दार्जिलिंग के संदकफू में असमय जमकर बर्फबारी । मई के पहले दिन हुई इस बर्फबारी ने जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि मई में संदकफू में बर्फबारी एक दुर्लभ घटना है। अनादि काल में ऐसी कोई मिसाल नहीं मिलती। आज सुबह से ही संदकफू पूरी तरह बर्फ की परत से ढका हुआ था। तापमान बहुत गिर जाता है। परिणामस्वरूप, संदकफू में मौजूद पर्यटक काफी उत्साहित हैं। पर्यटन से जुड़े व्यवसायी काफी खुश हैं। जलवायु परिवर्तन कई रूपों में चुनौती दे रहा है, समय के साथ इसका एक और नया चेहरा सामने आ रहा है और वो तापमान में तेजी से होता बदलाव। अध्ययन से पता चला है कि दुनिया भर में तापमान के तेजी से गर्म से सर्द और सर्द से गर्म होने की घटनाएं बढ़ रही हैं। मतलब की कहीं मौसम एकाएक गर्म से सर्द होने लगता है तो कहीं सर्दियों में ही गर्मी पड़ने लगती है। चीन, अमेरिका और कनाडा के विभिन्न संस्थानों से जुड़े वैज्ञानिकों द्वारा किए इस अध्ययन के मुतबिक मौसम में अचानक से आता यह बदलाव न केवल हम इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के साथ-साथ प्रकृति और खेती-बाड़ी पर भी बुरा असर डाल सकता है।पूर्वोत्तर इलाके में देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का प्रतिकूल असर कुछ ज्यादा ही नजर आने लगा है। इलाके के तमाम राज्यों में बेमौसम की बरसात, भयावह बाढ़, भूस्खलन, असम चाय की पैदावार व गुणवत्ता में कमी और दुनिया के सबसे नम इलाके वाले मेघालय में पीने के पानी की कमी जैसे मामले इसका सबूत हैं। पूर्वोत्तर इलाका अपनी जैव-विविधता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। लेकिन मौसम के बदलते मिजाज की वजह से दुर्लभ किस्म की कई वनस्पतियों का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। जलवायु परिवर्तन के बढ़ते असर ने इलाके में लोकप्रिय झूम खेती की परंपरा को भी खतरे में डाल दिया है। झूम यानी हर साल-दो साल जगह बदल कर ढलवां सीढ़ीदार जगह पर होने वाली खेती पूर्वोत्तर भारत में सदियों पुरानी परंपरा रही है। इलाके की भौगोलिक बसावट भी इसके लिए मुफीद रही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन का इलाके की जैव विविधता पर असर साफ नजर आने लगा है। दार्जिलिंग और सिक्किम की तरह अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले में अब जाड़े के दिनों में भी आम फलने लगे हैं। यह एक नई बात है। मौसम के बदलते मिजाज की वजह से इलाके में कई दुर्लभ वनस्पतियों का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। ( दार्जलिंग की हसीन वादियों से अशोक झा )
मई के पहले दिन दार्जिलिंग के संदकफू में जमकर बर्फबारी, पर्यटन कारोबारी खुश तो पर्यावरण विद को सता रही क्यों चिंता
मई 01, 2025
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