सोशल मीडिया पर एक बांग्लादेशी इस्लामी कट्टरपंथी का वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें वह भारत विरोधी जहरीले बयान देता दिखाई दे रहा है। वीडियो में वह दावा कर रहा है कि अगर बांग्लादेशी सेना उसे आदेश दे, तो वह तालिबानी शैली में कोलकाता पर कब्जा कर सकता है। वीडियो में क्या है?: यह वीडियो वॉइस का बांग्लादेशी हिंदू नामक ट्विटर अकाउंट से साझा किया गया है। इसमें कट्टरपंथी नेता को कहते सुना जा सकता है, अगर अभी बांग्लादेशी सेना मुझसे कह दे कि कोलकाता पर कब्जा कर लो, तो मैं योजना बना लूंगा। 70 फाइटर जेट्स की क्या जरूरत? मुझे तो 7 जहाज भी नहीं चाहिए। मैं जानता हूं वहां कौन रहता है मूर्तियों को पूजने वाले लोग।' इसके बाद उसने हिंदुओं के खान-पान और सांस्कृतिक विश्वासों को अपमानजनक शब्दों में निशाना बनाया। उसने कहा, 'मैं जानता हूं कि उनके पसंदीदा खाने क्या हैं? गोबर और कछुए जैसी गंदी चीजें। मैं जानता हूं कि उनकी समझ कितनी कम है, शारीरिक रूप से कितने कमजोर हैं, और अपने धर्म में उनका विश्वास कितना कमजोर है। अगर आपको ये बातें नहीं पता हैं, तो आप मुस्लिम कमांडर नहीं बन सकते, समझे? भारत जहां अपने पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के साथ जारी तनावों का सामना कर रहा है, वहीं बांग्लादेश में कट्टर इस्लाम की बढ़ती प्रभावशाली भूमिका भारत के लिए एक और चुनौती बन सकती है। हाल ही में, ढाका की सड़कों पर हिज्बुल तहरीर के झंडे खुलेआम लहराए गए, जिससे बांग्लादेश के राजनीतिक माहौल को लेकर चिंता बढ़ गई है। यह घटना राजधानी ढाका के शाहबाग क्षेत्र में हुई, जहां प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी सत्तारूढ़ अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे थे। इस प्रदर्शन में उर्दू में नारे भी लगाए गए, जिससे यह विदेशी उग्रवादी विचारधाराओं से जुड़ा प्रतीत होता है।हिज्बुल तहरीर का बढ़ता प्रभाव: हिज्बुल तहरीर (HT) एक पैन-इस्लामिक संगठन है, जो शरीयत कानून द्वारा शासित एक वैश्विक इस्लामिक ख़िलाफ़त की स्थापना करना चाहता है और लोकतांत्रिक मूल्यों और धर्मनिरपेक्षता को नकारता है। यह संगठन कई देशों, जिनमें बांगलादेश भी शामिल है, में प्रतिबंधित है क्योंकि इसके उग्रवादी विचार और अलकायदा तथा आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से संपर्क हैं। प्रतिबंध के बावजूद, हिज्बुल तहरीर राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं रखने के साथ सार्वजनिक प्रदर्शनों में अपनी विचारधारा को पेश करता रहता है। ढाका में हुए इस प्रदर्शन में जमीअत-ए-इस्लाम, हिफाजत-ए-इस्लाम और राष्ट्रीय नागरिक पार्टी जैसे अन्य उग्रवादी दलों के साथ-साथ हिज्बुल तहरीर की उपस्थिति क्षेत्र में उग्रवादी विचारधाराओं के गहरे असर को दिखाती है। प्रदर्शन केवल प्रधानमंत्री हसीना के खिलाफ राजनीतिक विरोध तक सीमित नहीं थे, बल्कि इनमें एक गहरी विचारधारात्मक पृष्ठभूमि भी थी। बांगलादेशी पत्रकार शाहिदुल हसन खोखोन के अनुसार, ये प्रदर्शन विदेशी आतंकवादी संगठनों के प्रतीकों से लैस थे, जो सवाल उठाते हैं कि इन प्रदर्शनों के पीछे कौन लोग हैं। इनमें भाग लेने वाले संगठन लोकतंत्र, महिलाओं के अधिकारों, धार्मिक सहनशीलता और सांस्कृतिक विविधता के खिलाफ हैं-वह सब कुछ जो बांगलादेश के लोकतांत्रिक ताने-बाने के लिए महत्वपूर्ण है।बांग्लादेश और भारत के लिए बढ़ता खतरा: भारत जहां पाकिस्तान के साथ जटिल रिश्तों में व्यस्त है और पाकिस्तान भी कट्टरपंथी इस्लाम के प्रभाव में आ रहा है, वहीं बांगलादेश में बढ़ते कट्टरपंथी समूहों का प्रभाव भारत के लिए एक और रणनीतिक चिंता बन सकता है। बांगलादेश में कट्टरपंथी समूहों की बढ़ती उपस्थिति क्षेत्रीय अस्थिरता का कारण बन सकती है और भारत के लिए नए सुरक्षा खतरे पैदा कर सकती है, खासकर तब जब तुर्की जैसे देश पाकिस्तान के कट्टरपंथी इस्लामी एजेंडे के साथ जुड़ रहे हैं। भारत के लिए यह जरूरी है कि वह पाकिस्तान के साथ अपनी पश्चिमी सीमाओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ बांग्लादेश में उभरते हुए उग्रवाद की ओर भी अपनी नजर बनाए रखे, क्योंकि इसका क्षेत्रीय स्थिरता पर दूरगामी प्रभाव हो सकता है। बांग्लादेश के राजनीतिक और वैचारिक वातावरण का प्रभाव केवल देश के भविष्य पर ही नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय हितों पर भी हो सकता है। (बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा )
इस बांग्लादेशी इस्लामी कट्टरपंथी के वायरल वीडियो से हर हिंदुस्तानी का खौल उठेगा खून
मई 13, 2025
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