- क्या बंगाल का सीमांत बन रहा आतंकियों का पनाहगार
- राष्ट्रविरोधी ओर घुसपैठियों के बल पर फैला रहा अपना स्लीपर सेल
- भाजपा ने गृहमंतालय से की निगरानी की मांग, सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप
बांग्लादेश सीमांत बांकुड़ा से एक ओर अंसार गजवात उल हिंद के आतंकी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई है। अभियान के दौरान 249 ऐसे लोग मिले हैं, जिनके आधार कार्ड पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के हैं। पहलगाम हमले के बाद जांच के दौरान अभियान के दौरान विभिन्न राज्यों में 249 ऐसे लोग मिले हैं, जिनके आधार कार्ड पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के हैं। इनके सत्यापन में पश्चिम बंगाल के पुलिस-प्रशासन से सहयोग न मिलने पर पुलिस और एलआईयू खुद बीरभूम जाएगी। पुलिस और एलआईयू की संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस और एलआईयू की संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। भाजपा ने गृह मंत्रालय से बंगाल में राष्ट्र विरोधी तत्वों पर नजर रखने की गुहार लगाई है। यह मांग भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार और विरोधी दल नेता शुभेंदु अधिकारी ने की है। भाजपा नेताओं का आरोप है कि सरकार तुष्टिकरण के कारण कोई बड़ा एक्शन नहीं ले सकती। हालांकि टीएमसी ने इसे भाजपा की नौटंकी करार दिया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बांकुड़ा जिले के विष्णुपुर से पुलिस ने अंसार गजवात उल हिंद से जुड़े एक संदिग्ध युवा आतंकवादी को गिरफ्तार किया है। यह आतंकी संगठन भारत विरोधी और कट्टरपंथी विचारधारा के लिए कुख्यात है। आतंकी का नाम मुस्ताक मंडल है। वह बांकुड़ा जिले के सुदूर बोगडोहरा गांव का रहने वाला है। पुलिस ने मुस्ताक मंडल को मंगलवार देर रात उसके घर से हिरासत में लिया। उससे लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। मुस्ताक की सोशल मीडिया गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी। उस पर भारत विरोधी और सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाले संदेश पोस्ट करने का आरोप है। जांच के दौरान उसके अंसार गजवात उल हिंद से संबंध के संकेत मिले। इसके बाद पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेकर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की।पुलिस अब उससे पूछताछ कर रही है ताकि यह पता चल सके कि उसके स्थानीय संपर्क कौन-कौन हैं और कहीं कोई बड़ा स्लीपर सेल तो सक्रिय नहीं है। गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों में बंगाल में आतंकवाद से जुड़े मामलों में कई लोगों को दबोचा गया है। तीन दिनों में बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के तीन सक्रिय सदस्य पकड़े गए हैं। इनमें आजमल हुसैन और साहेब अली खान को बीरभूम के नलहाटी और अबासुद्दीन मोल्ला को दक्षिण 24 परगना के पातुरी गांव से गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा मंगलवार को आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट ने पश्चिम बर्दवान के बाराबनी इलाके से शराफ मीर नामक एक युवक को गिरफ्तार किया है। उस पर सोशल मीडिया के जरिए भारत के खिलाफ नारेबाजी करने और ऑपरेशन सिंदूर के विरोध में देशद्रोही बयान देने का आरोप है। पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त कर लिया है।
बॉक्स में: कैसे हो रहा नेटवर्क फैलाने की हो रही कोशिश : बीरभूम जिले की कई पत्थर खदानें इस समय खुफिया एजेंसियों की निगरानी में हैं। आशंका जताई जा रही है कि पत्थर विस्फोट के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले विस्फोटकों तक आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल के सदस्य पहुंच बना रहे हैं। खुफिया एजेंसियों के निशाने पर हैं, जो बिना लाइसेंस और जरूरी दस्तावेजों के अवैध रूप से संचालित की जा रही हैं। पिछले तीन दिनों में बांग्लादेश-आधारित कट्टरपंथी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के तीन सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद यह कार्रवाई शुरू की गई है। गिरफ्तार किए गए तीन में से दो आरोपित - आजमल हुसैन और साहेब अली खान -बीरभूम के नलहाटी क्षेत्र से सक्रिय थे। पूछताछ में सामने आया है कि ये दोनों न केवल स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथ की ओर प्रेरित कर रहे थे, बल्कि उन्होंने स्थानीय खदानों के कुछ कर्मचारियों से संबंध भी स्थापित कर लिए थे ताकि पत्थर विस्फोट में प्रयुक्त होने वाले विस्फोटकों का कुछ हिस्सा प्राप्त किया जा सके। जांचकर्ता अब इन खदानों से जुड़े उन कर्मचारियों की पहचान में जुटे हैं, जिनसे आरोपित संपर्क में थे। साथ ही, यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या आरोपितों ने पहले ही कुछ विस्फोटक हासिल कर लिए थे या नहीं। पुलिस की विशेष कार्यबल ने इन दोनों के अलावा अबासुद्दीन मोल्ला नामक तीसरे आरोपित को भी गिरफ्तार किया है, जो दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र स्थित पत्रा गांव से ऑपरेट कर रहा था। राज्य पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों से जुड़े दो अन्य सहयोगियों की भी पहचान हुई है, जो अभी फरार हैं। जांच के हित में फिलहाल उनके नामों का खुलासा नहीं किया गया है। उधर, हाल ही में केंद्र सरकार को खुफिया एजेंसियों से यह जानकारी भी मिली थी कि बांग्लादेश से अवैध रूप से घुसे कुछ तत्वों की भूमिका अल्पसंख्यक बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर हुई हिंसा और तोड़फोड़ में रही है। इस दौरान तीन बांग्लादेशी कट्टरपंथी संगठनों-जेएमबी, हिज्ब उत-तहरीर (एचयूटी) और अंसरुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी)-के नाम सामने आए थे। इस पूरे मामले में राज्य और केंद्र, दोनों स्तरों पर सतर्कता बढ़ा दी गई है, ताकि आतंकवाद के किसी भी संभावित नेटवर्क को समय रहते निष्क्रिय किया जा सके। ( बंगाल से अशोक झा )
दुनियाभर के घुमक्कड़ पत्रकारों का एक मंच है,आप विश्व की तमाम घटनाओं को कवरेज करने वाले खबरनवीसों के अनुभव को पढ़ सकेंगे
https://www.roamingjournalist.com/