उच्च शिक्षा प्रशासन को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और राजभवन के बीच चल रही खींचतान को और बढ़ाते हुए राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय से इस बारे में स्पष्टता मांगने की योजना बना रहे हैं कि राज्य विश्वविद्यालयों पर अंतिम अधिकार कुलाधिपति (राज्यपाल) के पास है या राज्य सरकार के पास।यह कदम बोस और राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों (वीसी) के बीच राजभवन में हुई बैठक के बाद उठाया गया है। यह बैठक राज्य के उच्च शिक्षा क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। बैठक में नौ कुलपतियों ने भाग लिया, जबकि अधिकांश अन्य अनुपस्थित रहे। बैठक में शामिल न होने वाले कई कुलपतियों ने दावा किया कि उन्हें उच्च शिक्षा विभाग की ओर से अवरोधों का सामना करना पड़ा, जबकि अन्य ने आरोप लगाया कि उनका घेराव किया गया या परिसर में उन्हें प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। कुछ ने अपनी अनुपस्थिति का कारण बताने के लिए राज्यपाल से मिलने का समय मांगा।
राजभवन के सूत्रों का कहना है कि अनुपस्थिति को हल्के में नहीं लिया गया है। बोस ने राजभवन में संवाददाताओं को बताया, "यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। कुलाधिपति की भूमिका क्या है या सरकार की? यह तय करने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया जाएगा कि राज्य विश्वविद्यालयों पर अंतिम अधिकार किसके पास है – कुलाधिपति (राज्यपाल) के या राज्य सरकार के।" ( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
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