कश्मीर में पत्रकारिता का ‘बिकाऊ सच’
जुलाई 29, 2011
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- अराकान सेना का दावा बांग्लादेश के 271 किलोमीटर (168 मील) लंबी सीमा पर पूर्ण नियंत्रण - रोहिंग्या के लिए द…
इस सार्थक खबर के लिए धन्यवाद| खाना यहां का और गाना वहां का, यह तो इस देश के गद्दारों की पुरानी आदत है|
जवाब देंहटाएंइस सार्थक खबर के लिए ध्न्यवाद , ऐसे लोगों का भारत सरकार दमन क्यों नहीं करती है येह भी एक तरह के आतंकवादी ही है
जवाब देंहटाएंसच कभी बिकाऊ नहीं होता पर जम्मू कश्मीर में झूठ को सच
जवाब देंहटाएंका बाना पहना कर खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया गया जो
देश हित में घातक है .आपने उस झूठ का आवरण उतार कर
सच्चाई को सबके सामने लाने का साहसी प्रयास किया ,ये हर
एक के बस की बात नहीं होती की इतनी निर्भीकता और बेबाकी
के साथ अपने आप को साबित का सके . सदैव शुभकामनाएं !!
सर क्या लगता है जब ऐसा क्या जाय तब क्या करना चाहिए | इसको पढ़ के चुप बैठना भी बेकार है | क्या करे ?
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