- भारत ने अब पाकिस्तान को भिखारी बनाने के लिए अपनी सारी तैयारी
- भारत आईएमएफ के समक्ष रखेगा अपना पक्ष, पाकिस्तान को भिखारी बनाने का प्लान
बोर्डर से अशोक झा: भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान के नाकाम हमलों का मुंहतोड़ जवाब देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि देश की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। भारत के ऑपरेशन ‘सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तान की ओर से 8 और 9 मई की दरमियानी रात सीमा पार से उकसावे वाली हरकतों का भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया है।भारत ने करीब 100 से ज्यादा मिसाइलें पाकिस्तान पर दाग दी हैं. पूरे पाकिस्तान में ब्लैक आउट है. पूरे पाकिस्तान में आग की तस्वीरें आ रही है. भारतीय सेना के पाकिस्तान एयरफोर्स के कई विमान मार गिराए हैं. इस बीच जम्मू-कश्मीर के सांबा में भी तनाव बना हुआ है. पाकिस्तान के दो पायलट भारत के कब्जे में हैं. भारतीय नौसेना ने अरब सागर से पाकिस्तान पर हमला किया है.
सांबा में कैसे हैं हालात
जम्मू-कश्मीर के सांबा में भी युद्ध जैसे हालात हैं. भारत के सांबा सेक्टर में पाकिस्तान ने कुछ देर पहले बड़ी तादाद में ड्रोन से हमले किए. भारतीय एयर डिफेंस प्रणाली ने सांबा के आसमान में मंडरा रहे रॉकेटों को मार गिराया. भारत के पास मौजूद कई एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी हमलों को नाकाम कर दिया है. डिफेंस भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान पर तगड़ा काउंटर अटैक हुआ है। भारत ने पाकिस्तान पर दागी 100 मिलाइलें: भारत ने पाकिस्तान पर 100 से ज्यादा मिसालें दाग दी हैं. भारत ने पाकिस्तान का पूरा एयर डिफेंस सिस्टम तबाह कर दिया है. लाहौर पर भी भारत ने बहुत बड़ा हमला किया है. जम्मू एयरपोर्ट पर पाकिस्तान के रॉकेट हमले के बाद सतवारी कैंट और सांबा सेक्टर में भी भारी गोलाबारी चल रही है. एलओसी पर भारी तनाव है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) पाकिस्तान को दिए जा रहे पैकेज की समीक्षा करेगा. ये पैकेज क्लाइमेट रेजिलियंस लोन प्रोग्राम के तहत दिया गया है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले ऋणों की समीक्षा को लेकर पूछे गए एक सवाल में इसकी जानकारी दी. उन्होंने उत्तर में कहा कि भारत शुक्रवार को वाशिंगटन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की बोर्ड बैठक में अपना पक्ष रखेगा.
विदेश सचिव ने गुरुवार को कहा कि आईएमएफ में भारत के कार्यकारी निदेशक वैश्विक वित्तीय निकाय के बोर्ड की बैठक के दौरान देश का पक्ष रखेंगे. उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "मुझे यकीन है कि हमारे कार्यकारी निदेशक भारत का पक्ष रखेंगे." उन्होंने कहा, "बोर्ड के निर्णय एक अलग मामला है... लेकिन मुझे लगता है कि पाकिस्तान के संबंध में मामला उन लोगों के लिए स्पष्ट होना चाहिए जो इस देश को बचाने के लिए उदारतापूर्वक अपनी जेब ढीली करते हैं। भारत का क्या है आरोप?
विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि आईएमएफ की ओर से पाकिस्तान के लिए स्वीकृत 24 बेलआउट पैकेजों पर कई को लेकर परिणाम साझा नहीं किया गया है. के.वी. सुब्रमण्यन को आईएमएफ के कार्यकारी निदेशक पद से हटाए जाने के बाद विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक परमेश्वरन अय्यर वर्तमान में यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।पाकिस्तान को मिलने वाले थे 7 बिलियन डॉलर का कर्जा: पिछले 10 वर्षों में पाकिस्तान को आईएमएफ से कई बेलआउट पैकेज मिले हैं. उदाहरण के लिए, फंड ने सितंबर 2024 में 7 बिलियन डॉलर के ऋण को मंजूरी दी थी, जिसे वर्षों में वितरित किया जाना था. इस 7 बिलियन डॉलर में से 1 बिलियन डॉलर पहले ही वितरित किए जा चुके हैं. इसके अलावा, आईएमएफ ने मार्च 2025 में पाकिस्तान को जलवायु परिवर्तन से संबंधित 1.3 बिलियन डॉलर के ऋण को मंजूरी दी थी। आईएमएफ ऋण सशर्त हैं और ऋण लेने वाले देशों को अपनी अर्थव्यवस्थाओं में संरचनात्मक सुधार करने की आवश्यकता होती है।
कर्ज के पैसे का आतंकियों के लिए कर सकते हैं उपयोग:
विदेश सचिव ने पाकिस्तान को मिल रहे आईएमएफ फंड को लेकर आरोप लगाया कि वित्तीय सहायता अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे समूहों सहित अपने सैन्य खुफिया अभियानों को वित्तपोषित करने में सक्षम बना रही है. उन्होंने कहा, "वैश्विक आतंकवाद के केंद्र के रूप में पाकिस्तान की प्रतिष्ठा कई उदाहरणों में निहित है... मुझे यह याद दिलाने की आवश्यकता नहीं है कि ओसामा बिन लादेन कहां पाया गया था और किसने उसे शहीद कहा था। कंगाल बना हुआ है पाकिस्तान
उन्होंने बड़ी संख्या में आतंकवादियों की ओर भी इशारा किया, जिनमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी भी शामिल हैं, जो पाकिस्तान की सीमाओं के भीतर काम करना जारी रखते हैं. विदेश सचिव मिस्री का बयान इस बढ़ती चिंता के बाद आया है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता का इस्तेमाल उसकी चल रही सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों, विशेष रूप से भारत के खिलाफ, को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है. पाकिस्तान, जो वर्तमान में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, अपनी विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) के माध्यम से आईएमएफ सहायता पर अत्यधिक निर्भर है।9 मई को तय हो जाएगा पाकिस्तान का भविष्य: 9 मई को आईएमएफ की समीक्षा यह निर्धारित करेगी कि पाकिस्तान वित्तपोषण की अगली किश्त को अनलॉक करने के लिए आवश्यक शर्तों को पूरा करता है या नहीं. हालांकि, समीक्षा का समय विशेष रूप से संवेदनशील है, जो भारत के "ऑपरेशन सिंदूर" के कुछ ही दिनों बाद आ रहा है, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया था. इस घटनाक्रम ने पाकिस्तान की वित्तीय सहायता के पुनर्मूल्यांकन के लिए भारत के आह्वान को बल दिया है. भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में तनाव की शुरुआत 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले से हुई।
फोड़ दी पाकिस्तान की आंख: यह हमला भारत के ऑपरेशन सिंदूर के एक दिन बाद हुआ, जो पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था। इस बीच खबरें हैं कि भारत ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक AWACS (एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) विमान को मार गिराया, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है. इस घटना ने AWACS को लेकर लोगों की उत्सुकता बढ़ा दी है। आइए, जानते हैं कि AWACS क्या होता है।AWACS क्या हैं?: AWACS खास तरह के विमान हैं, जिनके ऊपर एक बड़ा घूमने वाला रडार लगा होता है. ये विमान आसमान में चेतावनी प्रणाली की तरह काम करते हैं. ये जमीन पर लगे रडार से बहुत दूर तक खतरे को देख सकते हैं. जमीन पर लगे रडार पृथ्वी की गोलाई के कारण सीमित दूरी तक ही काम करते हैं, लेकिन AWACS हवा में उड़ते हैं, इसलिए ये विमान, मिसाइल और अन्य खतरों को दूर से ही पकड़ लेते हैं. ये विमान हवाई ऑपरेशनों को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं और सेना के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। पाकिस्तान के पास कितने AWACS हैं?: पाकिस्तान के पास कुल नौ AWACS विमान हैं. साल 2006 में पाकिस्तान ने स्वीडन से चार साब-2000 एरिए विमान खरीदे. इसके बाद 2008 में उसने चीन से चार ZDK-03 AWACS विमान लिए, लेकिन ये विमान 2024 में रिटायर हो गए. फिर पाकिस्तान ने 2017 और 2020 में तीन और एरिए विमान खरीदे. चूंकि चीनी ZDK-03 विमान अब सेवा में नहीं हैं, अगर भारत ने कोई AWACS मार गिराया तो वह साब-2000 एरिए ही हो सकता है।तनाव का असर: यह घटना भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से चले आ रहे तनाव को और बढ़ा सकती है. भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और ऑपरेशन सिंदूर इसका एक उदाहरण है. वहीं, अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति पर नजर रख रहा है, क्योंकि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं।
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