कोलकाता में नवान्न अभियान के दौरान सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोक दिया और लाठीचार्ज किया।पार्क स्ट्रीट-जवाहर लाल नेहरू रोड चौराहे पर विरोध प्रदर्शन वापस लेने की घोषणा करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह निर्णय पीड़िता (जान गंवा चुकी चिकित्सक) की मां के अस्पताल में भर्ती होने के अलावा अन्य कारणों से लिया गया। उन्होंने दावा किया कि ''पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया था और पीड़िता की मां के माथे पर चोट आई है।''पीड़ित परिवार का दावा है कि अभी तक उन्हें न्याय नहीं मिला। इसीलिए आज पीड़ित परिवार ‘नबन्ना मार्च’ में शामिल हुआ। पुलिस ने इसमें लाठीचार्ज कर दिया और डॉक्टर के माता-पिता कथित तौर पर घायल हो गए।
पीड़ित डॉक्टर की मां को निजी अस्पताल में कराया गया भर्ती
सूत्रों ने बताया कि पीड़ित डॉक्टर की मां को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। माता-पिता ने दावा किया है कि रैली को रोकने के प्रयास में पार्क स्ट्रीट चौराहे पर तैनात कोलकाता पुलिस के जवानों ने उन दोनों की पिटाई की। हालांकि पुलिस ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
पुलिस ने मुझे जमीन पर पटका और चूड़ियां तोड़ दीं- पीड़ित डॉक्टर की मां
पीड़िता की मां ने दावा किया कि पुलिस लाठीचार्ज के दौरान उनका ‘शंख और पोला’ (बंगाली विवाहित महिलाएं जो चूड़ियां पहनती हैं) टूट गया। पीड़ित मां ने कहा, “पुलिस ने बैरिकेड लगाकर हमें रोकने की कोशिश की। आप हमसे क्यों डरते हैं? हमारे पास कोई हथियार नहीं है, हम बस अपनी बेटी के लिए न्याय मांगने आए हैं।” पीड़िता की मां ने आरोप लगाते हुए कहा, “पुलिस ने मुझे जमीन पर गिरा दिया। उन्होंने मेरा शंख (पारंपरिक शंख चूड़ी) तोड़ दिया और मेरे माथे पर चोट आई।”
इसके बाद डीसी (पोर्ट) हरिकृष्ण पई ने मीडियाकर्मियों से कहा, “माता-पिता को हिरासत में नहीं लिया गया है। लाठीचार्ज के दौरान माता-पिता के घायल होने का कोई आरोप नहीं है। अगर कोई आरोप आता है तो हम निश्चित रूप से उसकी जांच करेंगे।”
घायल होने के बाद पीड़िता की मां को अस्पताल ले जाया गया और प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया। अस्पताल के सूत्रों के अनुसार अब उनकी हालत स्थिर है। एक अस्पताल अधिकारी ने कहा, “उनके माथे पर हेमटोमा (एक घाव जहां खून जमा हो जाता है) है। आंतरिक और बाहरी दोनों चोटों की गंभीरता का पता लगाने के लिए सीटी स्कैन किया जाएगा।” अस्पताल के एक सूत्र ने कहा, “पिता की हालत तुलनात्मक रूप से बेहतर है। उन्हें भर्ती नहीं किया जाएगा, लेकिन वे अपनी पत्नी के साथ आएंगे।”
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ''चूंकि पीड़िता के माता-पिता मेरे आमंत्रण पर रैली में शामिल हुए थे, इसलिए उन्हें देखना और उनके इलाज का ध्यान रखना मेरा कर्तव्य है। पुलिस की यह निर्मम कार्रवाई लोकतंत्र, शांतिपूर्ण विरोध और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति असम्मान को दर्शाती है। हम आंदोलन के अगले चरण की घोषणा बाद में करेंगे।''
एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार को पुलिस लाठीचार्ज के दौरान आरजी कर अस्पताल की पीड़िता के माता-पिता कथित रूप से घायल हो गए और उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि पीड़िता की मां के माथे, हाथ और पीठ पर चोटें आईं हैं, तथा आंतरिक और बाहरी चोटों की गंभीरता का आकलन करने के लिए उनका सीटी स्कैन और अन्य परीक्षण किए गए हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पीड़िता के घायल माता-पिता से मिलने अस्पताल गए थे और उन्होंने मां की हालत को "बहुत गंभीर" बताया।
