता का सीधा अपमान है। धर्म राजनीति का हथियार नहीं होना चाहिए, बल्कि व्यक्तिगत आस्था और भक्ति का विषय होना चाहिए। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) जैसी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रसाद का वितरण प्रसाद के आध्यात्मिक महत्व का अवमूल्यन और अपमान करता है, ऐसी प्रणालियों के उद्देश्य को विकृत करता है। मंदिर की भूमि और धार्मिक आयोजनों सहित हिंदुओं की वैध चिंताओं के प्रति पूरी तरह से उदासीनता दिखाने वाली टीएमसी सरकार ही आज अपनी सुनियोजित दुर्भावना को छिपाने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। बंगाल के हिंदू ऐसी साजिश को अच्छी तरह समझ सकते हैं। संदेशखली में हुई हिंसा, चोपड़ा में हिंदुओं का अपमान या मुर्शिदाबाद में हुए सांप्रदायिक हमले की सच्चाई को किसी भी दिखावे से नहीं छिपाया जा सकता। सांसद राजू विष्ट ने कहा कि हम बंगाल के सभी जागरूक नागरिकों से हमारी आस्था के ऐसे खतरनाक राजनीतिकरण के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान करते हैं। ( बंगाल से अशोक झा )
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