पहलगाम हमले के बाद बांग्लादेश बोर्डर पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। बीएसएफ सभी हमलों का जवाब देने को तैयार है। गुरुवार को महेश कुमार अग्रवाल, आईपीएस, एडीजी बीएसएफ (पूर्वी कमान) कोलकाता ने उत्तर बंगाल सीमांत की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की08 मई 2025 को महेश कुमार अग्रवाल, आईपीएस, अतिरिक्त महानिदेशक, पूर्वी कमान, सीमा सुरक्षा बल, कोलकाता ने फ्रंटियर के इलाक़े में वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा करने के लिए फ्रंटियर मुख्यालय बीएसएफ उत्तर बंगाल, कदमतला का दौरा किया। उत्तर बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक श्री मुकेश त्यागी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।आईजी फ्रंटियर ने उन्हें भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा सुरक्षा स्थिति और उभरती चुनौतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एडीजी ने ऑपरेशनल और प्रशासनिक चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने सैनिकों को वर्तमान सुरक्षा स्थिति के दौरान जीरो-लाइन पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देश दिया ताकि आपराधिक तत्वों द्वारा सीमा पार अपराधों के किसी भी प्रयास को विफल किया जा सके। उन्होंने बहादुर सैनिकों के प्रयासों की सराहना की। इसके बाद, उन्होंने जलपाईगुड़ी सेक्टर बीएसएफ के तहत तीन बीघा कॉरिडोर का दौरा किया और उन्हें डीआईजी जलपाईगुड़ी द्वारा ब्रीफिंग दी गई। तीन बीघा कॉरिडोर में पौधारोपण किया। उन्होंने तीस्ता नदी और दहाग्राम-अंगारपोटा एन्क्लेव के नदी क्षेत्र की ऑपरेशनल और प्रशासनिक चुनौतियों और सीमा क्षेत्र में स्थापित इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की प्रभावशीलता की समीक्षा की। एडीजी बीएसएफ (पूर्वी कमान) ने सेक्टर मुख्यालय जलपाईगुड़ी में सैनिक सम्मेलन को संबोधित किया, जवानों के साथ बातचीत की और सीमा सुरक्षा और ऑपरेशनल दक्षता के उच्चतम मानक सुनिश्चित करने में उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने उन्हें उच्चतम मानकों का स्वास्थ्य और फिटनेस बनाए रखने की सलाह दी।जवाबी कार्रवाई के बाद उत्तर बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी कर दी गई है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अब पहले से ज्यादा सतर्कता बरत रहा है और जवानों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है। उत्तर बंगाल की 936 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा बांग्लादेश के अलावा नेपाल और भूटान से भी लगती हैं. इन इलाकों में पहले से ही सुरक्षा बढ़ाई गई थी, लेकिन अब हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है. इंडो-नेपाल सीमा के पास एसएसबी की तैनाती में भी इजाफा हुआ है, खासकर पानीटंकी और ‘चिकेन नेक’ जैसे संवेदनशील इलाकों में। कूचबिहार जिले में करीब 157 किलोमीटर लंबी सीमा बांग्लादेश से लगती है, जिसमें लगभग 40 किलोमीटर क्षेत्र में अब भी कंटीले तार नहीं लगे हैं. इन इलाकों में बीएसएफ की गश्त और जवानों की संख्या को दोगुना कर दिया गया है. जलपाईगुड़ी जिले के फुलबाड़ी सीमा क्षेत्र में भी चौकसी तेज कर दी गई है। उत्तर दिनाजपुर जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा की लंबाई करीब 227 किलोमीटर है. चोपड़ा ब्लॉक के लक्ष्मीपुर, घिरनिगांव, दासपाड़ा और हफ्तियागंज पंचायतों के साथ-साथ गोआलपोखर-1 ब्लॉक के साहापुर-1 पंचायत में श्रीपुर सीमा और फुलबाड़ी बीओपी जैसे इलाके भी निगरानी में हैं. करनदिघी और रायगंज ब्लॉक की सीमाओं पर भी जवानों की तैनाती बढ़ाई गई है।इन सीमावर्ती इलाकों में हजारों भारतीय नागरिक रहते हैं. सीमा पार भारतीय भूभाग में लगभग 30 हजार बीघा कृषि भूमि है, जहां के किसान रोजाना सीमा गेट पार करके खेती करने जाते हैं. बीएसएफ ने अब इन आवाजाही पर भी सख्ती बढ़ा दी है. स्थानीय लोगों ने बताया कि खेती के लिए पार जाने की प्रक्रिया अब ज्यादा जांच के बाद ही संभव हो पा रही है।भारत की जवाबी सैन्य कार्रवाई के बाद बांग्लादेश सीमा पर भी तनाव की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में दोनों ओर से निगरानी तेज कर दी गई है ताकि किसी भी तरह की घुसपैठ या आपत्तिजनक गतिविधि को समय रहते रोका जा सके।
बीएसएफ एडीजी उत्तर बंगाल सीमांत की ऑपरेशनल तैयारियों की लिए जानकारी
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roamingjournalist
मई 09, 2025
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दो दशक से ज्यादा हो गया पत्रकारिता में हूं। नाम है दिनेश चंद्र मिश्र। देश के कई राज्यों व शहरों में काम करने का मौका मिलने के बाद दोस्तों ने मोहब्बत में नाम दिया रोमिंग जर्नलिस्ट तो इसको रखने के साथ इस नाम से ब्लॉग बना लिया। पत्रकारिता की पगडंडी से लेकर पिच तक पर कलम से की-बोर्ड तक के सफर का साक्षी हूं। दैनिक जागरण,हिंदुस्तान,अमर उजाला के बाद आजकल नवभारत टाइम्स नईदिल्ली में हूं। आपातकाल से लेकर देश-दुनिया की तमाम घटनाओं का साक्षी रहा हूं। दुनियाभर में घूमने के बाद खबरों के आगे-पीेछे की कहानी आप संग शेयर करने के लिए यह ब्लॉग बनाया हूं
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