शुभेंदु अधिकारी ने अस्पताल से बाहर आते हुए संवाददाताओं से कहा, ''पीड़िता की मां को काफी गंभीर चोटें आई हैं। पिता की हालत थोड़ी बेहतर है।''
भाजपा नेता ने कहा कि प्रदर्शन और धरना आज के लिए वापस लिया जा रहा है, लेकिन भाजपा राज्य इकाई के प्रमुख समिक भट्टाचार्य, पार्टी नेतृत्व और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श के बाद आंदोलन के अगले चरण पर निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि धरना भी वापस लिया जा रहा है, क्योंकि पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट और अभय मंच द्वारा शीघ्र ही शहर में एक और आंदोलन किया जाएगा और "हम चाहते हैं कि वे न्याय के लिए अपनी लड़ाई जारी रखें।"
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "यह अलग बात है कि चिकित्सकों के मोर्चे ने सचिवालय तक हमारी रैली का समर्थन नहीं किया। लेकिन हमारी मांग और लड़ाई एक ही मुद्दे के लिए है। इस जघन्य घटना से जुड़ी बड़ी साजिश में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी केवल इस अत्याचारी ममता बनर्जी शासन को उखाड़ फेंकने से ही संभव हो सकती है।"
प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई की कथित वीडियो क्लिप दिखाते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा, "बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत, हम शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार में शामिल कोलकाता पुलिस के आयुक्त मनोज वर्मा और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।''
बाद में वह पीड़िता की मां को देखने शहर के एक सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल गए और कहा कि उनकी हालत गंभीर है और उन्हें बहुत दर्द हो रहा है।शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि रैली के दौरान माता-पिता को "खत्म" करने की साजिश थी, क्योंकि उन्होंने राज्य सरकार की बात मानने से इनकार कर दिया था और अपनी बेटी के बलात्कार-हत्या के बाद से विरोध के रास्ते से नहीं हटे थे।
इससे पहले दिन में आरजी कर पीड़िता की मां ने आरोप लगाया था कि राज्य सचिवालय 'नबन्ना' तक मार्च में शामिल होने के लिए जाते समय महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। यह प्रदर्शन उनकी बेटी के बलात्कार-हत्या के एक वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित किया गया।पीड़िता की मां ने दावा किया कि हाथापाई में उनका शंख (पारंपरिक शंख चूड़ी) टूट गया और उनके सिर में चोट पहुंची।
हालांकि, पुलिस ने पीड़िता के माता-पिता पर किसी भी प्रकार का बल प्रयोग करने से इनकार किया है। भाजपा के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्री शशि पांजा ने कहा, "भाजपा ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के नाम पर बर्बरता का इस्तेमाल किया।"उन्होंने कहा, "रैली के लिए बाहरी लोगों को लाया गया था। उपद्रवी लोग रक्षाबंधन की भावना को नहीं समझते। वे बंगाल की भावना, संस्कृति और विरासत को नहीं समझते। वे त्योहार के दिन राज्य को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं।"
तृणमूल के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा, "रक्षाबंधन के पवित्र दिन उपद्रवियों को एकत्र करना और परेशानी पैदा करने की कोशिश करना, दिखाता है कि भाजपा का हिंदुओं के प्रति कोई सम्मान नहीं है।"उन्होंने दावा किया, ''रैली में कुछ सौ से अधिक प्रदर्शनकारी नहीं थे और वे पुलिस को उकसाते रहे, लेकिन पुलिस ने काफी संयम बरता।'' (बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
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