ईरान की बर्बादी तो विधाता ने उसी दिन निर्धारित कर दी थी जब एक सरकार विरोधी सोशल मीडिया पोस्ट के लिए एक पिता को उसकी बेटी के सामने सरेआम फांसी पर लटका दिया गया
जहां पिता अपने अंतिम समय में अपनी बेटी की आंखों में आँखें डाल कर इसलिए मुस्कुराता रहा कि बेटी का हौंसला ना टूटे..!!
किसे याद नहीं ये और ऐसे कई सौ दृश्य जिन्होंने दुनियां के हर इंसान के कलेजे को कंपकपा दिए
जहां बुरका ना पहनने पर महिलाओं के बाल काट देना नंगा घुमाने से लेकर पीट पीट कर इतना मारना कि महिलाओं का तड़प तड़प कर हॉस्पिटल में दम तोड़ देना..!
जिस संस्कृति और संस्कारों में ऐसे अत्याचार हो उसका तबाह होना लाज़मी है अब बेंजामिन नेतन्याहू तो इनकी बर्बादी का माध्यम मात्र हैं..!!
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