- भगवती प्रसाद डालमिया ने कहा बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार देना ना भूले
- विमल डालमिया ने कहा इस उम्र में भी पिता जी से लेता हूं लेशन
सिलीगुड़ी में मारवाड़ी युवा मंच द्वारा एक शाम माता पिता के नाम कार्यक्रम के माध्यम से भगवती प्रसाद डालमिया के साथ उनके चार पीढ़ी को एक साथ देखकर समाज के सभी लोगों को सीखने का प्रेरणा मिलता है। इस मंच से भगवती प्रसाद डालमिया को सम्मानित किया गया। इस मौके पर भगवती प्रसाद डालमिया, पुत्र सीताराम डालमिया, विमल डालमिया, नवीन डालमिया और उनके पुत्र अनुराग डालमिया अपने पुत्र के साथ मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। भगवती प्रसाद डालमिया ने कहा कि आज के दौर में पेरेंटिंग का मतलब सिर्फ अच्छे स्कूल, ट्यूशन और पोषण तक सीमित नहीं है। अब यह भावनात्मक संवाद, तकनीकी समझ और समय के साथ चलने की कोशिश का दूसरा नाम बन चुका है। एक मां अब सिर्फ खाना बनाने वाली नहीं, बल्कि काउंसलर, फ्रेंड और गाइड भी है। वहीं पिता अब महज़ कमाई का जरिया नहीं, बल्कि बच्चों की भावनात्मक संरचना में बराबर की भूमिका निभा रहे हैं। माता-पिता मार्गदर्शक, शिक्षक, मित्र और संरक्षक भी होते हैं। वह बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए पूरा जीवन बलिदान कर देते हैं। बच्चों को संस्कार और प्यार का संबल देते हैं। जिससे वह समाज निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। इस दिन के माध्यम से माता-पिता को सम्मान दिया जाता है उनके किए गए कार्यों के लिए उन्हें शुक्रिया कहा जाता हैं। यह दिन माता-पिता के निस्वार्थ प्रेम, त्याग और बच्चों के जीवन को आकार देने में उनके द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। ताकि बच्चे जान सकें कि माता-पिता ने उनके लिए कितनी तकलीफें झेली हैं। यह दिन माता-पिता और बच्चों के बीच के बंधन को मजबूत करने का दिन है। और माता-पिता के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है। विमल डालमिया ने कहा कि आज हमारे परिवार का संस्कार ही है कि जब किसी समस्या का समाधान नहीं मिलता तो पिताजी एक शिक्षक की तरह उसका हल निकालते है। उनका एक एक शब्द एक लेशन है जो जीवन को आगे बढ़ने में मदद करता है। ( बंगाल से अशोक झा )
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