- खराब मौसम और तिस्ता के उफान से राहत बचाव कार्य रोका गया
- उड़ीसा के मुख्यमंत्री ने की सिक्किम के मुख्यमंत्री से बात, आज पहुंचेगी उड़ीसा से एक टीम
पश्चिम बंगाल के पड़ोसी राज्य सिक्किम में सड़क हादसे में भाजपा नेता समेत चार पर्यटकों की मौत हो गई है, वहीं पांच अन्य पर्यटक लापता हैं। दो लोगों को बचा लिया गया है। वाहन में चालक समेत 11 यात्री सवार थे। इसमें ओडिशा के जाजपुर जिले की भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव इतिश्री जेना, उनके पति और दो बेटों की मौत की पुष्टि हो गई है। बचाए गए दोनों पर्यटक घायल हैं। उन्हें गंगटोक के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री डीआर थापा, महिला मोर्चा महासचिव सृजना छेत्री, मोर्चा कार्यकारी सांगे डोमा भूटिया और रीता छेत्री के साथ आज एसटीएनएम अस्पताल में मुन्सिथांग दुर्घटना में घायल पर्यटकों (स्वयं सुप्रतिम नायक और साईराज जेना) से मिलने पहुंचे। प्रदेश अध्यक्ष ने मेडिकल टीम से भी परामर्श किया और घायल व्यक्तियों की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी ली। मौसम खराब होने के कारण शुक्रवार शाम को राहत और बचाव कार्य को रोक देना पड़ा है। तिस्ता उफान पर है। जिलाधिकारी की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के साथ फोन पर बात की है। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सड़क हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। बताया गया है कि गुरुवार रात को उत्तर सिक्किम में चुंगथांग से मुनशिथांग की ओर जा रहा एक पर्यटक वाहन अनियंत्रित होकर लगभग एक हजार फीट नीचे तीस्ता नदी में गिर गया। वाहन में कूल 11 लोग सवार थे। वाहन करीब 1000 फीट गहरी खाई में गिरकर तीस्ता नदी में समा गया। हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और रातभर राहत व बचाव अभियान चलाया गया था। मिली जानकारी के अनुसार, यह वाहन लाचेन से लाचुंग की ओर जा रहा था। बताया जा रहा है कि गाड़ी में कुल 11 लोग सवार थे, जिनमें पर्यटक ओडिशा और कोलकाता के थे। वाहन ने एक तीव्र मोड़ पर नियंत्रण खो दिया और गहरी खाई में गिरते हुए सीधा तीस्ता नदी में जा गिरा। यह इलाका बेहद दुर्गम है और तीस्ता नदी का बहाव इस क्षेत्र में बहुत तेज़ है। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन, भारतीय सेना, इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस और सिक्किम पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गईं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था। पांच पर्यटक अभी भी लापता हैं। तलाश के लिए गोताखोरों और पर्वतीय बचाव इकाइयों की मदद ली जा रही है। इस खबर के सामने आने के बाद ओडिशा में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चिंता की लहर फैल गई है।ओडिशा ने विशेष टीम सिक्किम भेजा: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस हादसे पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से बात की और ओडिशा के पर्यटकों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने मीडिया को जानकारी दी कि माझी ने विशेष टीम को सिक्किम भेजने का निर्देश दिया है, जो वहां फंसे ओडिशा के नागरिकों की मदद करेगी। उन्होंने घायलों के समुचित इलाज और लापता लोगों की खोज के लिए हरसंभव सहायता देने की बात कही है। यात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए अधिकारियों को निर्देश: मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ओडिशा के यात्रियों की सुरक्षित वापसी की भी व्यवस्था करें। इसके साथ ही ओडिशा सरकार सिक्किम प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है। मुख्यमंत्री ने हादसे को अत्यंत दुखद बताते हुए कहा कि ओडिशा सरकार पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। उन्होंने सिक्किम सरकार से तत्काल बातचीत कर घायलों के इलाज, राहत और बचाव कार्यों को लेकर चर्चा की है। राज्य सरकार द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि घायलों की हरसंभव सहायता की जाएगी और उनके शीघ्र स्वस्थ होने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
दुर्घटना के बाद लाचेन-लाचुंग मार्ग अस्थायी रूप से बंद: इस दुर्घटना के बाद प्रशासन ने लाचेन-लाचुंग मार्ग को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है और पर्यटकों से अपील की है कि वे इस मार्ग पर यात्रा करने से फिलहाल परहेज़ करें। हादसे की भयावहता को देखते हुए स्थानीय लोग भी सहायता में जुटे हैं और बचाव टीमों के साथ समन्वय कर रहे हैं। राहत कार्य में कोई कसर नहीं - सोनम डेचु भूटिया सिक्किम के मंगन जिले के पुलिस अधीक्षक सोनम डेचु भूटिया ने बताया कि राहत कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है, लेकिन इलाके की कठिन भौगोलिक परिस्थितियां और नदी की तेज़ धारा रेस्क्यू को चुनौतीपूर्ण बना रही हैं। फिर भी टीमों को भरोसा है कि लापता लोगों को जल्द से जल्द खोज लिया जाएगा। बचाव कार्य में संयुक्त कोशिशें जारी: पूरा घटनाक्रम देशभर में चिंता और दुख का विषय बन गया है। स्थानीय प्रशासन और सेना की संयुक्त कोशिशें जारी हैं। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी घटनाक्रम पर नज़र रखी जा रही है।तीस्ता नदी का बहाव काफी तेज: तीस्ता नदी का उद्गम सिक्किम राज्य के उत्तर में स्थित जेमा ग्लेसियर से बने चोलामु झील से होता है, जो कंचनजंघा पर्वत श्रृंखला के निकट समुद्र तल से लगभग 5,330 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इसलिए इस नदी का बहाव काफी तीव्र होता है। यह नदी सिक्किम के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी जिलों और सिलीगुड़ी से बहती हुई बांग्लादेश में प्रवेश करती है। लगभग 315 किलोमीटर लंबी तीस्ता नदी भारत और बांग्लादेश के लिए जल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है। यह नदी दो देशों के बीच जल-बंटवारे के लिए भी एक महत्वपूर्ण विषय बनी हुई है। ( अशोक झा की कलम से )
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