पाकिस्तान में हिंदुओं पर हिंसा की खबरें तो अक्सर आती रहती हैं लेकिन वहां मुस्लिमों में भी धार्मिक तनाव आम है। चार दिनों पहले खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में शिया और सुन्नी समुदाय के बीच ऐसी ही एक झड़प में लगभग सैकड़ों मौतें हो चुकीं। दोनों के बीच अक्सर तनाव बना रहता है लेकिन अहमदिया एक ऐसा मुस्लिम तबका है, जो हिंसा से बचने के लिए छिपकर रहने को मजबूर है। इनके सौ से ज्यादा कब्र को अपवित्र करने का मामला अब जोड़ पकड़ रहा है। इसमें हवा दी है भारत के आपरेशन सिंदूर ने।
पाकिस्तान में सुन्नी समुदाय ने शियाओं की गाड़ियों पर घात लगाकर हमला किया जाता है। मुस्लिम-बहुल इस देश में अलग-अलग समुदायों में आपसी तनाव आम है लेकिन इसमें भी अहमदिया मुस्लिमों की हालत सबसे ज्यदाा खराब है। अहमदिया मुसलमान संप्रदाय मुसलमानों का एक ऐसा वर्ग है, जिसके अस्तित्व को पाकिस्तान स्वीकार नहीं करता है, जबकि पूरे विश्व में अहमदिया मुसलमानों की सबसे ज्यादा संख्या 40-50 लाख यही हैं। पाकिस्तानी यह मानते हैं कि अहमदिया मुसलमान नहीं हैं। पाकिस्तानी मुसलमानों की नजर में अहमदिया नीच हैं और पाकिस्तान उन्हें ना तो मुसलमान कहलाने का हक देता है और ना ही उन्हें किसी भी तरह के धार्मिक कार्य करने देता है। उन्हें अपनी पहचान छिपाने पड़ती है, अन्यथा उनके साथ भेदभाव किया जाता है। पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय की लगभग 100 कब्रों को अपवित्र किया गया। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय की करीब 100 कब्रों को अपवित्र करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
इस नवीनतम घटना के साथ ही इस वर्ष देश भर में अहमदिया समुदाय के लोगों की अपवित्र की गयी कब्रों की संख्या 250 से अधिक हो गई है। जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान के प्रवक्ता आमिर महमूद ने कहा कि कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) पर दो दिन पहले लाहौर से लगभग 250 किलोमीटर दूर खुशाब जिले में अहमदिया समुदाय के लोगों की कब्रों के पत्थर तोड़ने का संदेह है। खुशाब जिले के मिट्ठा तुवाना पुलिस स्टेशन ने स्थानीय अहमदिया समुदाय की शिकायत पर मामले की जांच शुरू कर दी है। महमूद ने कहा, ह्लधार्मिक चरमपंथियों ने खुशाब जिले के रोडा में स्थित कब्रिस्तान में लगभग 100 अहमदी कब्रों के पत्थरों को तोड़ दिया। जब अहमदी समुदाय के कुछ सदस्यों ने उक्त कब्रिस्तान का दौरा किया, तो उन्होंने पाया कि अहमदी कब्रों से संबंधित सभी कब्रों के पत्थरों को अपवित्र किया गया था। उन्होंने कहा, ह्लयह उल्लेखनीय है कि तहरीक-ए-लब्बैक, पाकिस्तान (टीएलपी) से जुड़े कुछ लोग स्थानीय अहमदिया निवासियों के खिलाफ नफरत फैलाने और ंिहसा भड़काने में शामिल थे। उन्होंने कुछ पुलिस अधिकारियों पर स्थानीय अहमदिया लोगों पर इन कब्रों को गिराने के लिए दबाव डालने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ह्लहालांकि, अहमदिया समुदाय ने स्थानीय अधिकारियों को स्पष्ट रूप से सूचित कर दिया था कि वे ऐसा नहीं करेंगे।ह्व उन्होंने बताया कि स्थानीय अहमदिया निवासियों ने दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) खुशाब को एक आवेदन सौंपा है। महमूद ने कहा कि सिर्फ इस वर्ष पाकिस्तान के 11 शहरों में 269 अहमदिया कब्रों को अपवित्र किया गया है। टीएलपी के मौलवी जिया मुस्तफा शाह का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहा है, जिसमें वह खुलेआम लोगों को अहमदियों के खिलाफ भड़का रहे हैं और खुशाब में अहमदियों की कब्रों को नष्ट करने का आह्वान कर रहे हैं। ( पाक बोर्डर से अशोक झा)
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