पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कबूल किया कि पिछले तीन दशक से पाकिस्तान पूरी दुनिया में आतंकवाद फैला रहा है। इस बयान से पूरी दुनिया हैरान रह गई। हालांकि, भारत के लिए कोई आश्चर्य नहीं था, क्योंकि जम्मू कश्मीर और भारत के दूसरे हिस्सों में जितने भी बड़े आतंकी हमले हुए, सभी के तार पाकिस्तान से जुड़े पाए गए। आपको पता है कि qqqओसामा बिन लादेन का बेटा हमजा जिंदा है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि उनके आदेश के तहत, अल कायदा फिर से संगठित हो रहा है और पश्चिमी लक्ष्यों पर भविष्य के हमलों की तैयारी कर रहा है। इसने पाकिस्तान पर हुई भारत की कारवाई का बदला लेने के लिए अलकायदा को संगठित करने का बेड़ा उठाया है। पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान अब एक 'चेतना-शून्य राष्ट्र' बन चुका है। उसमें मानवीय संवेदना का कोई स्थान नहीं है। भारत पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के बीच एक चेहरा पाकिस्तानी टेलीवीजन से लेकर इंटरनेशनल मीडिया में छाया रहा, वह था पाकिस्तान आर्मी के लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी का पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। पाकिस्तान आर्मी यह जनरल संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित और घोषित आतंकी सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद का बेटा है। सुल्तान बशीरुद्दीन का कनेक्शन ओसामा बिन लादेन जैसे खूंखार आतंकी और उसके संगठन अलकायदा से भी रहा है। अमेरिका में 2001 में हुए आतंकी हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र ने लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी के पिता बशीरुद्दीन महमूद को आतंकी घोषित किया था और उस पर प्रतिबंध भी लगा दिया था।q आरोप था कि वह ओसामा बिना लादेन और तालिबान से मिला हुआ था. चलिए जानते हैं आतंक के इस आका बशीरुद्दीन महमूद के काले कारनामों के बारे में। अलकायदा और तालिबान के लिए करता था फंडिंग: बशीरुद्दीन महमूद एक परमाणु वैज्ञानिक था. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, बशीरुद्दीन महमूद अलकायदा और तालिबान से मिला हुआ था. ओसामा बिन लादेन और तालिबान के नाम पर आतंकी फंडिंग, हथियार जुटाने से लेकर प्लानिंग तक में उसका हाथ था, जिस कारण संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने उस पर प्रतिबंध लगा दिया था।अलकायदा को बताने जा रहा था परमाणु बम बनाने का तरीका: संयुक्त राष्ट्र की अलकायदा प्रतिबंध समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद ने ओसामा बिन लादेन का तालिबान को रासायनिक, जैविक और परमाणु हथियारों के बारे में जानकारी भी प्रदान की थी. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान दौरे के दौरान उन्होंने लादेन और अलकायदा नेताओं से मुलाकात की थी. 2001 में उसने तत्कालीन तालिबान प्रमुख मुल्ला उमर से भी मुलाकात की थी। इस दौरान रासायनिक, जैविक और परमाणु हथियारों के बारे में जानकारी दी थी। पाकिस्तान में गिरफ्तारी के बाद बशीरुद्दीन महमूद ने अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन से मुलाकात की बात भी कबूली थी। पाकिस्तान को न अपने नागरिकों की दुर्दशा की चिंता है, न अपने पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों की इच्छा। उसके नीति-निर्माता नफरत और कट्टरता के मोहजाल में इस कदर फँसे हैं कि देश की तरक्की की सोच भी अपराध प्रतीत होती है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में नौ आतंकवादी ठिकानों को सटीक मिसाइलों के जरिए तबाह कर दिया था। इसमें कई आतंकवादी मारे गए थे। भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा ने इस घटना को लेकर एक बयान जारी किया। जिहाद के ऐलान के लिए जारी किए गए इस बयान में अल-कायदा ने कहा, "अल्लाह के वचन को बुलंद करने, इस्लाम और मुसलमानों की रक्षा करने तथा उपमहाद्वीप के परेशान और प्रताड़ित लोगों का समर्थन करना.. उनकी