असम के मुख्यमंत्री का कहना है कि धुबरी में नया गो मांस माफिया सामने आया है और इस माफिया से पहले हज़ारों पशुओं की खरीद की है। साथ ही उनका कहना है कि इसमें जो भी अपराधी शामिल हैं उन्हें सलाखों के पीछे डाला जिया जाएगा। उन्होंने कहा, "मैंने धुबरी का दौरा किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे हमारे मंदिरों और पवित्र स्थानों को अपवित्र करने वाले तत्वों के खिलाफ जीरो सहनशीलता का पालन करें। शहर के हनुमान मंदिर में गोमांस फेंकने की घटना कभी नहीं होनी चाहिए थी और इसमें शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।" सीएम ने कहा है कि सरकार जिले में कानून-व्यवस्था को लागू करने और सभी सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सीएम सरमा ने कहा कि हाल ही में असम और बांग्लादेश में कुछ राजनीतिक परिवर्तन हुए हैं जिसके बाद एक विशेष वर्ग ऑनलाइन और ज़मीनी स्तर पर अत्यधिक सक्रिय हो गया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों के द्वारा राज्य में एक सुनियोजित तरीके से नकारात्मक वातावरण बनाने का प्रयास किया जा रहा है जैसे कि धुबरी के हनुमान मंदिर में गो मांस फेंकने की घटना है। क्या था मामला?असम के धुबरी जिले में मंदिर के पास मांस फेंके जाने के विरोध में हुए प्रदर्शनों के बाद उपजे सांप्रदायिक तनाव के कारण हालात बिगड़ गए थे, लेकिन अब स्थिति में सुधार होने पर मंगलवार को जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा हटा ली है और सभी दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। धुबरी शहर में रविवार को हुई इस घटना के बाद पुलिस को हालात नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे।सोमवार को कुछ असामाजिक तत्वों ने सब्जी विक्रेताओं और ई-रिक्शा चालकों पर हमला किया, जिसे पुलिस ने तत्काल नियंत्रित किया। हालात को देखते हुए बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी और पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने, प्रदर्शन और जुलूस पर रोक लगा दी गई थी।
इसमें शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की सीमा से लगे धुबरी जिले में रात में देखते ही गोली मारने के आदेश लागू होंगे। गोमांस मिलने के बाद बढ़ गया तनाव: हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "मैंने धुबरी का दौरा किया और अधिकारियों को मंदिरों और पवित्र स्थानों को अपवित्र करने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। धुबरी कस्बे में रविवार को एक मंदिर के पास मांस के टुकड़े मिलने के बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद इलाके में तनाव बढ़ गया।उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के आदेश: मुख्यमंत्री ने स्थिति की समीक्षा के लिए शुक्रवार को धुबरी का दौरा किया। उन्होंने कहा कि पत्थरबाजी की घटना में संलिप्त व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले में आरएएफ और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को तैनात किया जाएगा और धुबरी में सभी अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कानून अपने हाथ में लिये हैं, उनके साथ सख्ती से निपटा जाएगा।इलाके में क्यों फैली है अशांति: सीएम ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से धुबरी में कानून-व्यवस्था की स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। उन्होंने कहा कि बकरीद के अगले दिन सात जून को धुबरी जिला मुख्यालय में हनुमान मंदिर के सामने एक गाय का सिर मिला था, जिसके बाद हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों ने शांति और सद्भाव की अपील की थी। शर्मा ने बताया कि हालांकि अगले दिन फिर से मंदिर के सामने गाय का सिर रखा गया और रात में पत्थरबाजी की गई। उन्होंने बताया कि बकरीद से एक दिन पहले 'नबीन बांग्ला' नामक संगठन ने 'भड़काऊ पोस्टर' चिपकाए थे, जिनमें धुबरी को बांग्लादेश में शामिल करने की मंशा जाहिर की गई थी।अपराधियों से सख्ती से निपटे पुलिसः सीएम: मुख्यमंत्री ने कहा कि धुबरी में अशांति फैलाने के लिए एक सांप्रदायिक समूह सक्रिय हो गया है और इसके बारे में पता चलने के बाद मैं धुबरी आया हूं और जिले में रात में देखते ही गोली मारने के आदेश लागू रहेंगे। शर्मा ने कहा कि पहले बकरीद पर लोगों का एक वर्ग 'बीफ' खाता था, लेकिन इस बार पश्चिम बंगाल से हजारों मवेशी लाए गए हैं और धुबरी में एक ''नया बीफ माफिया''उभरा है, जिसने त्योहार से ठीक पहले हजारों जानवरों की खरीद की है। उन्होंने कहा, ''यह बात मेरी जानकारी में आई है और मैंने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे उन लोगों को गिरफ्तार करें, जिन्होंने यह मवेशी व्यापार शुरू किया है। ( गौहाटी से अशोक झा )
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