पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार सिलीगुड़ी। शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन व्यापार के लिए प्रतिदिन लाखों लोगों का आना जाना लगा रहता है। ऐसे में यहां एक 'बिजनेस' ऐसा भी है जो किसी भी हाल में गुलजार है। यहां बात हो रही है मसाज-स्पा सेंटरों की। सिविक एजेंसियों के मुताबिक, सिलीगुड़ी और उसके आसपास के विभिन्न हिस्सों में करीब 250 मसाज सेंटर खुले हैं। अगर इनकी सर्विस को मिलाकर एक दिन की कमाई का ग्राफ देखें तो वह एक करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच जाता है। सबसे मजे की बात है कि सिर्फ ट्रेड लाइसेंस के सहारे धंधा को अंजाम दिया जाता है। भले ही कागजों में ये सेंटर जीएसटी के दायरे में आते हों, लेकिन स्पा सेंटर के काउंटर पर कैश लेकर ग्राहक को अंदर भेज दिया जाता है। पुलिस विभाग में इसके एक दो नहीं दर्जनों मुखबिर है। जिन्हें पैसे के साथ मुफ्त मौज मस्ती करवाया जाता है। कई जगहों पर मसाज सेंटर मालिक जीएसटी के दायरे से बाहर रहने के लिए अपना सालाना कलेक्शन पांच से 7 लाख रुपये से ज्यादा नहीं दिखाते। लगातार बढ़ रही है ग्राहकों की संख्या: चल रहे स्पा या मसाज सेंटर्स के लिए लोगों का क्रेज दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। यहां थाई, स्वीडिश, डिप टिश्यू, ड्राई मसाज, ऑयल मसाज, ट्रिगर प्वाइंट या थाई थैरेपी आदि दर्जनभर मसाज का विकल्प दिया जाता था। आज हालत यह है कि स्पा सेंटर में काउंटर पर फीस जमा कराने के बाद ग्राहक जब रुम में पहुंचता है, तो मसाज गर्ल्स का पहला सवाल होता है कि आप फुल सर्विस लेंगे या हाफ सर्विस। इस खेल के जरिए ही इन स्पा सेंटर्स में सबसे ज्यादा कमाई होती है। लगभग 20 से 30 मिनट के बाद अगर स्पा गर्ल एक्स्ट्रा सर्विस की बात कहती है तो माना जाता है कि वहां गलत काम किया जाता है। ऐसे ग्राहक जो इस तरह की सर्विस चाहते हैं उन्हें स्पा गर्ल एक्स्ट्रा सर्विस देती है। यह सर्विस एस्कॉर्ट सर्विस की तरह ही होती है और इसके लिए रकम से 5 से 6 गुना ज्यादा कीमत वसूली जाती है। जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक स्पा सेंटर में काम करने वाली ज्यादातर लड़कियां शादीशुदा होती हैं। आर्थिक स्थिति को देखते हुए वहां काम करती हैं और ग्राहकों के सामने अपना बदला हुआ नाम ही बताती हैं। हालांकि इस धंधे में पैसे को देखते हुए अब वह पढ़ी-लिखी और जॉब की तलाश वाली मॉर्डन लड़कियां भी आने लगी हैं। इतना ही नहीं यह जानकारी भी सामने आई है कि स्पा सेंटर में एक्स्ट्रा सर्विस के नाम पर जो रकम बताई जाती है उस पर मोलभाव भी होता है। बिजनेसमैन और पैसे वाले लोग इस तरह की सर्विस से ज्यादा लेते हैं। हालांकि कॉलेज यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट भी स्पा सेंटर का रुख करने लगे हैं। स्पा गर्ल को पहले ही क्लाइंट के सामने अभिवादन के लिए भेज दिया जाता है। अगर स्पा गर्ल पसंद होती है तो उसे क्लाइंट के पास सर्विस देने के लिए कहा जाता है। एक स्पा गर्ल को हर महीने 10 से 15 हजार की सैलरी मिलती है लेकिन अगर वह एक्स्ट्रा सर्विस देती है तो उसका परसेंटेज फिक्स होता है। क्या है फुल या हाफ सर्विस : सभी जानते हैं कि फुल सर्विस में अश्लीलता की सभी सीमाएं लांघी जाती हैं। अब हाफ सर्विस का मतलब भी समझा जा सकता है। अगर ग्राहक फुल सर्विस के लिए बोलता है तो उससे 25 सौ रुपये से लेकर चार हजार रुपये तक मांगे जाते हैं। हाफ सर्विस का रेट 1,200 से लेकर 1,500 रुपये के बीच रहता है। माटीगाड़ा के चर्चित मॉल स्थित स्पा सेंटर के मालकिन का कहना है, ये रेट इलाके वाइज तय होते हैं। पॉश इलाकों में फुल सर्विस का रेट तीन-चार हजार रुपये के आसपास रहता है। स्पा सेंटर पर यह च्वाइस भी मिलती है। एक स्पा सेंटर की रोज की कमाई 50 से 60 हजार : सिलीगुड़ी के विभिन्न हिस्सों में तैनात तीन दर्जन से ज्यादा स्पा सेंटरों पर की गई बातचीत के बाद गुलाबी धंधे की अंधी कमाई का ग्राफ सामने आया है।स्पा सेंटरों पर दो तरह से एंट्री फीस वसूली जाती है। कुछ ऐसे सेंटर हैं जहां एंट्री फीस एक हजार रुपये है, तो अन्य पर यही फीस 1,500 रुपये है। एक सेंटर पर औसतन प्रतिदिन 15 से 20 ग्राहक आते हैं। वहीं प्रति सेंटर मसाज गर्ल्स की संख्या छह-सात रहती है। एक मसाज गर्ल्स के पास प्रतिदिन औसतन तीन ग्राहक आते हैं। एक ग्राहक स्पा रुम के भीतर यदि 2,500 रुपये खर्च कर रहा है, तो सभी सेंटरों को मिलाकर यह राशि एक करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाती है।
यदि कोई ग्राहक आने से पहले फोन कर एडवांस बुकिंग करता है, तो बाद में उस मसाज गर्ल से सेंटर मालिक पांच सौ रुपये ले लेता है। सीजन यानि दुर्गापूजा से जनवरी फरवरी में कई बार टूरिस्ट वीजा से थाईलैंड, बैंकॉक और नेपाल की लड़कियां भी बुलाई जाती हैं। विदेशी गर्ल्स को हिंदी नहीं आती, वे टूटी फूटी अंग्रेजी में रेट तय करती हैं। शुरु में हर ग्राहक का विदेशी गर्ल्स के प्रति खास आकर्षण होता है। एस सुधाकर, पुलिस कमिश्नर सिलीगुड़ी का कहना है कि पुलिस लगातार इसपर नजर रख रही है। सूचनाओं के आधार पर छापामारी कर कारवाई की जा रही है। ( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
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