लड़ाई में शामिल होना हमारा कर्तव्य है.. उपमहाद्वीप के मुसलमानों के लिए.. उनकी एकता के लिए.. उनके उद्देश्यों के लिए खड़ा होना पहले से ज्यादा जरूरी है।" इस संगठन की तरफ से दावा किया गया, " 6 मई 2025 की रात को भारतीय 'भगवा' सरकार ने पाकिस्तान की जगहों पर बम विस्फोट किया। इसमें मुख्य तौर पर मस्जिदों और बस्तियों को निशाना बनाया गया। इन धमाकों में कथित तौर पर केवल मुसलमान ही मारे गए और घायल हुए.. यह बम विस्फोट भगवा शासन द्वारा किए जा रहे अपराधों का एक नया अध्याय है। इसके बाद इस आतंकवादी संगठन ने भी पाकिस्तान की जुबान बोलना शुरू करते हुए भारत सरकार और भारत देश पर तमाम तरह के आरोप लगाना शुरू कर दिए। पाकिस्तान का नैरेटिव फैलाते हुए संगठन ने कहा कि मोदी सरकार पूरे उपमहाद्वीप में मुसलमानों को खत्म करना चाहती है। इस बयान के ऊपर फिलहाल सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। आपको बता दें कि अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप, अलकायदा का एक हिस्सा है। यह एक इस्लामवादी संगठन है। इसका मूल उद्देश्य भारत, बांग्लादेश और म्यांमार की सरकारों से लड़ना है। इसका गठन 3 सिंतबर 2014 को किया गया था। पाकिस्तान के हर एक प्रांत में कई सारे आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं। पाकिस्तान में 100 से ज्यादा आतंकी संगठनों का अड्डा: खासकर सीमा से सटे इलाकों में दर्जनों ऐसे आतंकवादी संगठन हैं, जो अपनी दहशतगर्दों को सीमा पार से भारत में घुसपैठ कराते हैं. इनमें हिजबुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद, द रेजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ), लश्कर-ए-तैयबा, हरकत-उल-मुजाहिदीन, जमात-उल-दावा, तहरीक-ए-आजादी जम्मू एंड कश्मीर, इस्लाम मुजाहिदीन, जमात-उल-अहरार, सिपाह-इ-सहबा पाकिस्तान के अलावे करीब 100 से अधिक आतंकी संगठन है। इन आतंकियों के निशाने पर रहता है कश्मीर: पाकिस्तान में फलने फूलने वाले ज्यादातर आतंकवादी संगठनों के निशाने पर शुरु से ही अगर कोई रहा है तो वो है कश्मीर. पहलगाम हमले के गुनहगार टीआरएफ जैसे शैडो संगठनों को छोड़ दें तो सिर्फ कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए पांच बड़े आतंकवादी संगठन काम कर रहे हैं। पहला है हाफिज सईद की अगुवाई वाला लश्कर-ए-तैयबा, मौलाना मसूद अजहर का जैश-ए-मोहम्मद, हरकत-उल जिहाद इस्लामी,हरकत-उल मुजाहिदीन, हिजबुल मुजाहिदीन। दर्जनों संगठनों का मकसद भारत पर हमला करना: पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों में से कईयों को मकसद अलग-अलग हैं। कुछ संगठन ऐसे हैं जो किसी भी देश में हमला करते हैं. कुछ ऐसे संगठन हैं, जो सिर्फ अफगानिस्तान पर हमला करते हैं. कुछ आतंकी संगठन कश्मीर पर हमला करते हैं, वहीं कुछ संगठन पाकिस्तान के ही अंदर शिया बहुल इलाकों में हमला करते हैं. वहीं कुछ संगठन जो पाकिस्तान खुफिया एजेंसी और आर्मी समर्थित हैं वो भारत पर हमले की योजना बनाते हैं। पाकिस्तान के हर प्रांत में हैं सक्रिय हैं आतंकी ग्रुप साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल यानी STAP के अनुसार पाकिस्तान के करीब-करीब सभी प्रांतों में सैकड़ों आतंकी संगठन सक्रिय हैं, जो अलग-अलग मकसद से भारत, कश्मीर, बलूचिस्तान और अन्य जगहों पर हमला करते हैं या हमले की साजिश रचते हैं। अलकायदा ने बयान में लिखा है, "हम साफ कहते हैं कि मुसलमानों के लिए भारत के खिलाफ यह जिहाद है।।हमारा फर्ज है कि अल्लाह का नाम बुलंद करें, इस्लाम और मुसलमानों की हिफाजत करें और उत्पीड़ित लोगों की मदद करें। अब उपमहाद्वीप के मुसलमानों को इनके समर्थन में खड़ा होना चाहिए। हम कसम खाते हैं कि अल्लाह की मदद से हम तब तक लड़ेंगे, जब तक मुसलमानों पर हुए हर जुल्म का बदला न ले लें और अल्लाह का नाम बुलंद न हो जाए।हालांकि लश्कर, जैश और हिजबुल पर अटैक से अलकायदा भी तिलमिलाया हुआ है। एक बयान देते हुए उसने भारत के खिलाफ जेहाद फी सबीलिल्लाह की धमकी दी।