भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और हालिया सिंदूर स्ट्राइक का असर अब बांग्लादेश की सीमाओं तक पहुंच गया है। पाकिस्तान में आतंक के खिलाफ भारत की कार्रवाई के बाद बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने अपनी सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है।खासतौर पर भारत से सटी सीमाओं पर तैनात पुलिस को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। बांग्लादेश के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (IGP) बहारुल आलम ने यह अलर्ट जारी किया है। IGP बहारुल आलम ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत-पाक संघर्ष के चलते सीमावर्ती जिलों में सतर्कता बेहद जरूरी हो गई है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव से बांग्लादेश की सुरक्षा प्रभावित न हो, इसके लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। यह अलर्ट ऐसे समय में आया है जब हाल ही में भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सिंदूर स्ट्राइक को अंजाम दिया है, जिसमें आतंकियों के लॉन्चपैड को तबाह किया गया।
बांग्लादेश लंबे समय से अपनी पुरानी पड़ चुकी फाइटर जेट फ्लीट को अपग्रेड करने की सोच रहा था, लेकिन सिंदूर स्ट्राइक के बाद यह प्रक्रिया अचानक तेज हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश एयरफोर्स शुरुआती चरण में 16 J-10CE फाइटर जेट खरीदने पर विचार कर रही है। विगरस ड्रैगन नाम से पहचाने जाने वाले ये विमान 4.5 जेनरेशन के हैं और अमेरिका के F-16 से तकनीकी स्तर पर मुकाबला करते हैं। एयर-टू-एयर और ग्राउंड अटैक दोनों में सक्षम ये विमान भारत-पाक तनाव के बीच बांग्लादेश के लिए एक रणनीतिक शील्ड माने जा रहे हैं। इस प्लेन का जलवा देख चुका है बांग्लादेश: यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश के एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान हाल ही में चीन की यात्रा से लौटे हैं। वहां उन्होंने झुहाई एयर शो में भाग लिया और CATIC (चाइना नेशनल एयरो-टेक्नोलॉजी इम्पोर्ट एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन) के मुख्यालय का दौरा किया। यह वही कंपनी है जो चीन से हथियारों का निर्यात करती है। इस दौरे का उद्देश्य चीन-बांग्लादेश रक्षा सहयोग को और मज़बूत करना था। स्ट्राइक के बाद बांग्लादेश में अलर्ट: बांग्लादेश की 30 जिलों की सीमा भारत से लगती है, जबकि 3 जिलों की सीमा म्यांमार से जुड़ती है। ऐसे में भारत की सैन्य कार्रवाई या कूटनीतिक तनाव का प्रभाव सीधे बांग्लादेश की सीमाओं पर देखा जा सकता है। यूनुस सरकार इस बात को लेकर सजग है कि किसी भी बाहरी तनाव का इस्तेमाल देश के भीतर अस्थिरता फैलाने के लिए न किया जाए। इसी के तहत बांग्लादेश पुलिस के सभी सीमावर्ती जिलों के अधीक्षकों को विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। क्या बोले आईजीपी आलम?: आईजीपी आलम ने यह बयान ढाका के गुलशन में स्थित बांग्लादेश शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन में पुलिस शूटिंग प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस के तमाम विभाग एकजुट होकर यह सुनिश्चित करेंगे कि भारत-पाक तनाव की आंच बांग्लादेश की शांति पर असर न डाले। IGP के इस बयान को यूनुस सरकार की सख्त सुरक्षा नीति के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें क्षेत्रीय तनावों से देश को बचाने की कोशिश हो रही है। टेंशन में बांग्लादेशी हुकूमत: गौरतलब है कि भारत की सिंदूर स्ट्राइक ने न सिर्फ पाकिस्तान को हिला दिया है, बल्कि पड़ोसी देशों को भी अपने-अपने सुरक्षा ढांचे पर फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है। बांग्लादेश में यह डर है कि भारत की आक्रामक सैन्य नीति के कारण सीमा पर कोई अप्रत्याशित गतिविधि न हो जाए। खासकर बांग्लादेश के उन इलाकों में, जहां भारत से घुसपैठ या अन्य सुरक्षात्मक चिंता पहले भी सामने आती रही है। इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि भारत की सर्जिकल नीति अब सिर्फ पाकिस्तान तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसका मनोवैज्ञानिक असर उसके पड़ोसियों पर भी दिखने लगा है. बांग्लादेश के लिए यह एक कूटनीतिक चुनौती है कि वह भारत-पाक तनाव से खुद को कैसे अलग रखे और साथ ही यह भी सुनिश्चित करे कि उसकी सीमाएं सुरक्षित रहें। यूनुस सरकार का यह अलर्ट इसी रणनीतिक सोच का हिस्सा है, जो आने वाले दिनों में और स्पष्ट रूप से दिख सकता है। सीमावर्ती मेघालय में 2 महीने का नाइट कर्फ्यू मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले में उपायुक्त ने 5 किलोमीटर की सीमा तक कर्फ्यू लागू कर दिया है। यह आदेश 8 मई 2025 से अगले दो महीने तक हर रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक प्रभावी रहेगा। पिछले सप्ताह चार बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में घुसते हुए पकड़ा गया था। जिला प्रशासन ने चेतावनी दी है कि इस कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आदेश के तहत हथियार लेकर चलना, समूह में एकत्र होना, और अवैध वस्तुएं लाना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। असम के कछार जिले में भी कर्फ्यू कछार जिले के उपायुक्त ने भी भारत-बांग्लादेश सीमा पर 1 किलोमीटर के दायरे में सूर्यास्त से सूर्योदय तक कर्फ्यू लगाने के आदेश जारी किए हैं। * यह आदेश उन क्षेत्रों पर लागू होगा जो सीधे सीमा से सटे हैं, विशेष रूप से जहां से घुसपैठ या तस्करी की घटनाएं पहले दर्ज की गई थीं। सुरमा नदी और उसके किनारे भी इस आदेश के अंतर्गत आएंगे। रात के समय मछली पकड़ने, नाव चलाने और किसी भी प्रकार की गतिविधि के लिए प्रशासन से अनुमति अनिवार्य कर दी गई है। क्यों बढ़ी सुरक्षा? बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक अस्थिरता, सरकार विरोधी प्रदर्शन और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के चलते भारत की सीमा पर खतरे की आशंका बढ़ गई है। खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि इन हालातों का फायदा उठाकर कुछ आतंकी संगठन भारत में घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं। इसके अलावा तस्करी और अवैध व्यापार भी तेजी से बढ़ सकता है। सीमा पर रहने वाले नागरिकों से जिला प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने सहयोग और सतर्कता की अपील की है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत स्थानीय थानों या बीएसएफ को देने के निर्देश दिए गए हैं। ( बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा )
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