- सुप्रीम कोर्ट ने तीन माह में 25 प्रतिशत भुगतान का दिया है आदेश
बंगाल सरकार सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य कर्मचारियों को लंबित महंगाई भत्ते (डीए) का 25 प्रतिशत हिस्सा चुकाने के लिए धन का इंतजाम करने की कोशिशों में जुट गई है।वित्त विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि आदेश के बाद अब सरकार के पास भुगतान के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार को आदेश दिया कि अगले चार सप्ताह के भीतर लंबित डीए का 25 प्रतिशत भुगतान किया जाए। इसके बाद राज्य के वित्त विभाग ने आंतरिक बजटीय पुनर्विनियोजन (री-अलोटमेंट) की संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी हैं। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कुछ कल्याणकारी योजनाओं और अनुदान आधारित योजनाओं के बजट में कटौती कर उस राशि को डीए भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इस प्रस्ताव को राजनीतिक मंजूरी मिलना मुश्किल माना जा रहा है, खासकर तब जब अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। करीब 12 हजार करोड़ रुपये की वित्तीय ज़िम्मेदारी को देखते हुए यह फैसला सरकार के लिए आसान नहीं होगा।वित्त विभाग के सूत्रों का मानना है कि विधिक रूप से राज्य सरकार के पास बहुत कम विकल्प हैं। अगर सरकार चाहे तो समान अधिकार वाले एक अन्य खंडपीठ के समक्ष पुनर्विचार की याचिका दायर कर सकती है, लेकिन उस पर सुनवाई होगी या नहीं, इसे लेकर संशय बना हुआ है।अब तक इस मुद्दे पर न तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और न ही स्वतंत्र प्रभार वाले वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य की ओर से कोई आधिकारिक बयान आया है। जब पत्रकारों ने चंद्रिमा भट्टाचार्य से इस मामले में सवाल किया तो उन्होंने केवल इतना कहा कि मुख्यमंत्री ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कोई प्रतिक्रिया देंगी। ( बंगाल से अशोक झा )
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