एक बार फिर पाकिस्तानी जासूस ज्योति मल्होत्रा को चार दिन का और रिमांड मिला गया है। अभी तक की जांच में एंजेसियों के हाथ कई अहम जानकारी लगी है। ज्योति मल्होत्रा के कबूलनामे से ये साफ हो गया है कि वह पाकिस्तान के इशारों पर काम कर रही थी। ज्योति पाकिस्तान हाई कमीशन के अफसर दानिश के लगातार संपर्क में थी। पूछताछ में ज्योति मल्होत्रा ने बताया कि वह साल 2023 में पाकिस्तान जाने के लिए वीजा लगवाने के संबंध में पाकिस्तान हाई कमीशन दिल्ली गई थी। जहां उसकी मुलाकात अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई। दानिश का मोबाइल नंबर लेने के बाद उससे बात करने लगी थी।पाकिस्तान में किससे मिली ज्योति?: ज्योति ने अपने बयान में बताया है कि वह दानिश के कहने पर दो बार पाकिस्तान की यात्रा की थी। दानिश के कहने पर ही वह पाकिस्तान में अली हसन से मिली थी, जो वहां उसके रुकने और घूमने-फिरने का इंतजाम किया था। पाकिस्तान में अली हसन ने ही ज्योति की पाकिस्तानी सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस के अधिकारियों से मुलाकात करवाई थी। वहां पर ही वह शाकिर और राणा शहबाज से भी मिली थी।
शाकिर का नाम 'जट रंधावा' के नाम से सेव किया: पूछताछ में ज्योति ने बताया है कि उसने शाकिर का मोबाइल नंबर अपने फोन में "जट रंधावा" के नाम से सेव किया था, ताकि किसी को शक ना हो। फिर वह वापस भारत लौटी। इसके बाद व्हाट्सऐप, स्नैप चैट और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए वहां के इन लोगों से लगातार संपर्क में रही और देश विरोधी सूचनाओं का आदान-प्रदान करती रही। इस दौरान वह दिल्ली में पाक हाई कमीशन में अधिकारी दानिश से काफी बार मिलती रही। ये पाकिस्तान हाईकमिशन में काम करने वाला वही दानिश है, जिसे भारत सरकार ने 13 मई को परसोना नॉन ग्राटा डेक्लेयर करते हुए देश छोड़ने का आदेश दे दिया था। ( अशोक झा की कलम से)
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