यहां कई सवाल नजर आते हैं: दूसरे आतंकी गुटों की कमर टूटने पर अलकायदा को गुस्सा क्यों आया। पाकिस्तान में अगर ये संगठन भी एक्टिव है, जो बचा क्यों रहा। क्या है जेहाद फी सबीलिल्लाह जिसकी धमकी वो दे रहा है।इंडियन एग्रेशन ऑन द लैंड ऑफ पाकिस्तान- इस टाइटल से जारी बयान में अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट ने बमबारी को बुरा-भला कहते हुए भारत पर इस्लाम के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया और कहा कि ये लंबे वक्त से हो रहा है। यहां तक कि पहलगाम हमले को लगभग नजरअंदाज करते हुए उसने कहा कि हालिया एयर स्ट्राइक उसी अभियान का हिस्सा है। उकसाने वाला स्टेटमेंट देते हुए अलकायदा ने कहा कि सभी को इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ छिड़ी इस लड़ाई का जवाब देना चाहिए।ये तो हुआ बयान. लेकिन अलकायदा आखिर दूसरों पर आतंकी हमलों से क्यों घबराया हुआ है? दरअसल ये पड़ोसी के घर में लगी आग से आया डर है। उसे चिंता है कि यही हाल रहा तो उसका घर फुंकते भी देर नहीं लगेगी। क्या कनेक्शन है तमाम आतंकी संगठनों का: अलकायदा का जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा से पुराना रिश्ता रहा। भले ही सबके नाम अलग हैं, लेकिन मकसद कम-ज्यादा एक सा ही है. भारत में कश्मीर को लेकर आतंक मचाना और धर्म के नाम पर लोगों को बहकाना। अलकायदा इन संगठनों को अपना लोकल साथी मानता है ।दरअसल फिलहाल हमलों का शिकार हुए तीनों ही आतंकी गुट कश्मीर में पहले से मौजूद हैं। अलकायदा ने खुद नए सिरे से काम शुरू करने की बजाय जैश, हिजबुल और लश्कर के साथ रिश्ते बनाए, और उन्हें ट्रेनिंग, फंडिंग और लड़ाके देने लगा कई बार वे आपस में रणनीति भी मुहैया कराते हैं. अब भी इन सारे गुटों के लीडर आपस में जुड़े हुए हैं और आतंकी मकसद का लेनदेन करते हैं। पाकिस्तान में जो आतंकी स्ट्रक्चर बना है, उसमें ये सभी मिलकर काम कर रहे हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि कौन कहां से ऑपरेट करता है और किसका नाम किस ऑपरेशन में सामने आएगा. यही वजह है कि अलकायदा चोट खाए सांप की तरह फनफना उठा है। क्या पाकिस्तान में सक्रिय है अलकायदा:
पाकिस्तान में अलकायदा के कैंप उतने खुले तौर पर मौजूद नहीं, जितने पहले थे। लेकिन PoK और खैबर पख्तूनख्वा में अब भी कुछ सक्रियता दिख जाती है. चूंकि ये काफी हल्के तौर पर सक्रिय दिखते हैं और स्ट्राइक का मकसद बड़े गुटों पर वार था, लिहाजा ये बचे रहे। क्या है नए एलान का मतलब: जेहाद फी सबीलिल्लाह का मतलब है, अल्लाह के रास्ते में जेहाद. आसान तरीके से समझें तो इस्लाम की रक्षा के लिए जो लड़ाई की जाए वो यही है. वैसे तो इसका मतलब काफी अच्छा है, लेकिन इसी सोच का इस्तेमाल कट्टरपंथी और आतंकी संगठन हथियार की तरह करते रहे. वे यह प्रचार करते हैं कि जिसकी भी सोच उनकी सोच से मेल नहीं खाती, वो मजहब का दुश्मन है और उसके खिलाफ जंग होनी चाहिए. कुल मिलाकर ये धार्मिक आस्था की आड़ में आतंक को वैधता देने की कोशिश है. इसे वेपन बनाकर आतंकी गुट मासूम लड़कों को उकसाते और दूसरे मासूम लोगों पर हमला करवाते रहे। जेहाद फी सबीलिल्लाह वाली धमकी कितनी गंभीर: इसे हल्के तौर पर लेना मुश्किल ला सकता है, जबकि कई पड़ोसियों से हमारे संबंध उतने अच्छे नहीं. अलकायदा अपने पैर पिछले कुछ समय से भारत में भी खासकर पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल में फैलाने की फिराक में है. कश्मीर में भी ये एक्टिव हो रहे हैं. वे कुछ छोटे मॉड्यूल बना चुके, जो लोन वुल्फ अटैक करते हैं. इससे असल आका तक सुरक्षा बल नहीं पहुंच पाते और आम नागरिकों और सेना के बीच भी दूरी बढ़ सकती है। अब जब उन्होंने खुलेआम जेहाद की धमकी दी तो ये उन युवाओं के लिए कॉल-टू-एक्शन है जो पहले से कट्टरपंथी हैं. इसमें एक एंगल ये भी है कि अलकायदा भारत को इस्लाम के दुश्मन की तरह दिखा रहा है ताकि इंटरनेशनल स्तर पर काम कर रहे तमाम आतंकी गुट उसके खिलाफ मोर्चा खोल लें। ( हिंदुस्तान की सरहद से अशोक झा )
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