बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साहू की गर्भवती पत्नी बोली पीएम मोदी ने मुझे मेरा सुहाग पाकिस्तान से वापस ला दिया, भगवान लंबी उम्र दें!
मई 14, 2025
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पश्चिम बंगाल के बीएसएफ कांस्टेबल पूर्णम कुमार साहू के भारत सकुशल वापस आने की खबर मिलते ही उनकी पत्नी के आंखों से आंसू बहने लगे। बोली पीएम नरेंद्र मोदी ने मेरा सुहाग पाकिस्तान से वापस ला दिया। भगवान उनको लंबी उम्र दें। गर्भवती पत्नी रजनी साहू ने मेरे लिए आपरेशन सिंदूर की सबसे बड़ी सफलता यही है। महिलाओं के माथे सिंदूर मिटाने वाले आंतकियों की भारतीय सेना द्वारा कब्र खोदने पर फक्र महसूस करने वाली रजनी ने कहा कि मोदी के लिए दुनिया का कोई देश भारत का बाल बांका नहीं कर सकता है। गौरतलब 21 दिन पहले लापता हुए पूर्णम कुमार को लेकर आशंका जताई जा रही थी कि वे पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में हैं। जवान के परिवार वाले भी पूरी तरह अनजान अभी तक थे केवल बीएसएफ की ओर से भरोसा दिलाया गया है कि उन्हें सुरक्षित वापस लाया जाएगा। बुधवार को पाकिस्तान से उनके सकुशल वापस आने की खबर मिलते ही बीएसएफ जवान की गर्भवती पत्नी रजनी साहू के आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े हैं। ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनते ही रजनी रो पड़ीं और उन्होंने अपना घूंघट चेहरे पर खींच लिया और रोते हुए कहा, ' मोदी सरकार ने मेरा सिंदूर वापस दे दिया! रजनी कोई और नहीं बंगाल के हुगली जिले के रिशड़ा निवासी बीएसएफ कांस्टेबल पूर्णम कुमार साहू के परिवार को उस समय राहत की उम्मीद जगी जब भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ स्तर की बातचीत हुई। साहू 23 अप्रैल को गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान चले गए थे, जिसके बाद पाकिस्तान रेंजरों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। वे पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे। यह घटना जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के अगले दिन हुई थी। इसके बाद भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। पाकिस्तान ने भी जवाबी हमले किए, जिससे तनाव बढ़ गया। ऐसे में साहू के परिवार की चिंता और भी बढ़ गई। रजनी, साहू की पत्नी ने बताया कि वे पठानकोट और फिरोजपुर जाकर बीएसएफ अधिकारियों से मिलीं थी लेकिन आज मोदी सरकार ने मेरा सुहाग वापस लौटा दिया। भारत-पाकिस्तान के बीच 10 मई को सीमा पर सभी सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति बनी उसके बाद से साहू के परिवार को उम्मीद जगी थी कि जल्द ही खुशखबरी मिलेगी। बुधवार को वह दिन आ गया जब खुशखबरी मिल गयी। (बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट)
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