पितृपक्ष को हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व माना गया है। पितृपक्ष के दौरान परिवार वाले अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करते हैं। इस दौरान हर साल की तरह इस साल भी पितृपक्ष मेला लगने वाला है। मेला को दहलाने की साजिश रचने वाले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मार्च 2025 में अमृतसर के एक मंदिर पर हुए ग्रेनेड हमले के मुख्य आरोपी शरणजीत कुमार उर्फ सन्नी को बिहार के गयाजी से गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी गयाजी में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला शुरू होने से ठीक पहले हुई है।पितृपक्ष मेला 6 सितंबर से 12 सितंबर तक बिहार के गया में आयोजित होगा। इस दौरान देश-विदेश से श्रद्धालु इस मेले में सम्मिलित होंगे और अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करेंगे। पितृ पक्ष मेले की तैयारियां: जानकारी के मुताबिक हर साल की तरह इस साल भी पितृ पक्ष मेले की तैयारियां जोरो-शोरो से चल रही है। गया कि प्रशासन ने मेला क्षेत्र को 43 जोन में बंटा है। हर क्षेत्र में साफ सफाई, बिजली, पानी जैसी व्यवस्था की गई है। यही नहीं इन क्षेत्रों में अलग-अलग जगह अधिकारियों को भी ड्यूटी लगाई है।
धर्मशाला के आवेदन: गया में कुछ लोग बाहर से आने वाले लोगों के लिए अपने घर के कमरे और धर्मशाला भी दे रहे हैं, ताकि तीर्थ यात्रियों को कोई समस्या ना हो। जानकारी मिली है, कि अभी तक कुल 134 घर और 525 धर्मशाला के आवेदन सरकार तक पहुंच गए हैं। सरकार इन्हें लाइसेंस देने से पहले कड़ी जांच करेगी। उसके बाद आम जनता इन धर्मशाला और घरों में रह सकती है। विष्णुपद मंदिर के पास बनाया कंट्रोल रूम: यही नहीं गया के विष्णुपद मंदिर के पास एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जो 24 घंटे खुला रहेगा। इस कंट्रोल रूम से सभी तीर्थ यात्री जानकारी और सुविधाएं हासिल कर सकते हैं। यही नहीं सरकार की तरफ से कुछ नंबर भी जारी किए गए हैं, जिन पर संपर्क कर आप जानकारी ले सकते हैं। टेंट सिटी का निर्माण: जानकारी है, कि गया जिला प्रशासन द्वारा टेंट सिटी का निर्माण भी किया गया है, जिसमें बाहर से आने वाले तीर्थ यात्री ठहर सकते हैं। यह टेंट सिटी गया के गांधी मैदान में बनाई गई है। यहां शौचालय, स्नानग्रह, पेयजल जैसी कई सुविधा भी सरकार देने को तैयार है। मिल जानकारी के अनुसार पकड़ा गया आतंकी अमृतसर मंदिर में हुआ था हमला:
15 मार्च 2025 की सुबह, पंजाब के अमृतसर में एक मंदिर पर दो बाइक सवार आतंकियों, गुरसिदक सिंह और विशाल गिल, ने ग्रेनेड से हमला किया था। एनआईए की जांच में पता चला कि दोनों हमलावर यूरोप, अमेरिका और कनाडा में मौजूद विदेशी हैंडलरों के निर्देशों पर काम कर रहे थे। इन हैंडलरों ने भारत में अपने स्थानीय गुर्गों को आतंकी हार्डवेयर, धन और लक्ष्य का विवरण उपलब्ध कराया था।
साजिश में शरणजीत की थी गहरी भूमिका
पंजाब के गुरदासपुर जिले के बटाला के भैनी बांगर गांव निवासी शरणजीत कुमार इस हमले की साजिश और उसे अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल था। एनआईए के अनुसार, 1 मार्च 2025 को शरणजीत को बटाला में एक अन्य गिरफ्तार आरोपी से चार ग्रेनेडों की खेप मिली थी। हमले से ठीक दो दिन पहले उसने गुरसिदक और विशाल को एक ग्रेनेड सौंपा था।
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि गुरसिदक और विशाल ग्रेनेड के साथ-साथ हथियारों और गोला-बारूद की कई खेपों की खरीद और आपूर्ति में शामिल थे।
एनआईए कर रही है जांच
पिछले महीने बटाला क्षेत्र में एनआईए की तलाशी के बाद शरणजीत फरार हो गया था। मानवीय और तकनीकी खुफिया जानकारी के आधार पर व्यापक जांच के बाद, एनआईए ने आखिरकार उसे गया में ढूंढ निकाला और गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी हमले में शामिल आतंकियों और उनके अंतरराष्ट्रीय हैंडलरों के नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एनआईए की जांच में विदेशी हैंडलरों द्वारा रची गई बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है, जिन्होंने भारत में अपने गुर्गों को हथियार, गोला-बारूद और वित्तीय सहायता प्रदान की थी। एजेंसी इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है ताकि सभी दोषियों पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके। इस मामले में एनआईए की जांच जारी है। जिससे इस आतंकी साजिश के सभी पहलुओं का पर्दाफाश किया जा सके। ( अशोक झा की रिपोर्ट )
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